उस समय से यीशु अपने शिष्यों पर प्रकट करने लगा कि अवश्य है कि मैं यरूशलेम को जाऊँ और धर्मवृद्धों, मुख्य याजकों और शास्त्रियों के हाथों बहुत दुःख उठाऊँ और मार डाला जाऊँ, और तीसरे दिन जी उठूँ।
मरकुस 10:33 - नवीन हिंदी बाइबल “देखो, हम यरूशलेम को जा रहे हैं, वहाँ मनुष्य का पुत्र मुख्य याजकों और शास्त्रियों के हाथ में सौंप दिया जाएगा, वे उसे मृत्युदंड के योग्य ठहराएँगे और उसे गैरयहूदियों के हाथ में सौंप देंगे। पवित्र बाइबल “सुनो, हम यरूशलेम जा रहे हैं। मनुष्य के पुत्र को धोखे से पकड़वा कर प्रमुख याजकों और धर्मशास्त्रियों को सौंप दिया जायेगा। और वे उसे मृत्यु दण्ड दे कर ग़ैर यहूदियों को सौंप देंगे। Hindi Holy Bible कि देखो, हम यरूशलेम को जाते हैं, और मनुष्य का पुत्र महायाजकों और शास्त्रियों के हाथ पकड़वाया जाएगा, और वे उस को घात के योग्य ठहराएंगे, और अन्यजातियों के हाथ में सौंपेंगे। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) “देखो, हम यरूशलेम जा रहे हैं। मानव-पुत्र महापुरोहितों और शास्त्रियों के हाथ में सौंप दिया जाएगा। वे उसे प्राणदण्ड के योग्य ठहराएँगे और अन्य-जातियों के हाथ में सौंप देंगे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “देखो, हम यरूशलेम को जाते हैं, और मनुष्य का पुत्र प्रधान याजकों और शास्त्रियों के हाथ पकड़वाया जाएगा, और वे उसको घात के योग्य ठहराएँगे, और अन्य जातियों के हाथ में सौंपेंगे। सरल हिन्दी बाइबल “हम येरूशलेम नगर को जा रहे हैं, वहां मनुष्य के पुत्र को प्रधान पुरोहितों तथा शास्त्रियों के हाथों में सौंप दिया जाएगा. वे उस पर मृत्यु दंड की आज्ञा प्रसारित करेंगे तथा उसे गैर-यहूदियों को सौंप देंगे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “देखो, हम यरूशलेम को जाते हैं, और मनुष्य का पुत्र प्रधान याजकों और शास्त्रियों के हाथ पकड़वाया जाएगा, और वे उसको मृत्यु के योग्य ठहराएँगे, और अन्यजातियों के हाथ में सौंपेंगे। |
उस समय से यीशु अपने शिष्यों पर प्रकट करने लगा कि अवश्य है कि मैं यरूशलेम को जाऊँ और धर्मवृद्धों, मुख्य याजकों और शास्त्रियों के हाथों बहुत दुःख उठाऊँ और मार डाला जाऊँ, और तीसरे दिन जी उठूँ।
तुमने यह निंदा सुनी, तुम्हारा क्या विचार है?” और उन सब ने उसे मृत्युदंड के योग्य ठहराया।
भोर होते ही धर्मवृद्धों और शास्त्रियों के साथ मुख्य याजकों और संपूर्ण महासभा ने सम्मति की और यीशु को बाँधकर ले गए, तथा पिलातुस के हाथों सौंप दिया।
फिर वह उन्हें सिखाने लगा कि मनुष्य के पुत्र के लिए अवश्य है कि वह बहुत दुःख उठाए; धर्मवृद्धों, मुख्य याजकों और शास्त्रियों द्वारा ठुकराया जाए, मार डाला जाए और तीन दिन के बाद फिर जी उठे।
उसने उनसे कहा,“एलिय्याह ही पहले आकर सब कुछ सुधारेगा; परंतु मनुष्य के पुत्र के विषय में यह क्यों लिखा है कि वह बहुत दुःख उठाएगा और उसे तुच्छ समझा जाएगा?
क्योंकि वह अपने शिष्यों को सिखाता और उन्हें बताता था,“मनुष्य का पुत्र, मनुष्यों के हाथों पकड़वाया जाएगा, वे उसे मार डालेंगे और मरने के तीन दिन बाद वह फिर जी उठेगा।”
और कहा,“अवश्य है कि मनुष्य का पुत्र बहुत दुःख उठाए; धर्मवृद्धों, मुख्य याजकों और शास्त्रियों द्वारा ठुकराया जाए, मार डाला जाए और तीसरे दिन जी उठे।”
अतः वे यीशु को काइफा के पास से राजभवन में ले गए; यह भोर का समय था। परंतु उन्होंने राजभवन में प्रवेश नहीं किया ताकि वे अशुद्ध न हों और फसह का भोज खा सकें।
ऐसा इसलिए हुआ कि यीशु का वह वचन पूरा हो जिसमें उसने यह संकेत देते हुए कहा था कि उसकी मृत्यु किस प्रकार की होगी।
यीशु ने उसे उत्तर दिया,“यदि तुझे ऊपर से न दिया गया होता तो तेरा मुझ पर कोई अधिकार न होता; इसलिए जिसने मुझे तेरे हाथ सौंपा है उसका पाप और भी बड़ा है।”
क्योंकि यरूशलेम के रहनेवालों और उनके अधिकारियों ने उसे नहीं पहचाना और न ही भविष्यवक्ताओं की उन बातों को समझा जो हर सब्त के दिन पढ़ी जाती हैं, इसलिए उन्होंने उसे दोषी ठहराकर उन बातों को पूरा किया;
अब देखो, मैं आत्मा में बँधा हुआ यरूशलेम को जा रहा हूँ, और नहीं जानता कि वहाँ मेरे साथ क्या होगा,