जब शिष्यों ने यह देखा तो आश्चर्य किया और कहने लगे, “यह अंजीर का पेड़ तुरंत कैसे सूख गया?”
मत्ती 21:19 - नवीन हिंदी बाइबल मार्ग में अंजीर का एक पेड़ देखकर वह उसके पास गया, और उसमें पत्तियों को छोड़ उसे और कुछ न मिला, तब उसने उस पेड़ से कहा,“अब से तुझमें कभी फल न लगे।” और वह अंजीर का पेड़ तुरंत सूख गया। पवित्र बाइबल राह किनारे उसने अंजीर का एक पेड़ देखा सो वह उसके पास गया, पर उसे उस पर पत्तों को छोड़ और कुछ नहीं मिला। सो उसने पेड़ से कहा, “तुझ पर आगे कभी फल न लगे!” और वह अंजीर का पेड़ तुरंत सूख गया। Hindi Holy Bible और अंजीर का एक पेड़ सड़क के किनारे देखकर वह उसके पास गया, और पत्तों को छोड़ उस में और कुछ न पाकर उस से कहा, अब से तुझ में फिर कभी फल न लगे; और अंजीर का पेड़ तुरन्त सुख गया। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उन्होंने मार्ग के किनारे अंजीर का एक पेड़ देखा। वह उसके पास आए। परन्तु उन्होंने उस में पत्तों को छोड़कर और कुछ नहीं पाया। येशु ने पेड़ से कहा, “अब से तुझ में फिर कभी फल न लगे।” और उसी क्षण अंजीर का वह पेड़ सूख गया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) सड़क के किनारे अंजीर का एक पेड़ देखकर वह उसके पास गया, और पत्तों को छोड़ उसमें और कुछ न पाकर उससे कहा, “अब से तुझ में फिर कभी फल न लगें।” और अंजीर का पेड़ तुरन्त सूख गया। सरल हिन्दी बाइबल मार्ग के किनारे एक अंजीर का पेड़ देखकर वह उसके पास गए किंतु उन्हें उसमें पत्तियों के अलावा कुछ नहीं मिला. इस पर येशु ने उस पेड़ को शाप दिया, “अब से तुझमें कभी कोई फल नहीं लगेगा.” तुरंत ही वह पेड़ मुरझा गया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और अंजीर के पेड़ को सड़क के किनारे देखकर वह उसके पास गया, और पत्तों को छोड़ उसमें और कुछ न पाकर उससे कहा, “अब से तुझ में फिर कभी फल न लगे।” और अंजीर का पेड़ तुरन्त सूख गया। |
जब शिष्यों ने यह देखा तो आश्चर्य किया और कहने लगे, “यह अंजीर का पेड़ तुरंत कैसे सूख गया?”
अब कुल्हाड़ा पेड़ों की जड़ पर रखा है, और प्रत्येक पेड़ जो अच्छा फल नहीं लाता, वह काटा और आग में झोंक दिया जाता है।”
प्रत्येक डाली जो मुझमें है और फल नहीं लाती, उसे वह काटता है, और प्रत्येक जो फल लाती है उसे वह छाँटता है, ताकि और अधिक फल लाए।
यदि कोई मुझमें बना न रहे, तो वह डाली के समान बाहर फेंक दिया जाता है और सूख जाता है, फिर लोग उन्हें इकट्ठा करके आग में झोंक देते हैं और वे जल जाती हैं।
वे भक्ति का वेश तो धारण करेंगे परंतु उसकी शक्ति को नहीं मानेंगे; ऐसे लोगों से दूर रह।
वे परमेश्वर को जानने का दावा तो करते हैं परंतु अपने कार्यों से उसका इनकार करते हैं। वे घृणित, आज्ञा न माननेवाले और किसी भले कार्य के योग्य नहीं हैं।
ये जो तुम्हारे प्रीति-भोजों में तुम्हारे साथ निडर होकर खाते-पीते हैं; वे कलंक के समान हैं और अपना ही ध्यान रखते हैं। ये निर्जल बादल हैं जिन्हें हवा उड़ा ले जाती है। ये पतझड़ के निष्फल पेड़ हैं जो दो बार सूखकर जड़ से उखाड़े गए हैं।
जो अन्याय करता है वह अन्याय करता रहे, और जो अपवित्र है वह अपवित्र ही बना रहे; और जो धर्मी है वह धार्मिकता के कार्य करता रहे, और जो पवित्र है वह पवित्र ही बना रहे।”