परंतु यीशु चुप रहा। तब महायाजक ने उससे कहा, “मैं तुझे जीवित परमेश्वर की शपथ देता हूँ कि यदि तू परमेश्वर का पुत्र मसीह है तो हमें बता।”
मत्ती 27:54 - नवीन हिंदी बाइबल जब शतपति और उसके साथ यीशु का पहरा देनेवालों ने भूकंप और उन घटनाओं को देखा तो अत्यंत डर गए और कहने लगे, “सचमुच, यह परमेश्वर का पुत्र था।” पवित्र बाइबल रोमी सेना नायक और यीशु पर पहरा दे रहे लोग भूचाल और वैसी ही दूसरी घटनाओं को देख कर डर गये थे। वे बोले, “यीशु वास्तव में परमेश्वर का पुत्र था।” Hindi Holy Bible तब सूबेदार और जो उसके साथ यीशु का पहरा दे रहे थे, भुईंडोल और जो कुछ हुआ था, देखकर अत्यन्त डर गए, और कहा, सचमुच “यह परमेश्वर का पुत्र था”। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) शतपति और उसके साथ येशु पर पहरा देने वाले सैनिक भूकम्प और इन सब घटनाओं को देख कर अत्यन्त भयभीत हो गये और बोल उठे, “निश्चय ही, यह परमेश्वर का पुत्र था।” पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब सूबेदार और जो उसके साथ यीशु का पहरा दे रहे थे, भूकम्प और जो कुछ हुआ था उसे देखकर अत्यन्त डर गये और कहा, “सचमुच यह परमेश्वर का पुत्र था!” सरल हिन्दी बाइबल शताधिपति और वे, जो उसके साथ येशु की पहरा दे रहे थे, उस भूकंप तथा अन्य घटनाओं को देखकर अत्यंत भयभीत हो गए और कहने लगे, “सचमुच यह परमेश्वर के पुत्र थे!” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब सूबेदार और जो उसके साथ यीशु का पहरा दे रहे थे, भूकम्प और जो कुछ हुआ था, देखकर अत्यन्त डर गए, और कहा, “सचमुच यह परमेश्वर का पुत्र था!” |
परंतु यीशु चुप रहा। तब महायाजक ने उससे कहा, “मैं तुझे जीवित परमेश्वर की शपथ देता हूँ कि यदि तू परमेश्वर का पुत्र मसीह है तो हमें बता।”
और कह रहे थे, “मंदिर को ढाकर तीन दिन में बनानेवाले, अपने आपको बचा, यदि तू परमेश्वर का पुत्र है तो क्रूस से नीचे उतर आ!”
इसने परमेश्वर पर भरोसा रखा है, अब यदि परमेश्वर चाहता है तो इसे बचा ले; क्योंकि इसने कहा था कि मैं परमेश्वर का पुत्र हूँ।”
और देखो, मंदिर का परदा ऊपर से नीचे तक फटकर दो टुकड़े हो गया, और पृथ्वी हिल गई और चट्टानें तड़क गईं;
तब परखनेवाले ने पास आकर उससे कहा, “यदि तू परमेश्वर का पुत्र है, तो कह दे, कि ये पत्थर रोटियाँ बन जाएँ।”
यीशु के सामने खड़े शतपति ने उसे इस प्रकार प्राण त्यागते देखकर कहा, “सचमुच यह मनुष्य परमेश्वर का पुत्र था।”
तब सब ने कहा, “तो क्या तू परमेश्वर का पुत्र है?” उसने उनसे कहा,“तुम कह रहे हो, क्योंकि मैं हूँ।”
इस पर यहूदियों ने उससे कहा, “हमारी व्यवस्था है और उस व्यवस्था के अनुसार उसे मर जाना चाहिए, क्योंकि उसने अपने आपको परमेश्वर का पुत्र ठहराया है।”
कैसरिया में कुरनेलियुस नामक एक व्यक्ति था। वह उस सैन्य दल का शतपति था जो इतालियानी कहलाता था।
यह सुनकर उनके हृदय छिद गए, और उन्होंने पतरस तथा अन्य प्रेरितों से पूछा, “भाइयो, हम क्या करें?”
वह तुरंत सैनिकों तथा शतपतियों को लेकर उनके पास नीचे दौड़ आया; और जब लोगों ने सेनापति और सैनिकों को देखा तो पौलुस को पीटना बंद कर दिया।
तब पौलुस ने शतपतियों में से एक को अपने पास बुलाकर कहा, “इस युवक को सेनापति के पास ले जा, क्योंकि इसको उसे कुछ बताना है।”
फिर उसने दो शतपतियों को अपने पास बुलाकर कहा, “रात के नौ बजे तक कैसरिया जाने के लिए दो सौ सैनिकों, सत्तर घुड़सवारों और दो सौ भाला चलानेवालों को तैयार रखो,
जब यह निश्चित हो गया कि हमें जहाज़ से इटली जाना है, तो उन्होंने पौलुस और कुछ अन्य बंदियों को औगुस्तुस के सैन्य दल के यूलियुस नामक शतपति के हाथ सौंप दिया।
परंतु शतपति ने पौलुस को बचाने की इच्छा से उन्हें ऐसा करने से रोका, और आदेश दिया कि जो तैर सकते हैं वे पहले कूदकर भूमि पर पहुँच जाएँ;
और पवित्रता के आत्मा के अनुसार मृतकों में से जी उठने के द्वारा सामर्थ्य के साथ परमेश्वर का पुत्र प्रमाणित हुआ,
उसी समय एक बड़ा भूकंप हुआ, और नगर का दसवाँ भाग गिर पड़ा। उस भूकंप में सात हज़ार लोग मारे गए, और बाकी लोगों ने भयभीत होकर स्वर्ग के परमेश्वर की महिमा की।