क्योंकि जिस प्रकार योना एक विशाल मछली के पेट में तीन दिन और तीन रात रहा,उसी प्रकार मनुष्य का पुत्र भी पृथ्वी के गर्भ में तीन दिन और तीन रात रहेगा।
मत्ती 16:21 - नवीन हिंदी बाइबल उस समय से यीशु अपने शिष्यों पर प्रकट करने लगा कि अवश्य है कि मैं यरूशलेम को जाऊँ और धर्मवृद्धों, मुख्य याजकों और शास्त्रियों के हाथों बहुत दुःख उठाऊँ और मार डाला जाऊँ, और तीसरे दिन जी उठूँ। पवित्र बाइबल उस समय यीशु अपने शिष्यों को बताने लगा कि, उसे यरूशलेम जाना चाहिये। जहाँ उसे यहूदी धर्मशास्त्रियों, बुज़ुर्ग यहूदी नेताओं और प्रमुख याजकों द्वारा यातनाएँ पहुँचा कर मरवा दिया जायेगा। फिर तीसरे दिन वह मरे हुओं में से जी उठेगा। Hindi Holy Bible उस समय से यीशु अपने चेलों को बताने लगा, कि मुझे अवश्य है, कि यरूशलेम को जाऊं, और पुरनियों और महायाजकों और शास्त्रियों के हाथ से बहुत दुख उठाऊं; और मार डाला जाऊं; और तीसरे दिन जी उठूं। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उस समय से येशु अपने शिष्यों को यह समझाने लगे कि “मुझे यरूशलेम जाना ही होगा। यह अनिवार्य है कि मैं वहाँ धर्मवृद्धों, महापुरोहितों और शास्त्रियों के हाथ से बहुत दु:ख उठाऊं, मार डाला जाऊं और तीसरे दिन जीवित हो उठूँ।” पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उस समय से यीशु अपने चेलों को बताने लगा, “अवश्य है कि मैं यरूशलेम को जाऊँ, और पुरनियों, और प्रधान याजकों, और शास्त्रियों के हाथ से बहुत दु:ख उठाऊँ; और मार डाला जाऊँ; और तीसरे दिन जी उठूँ।” सरल हिन्दी बाइबल इस समय से येशु ने शिष्यों पर यह स्पष्ट करना प्रारंभ कर दिया कि उनका येरूशलेम नगर जाना, पुरनियों, प्रधान पुरोहितों और शास्त्रियों द्वारा उन्हें यातना दिया जाना, मार डाला जाना तथा तीसरे दिन मरे हुओं में से जीवित किया जाना अवश्य है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उस समय से यीशु अपने चेलों को बताने लगा, “मुझे अवश्य है, कि यरूशलेम को जाऊँ, और प्राचीनों और प्रधान याजकों और शास्त्रियों के हाथ से बहुत दुःख उठाऊँ; और मार डाला जाऊँ; और तीसरे दिन जी उठूँ।” |
क्योंकि जिस प्रकार योना एक विशाल मछली के पेट में तीन दिन और तीन रात रहा,उसी प्रकार मनुष्य का पुत्र भी पृथ्वी के गर्भ में तीन दिन और तीन रात रहेगा।
तब पतरस उसे अलग ले जाकर झिड़कने लगा, “नहीं प्रभु! परमेश्वर की दया तुझ पर बनी रहे! तेरे साथ ऐसा कभी नहीं होगा।”
मैं तुमसे सच कहता हूँ कि यहाँ खड़े लोगों में से कुछ ऐसे हैं कि जब तक मनुष्य के पुत्र को अपने राज्य में आता हुआ न देख लें, तब तक मृत्यु का स्वाद कदापि न चखेंगे।”
परंतु मैं तुमसे कहता हूँ कि एलिय्याह आ चुका है, और लोगों ने उसे नहीं पहचाना, बल्कि जैसा उन्होंने चाहा वैसा उसके साथ किया; इसी प्रकार मनुष्य का पुत्र भी उनके हाथों दुःख उठाने वाला है।”
जब वे पहाड़ से नीचे उतर रहे थे तो यीशु ने उन्हें यह आज्ञा दी,“जब तक मनुष्य का पुत्र मृतकों में से जी न उठे, तब तक तुम इस दर्शन के विषय में किसी से न कहना।”
जैसे कि मनुष्य का पुत्र सेवा कराने नहीं बल्कि सेवा करने और बहुतों की छुड़ौती के लिए अपना प्राण देने आया।”
“तुम जानते हो कि दो दिन के बाद फसह का पर्व है, और मनुष्य का पुत्र क्रूस पर चढ़ाए जाने के लिए पकड़वाया जाएगा।”
अभी यीशु यह कह ही रहा था कि देखो, यहूदा जो बारहों में से एक था, आया, और उसके साथ मुख्य याजकों और लोगों के धर्मवृद्धों की ओर से आई एक भीड़ थी जिनके पास तलवारें और लाठियाँ थीं।
मुख्य याजकों और धर्मवृद्धों द्वारा उस पर आरोप लगाए जाने पर भी उसने कोई उत्तर नहीं दिया।
और कहा, “महोदय, हमें स्मरण है कि उस भरमानेवाले ने अपने जीते जी कहा था, ‘मैं तीन दिन के बाद जी उठूँगा’।
वह यहाँ नहीं है, क्योंकि जैसा उसने कहा था, वह जी उठा है; आओ! इस स्थान को देखो जहाँ उसे रखा गया था।
फिर वह उन्हें सिखाने लगा कि मनुष्य के पुत्र के लिए अवश्य है कि वह बहुत दुःख उठाए; धर्मवृद्धों, मुख्य याजकों और शास्त्रियों द्वारा ठुकराया जाए, मार डाला जाए और तीन दिन के बाद फिर जी उठे।
उसने उनसे कहा,“एलिय्याह ही पहले आकर सब कुछ सुधारेगा; परंतु मनुष्य के पुत्र के विषय में यह क्यों लिखा है कि वह बहुत दुःख उठाएगा और उसे तुच्छ समझा जाएगा?
उसने उनसे कहा,“इस प्रकार लिखा है कि मसीह दुःख उठाएगा और तीसरे दिन मृतकों में से जी उठेगा,