दुष्टों के शब्द प्राणघातक होते हैं, परंतु सीधे लोगों की बातें लोगों की रक्षा करती हैं।
मत्ती 12:35 - नवीन हिंदी बाइबल भला मनुष्य अपनेभले भंडार से भली बातें निकालता है, और बुरा मनुष्य अपने बुरे भंडार से बुरी बातें निकालता है। पवित्र बाइबल एक अच्छा व्यक्ति जो अच्छाई उसके मन में इकट्ठी है, उसी में से अच्छी बातें निकालता है। जबकि एक बुरा व्यक्ति जो बुराई उसके मन में है, उसी में से बुरी बातें निकालता है। Hindi Holy Bible भला, मनुष्य मन के भले भण्डार से भली बातें निकालता है; और बुरा मनुष्य बुरे भण्डार से बुरी बातें निकालता है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) अच्छा मनुष्य अपने अच्छे भण्डार से अच्छी वस्तुएँ निकालता है और बुरा मनुष्य अपने बुरे भण्डार से बुरी वस्तुएँ। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) भला मनुष्य मन के भले भण्डार से भली बातें निकालता है, और बुरा मनुष्य बुरे भण्डार से बुरी बातें निकालता है। सरल हिन्दी बाइबल भला व्यक्ति स्वयं में भरे हुए उत्तम भंडार में से उत्तम ही निकालता है तथा बुरा व्यक्ति स्वयं में भरे हुए बुरे भंडार में से बुरा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 भला मनुष्य मन के भले भण्डार से भली बातें निकालता है; और बुरा मनुष्य बुरे भण्डार से बुरी बातें निकालता है। |
दुष्टों के शब्द प्राणघातक होते हैं, परंतु सीधे लोगों की बातें लोगों की रक्षा करती हैं।
सटीक उत्तर देना मनुष्य के लिए आनंद की बात है, और उपयुक्त समय पर कहा गया वचन कितना अच्छा होता है!
धर्मी मनुष्य अपने मन में सोचता है कि वह क्या उत्तर दे, परंतु दुष्टों का मुँह बुरी बातें उगलता है।
हे साँप के बच्चो, तुम बुरे होकर अच्छी बातें कैसे कह सकते हो? क्योंकि जो मन में भरा है वही मुँह पर आता है।
तब उसने उनसे कहा,“इस कारण प्रत्येक शास्त्री जो स्वर्ग के राज्य का शिष्य बना है, ऐसे मनुष्य के समान है जो घर का स्वामी है और अपने भंडार से नई और पुरानी वस्तुएँ निकालता है।”
भला मनुष्य अपने मन के भले भंडार से भली बात निकालता है, और बुरा मनुष्य अपने मन के बुरे भंडार से बुरी बात निकालता है; क्योंकि जो मन में भरा है वही उसके मुँह पर आता है।
कोई अपशब्द तुम्हारे मुँह से न निकले, बल्कि वही निकले जो आवश्यकता के अनुसार दूसरों की उन्नति के लिए उत्तम हो, ताकि सुननेवालों पर अनुग्रह हो।
मसीह का वचन तुममें बहुतायत से वास करे। सारी बुद्धि के साथ तुम एक दूसरे को सिखाते और चेतावनी देते रहो और धन्यवाद के साथ अपने-अपने मनों में परमेश्वर के लिए भजन, स्तुति और आत्मिक गीत गाते रहो।
तुम्हारी बातचीत सदा अनुग्रह के साथ और सलोनी हो ताकि तुम जान जाओ कि हर एक को कैसे उत्तर देना चाहिए।