मैं तुमसे सच कहता हूँ, न्याय के दिन सदोम और अमोरा देश की दशा उस नगर से अधिक सहनीय होगी।
मत्ती 11:22 - नवीन हिंदी बाइबल जैसा भी हो, मैं तुमसे कहता हूँ, न्याय के दिन सूर और सैदा की दशा तुमसे अधिक सहनीय होगी। पवित्र बाइबल किन्तु मैं तुम लोगों से कहता हूँ न्याय के दिन सूर और सैदा की स्थिति तुमसे अधिक सहने योग्य होगी। Hindi Holy Bible परन्तु मैं तुम से कहता हूं; कि न्याय के दिन तुम्हारी दशा से सूर और सैदा की दशा अधिक सहने योग्य होगी। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इसलिए मैं तुम से कहता हूँ, न्याय के दिन तेरी दशा की अपेक्षा सोर और सदोम की दशा कहीं अधिक सहनीय होगी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु मैं तुम से कहता हूँ कि न्याय के दिन तुम्हारी दशा से सूर और सैदा की दशा अधिक सहने योग्य होगी। सरल हिन्दी बाइबल फिर भी मैं कहता हूं, सुनो: न्याय-दिवस पर सोर और सीदोन नगरों का दंड तेरे दंड से अधिक सहने योग्य होगा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु मैं तुम से कहता हूँ; कि न्याय के दिन तुम्हारी दशा से सोर और सीदोन की दशा अधिक सहने योग्य होगी। |
मैं तुमसे सच कहता हूँ, न्याय के दिन सदोम और अमोरा देश की दशा उस नगर से अधिक सहनीय होगी।
“हे खुराजीन! तुझ पर हाय; हे बैतसैदा! तुझ पर हाय; क्योंकि जो सामर्थ्य के कार्य तुममें किए गए, यदि सूर और सैदा में किए जाते, तो बहुत पहले ही वे टाट ओढ़कर और राख पर बैठकर पश्चात्ताप कर लेते।
परंतु मैं तुमसे कहता हूँ कि जो भी व्यर्थ बात मनुष्य कहेंगे, न्याय के दिन उसका लेखा उन्हें देना पड़ेगा;
तो हम ऐसे महान उद्धार की उपेक्षा करके कैसे बच सकते हैं? इस उद्धार का वर्णन सर्वप्रथम प्रभु के द्वारा किया गया, और सुननेवालों के द्वारा हमारे सामने इसकी पुष्टि हुई।
तो स्पष्ट है कि प्रभु धर्मियों को परीक्षा में से निकालना और अधर्मियों को न्याय के दिन तक दंड की दशा में रखना भी जानता है,
परंतु उसी वचन के द्वारा यह आकाश और यह पृथ्वी आग से भस्म किए जाने के लिए रखे गए हैं तथा ये अधर्मी मनुष्यों के न्याय और विनाश के दिन तक ऐसे ही रखे रहेंगे।
इससे प्रेम हममें सिद्ध हुआ है ताकि न्याय के दिन हमें साहस हो, क्योंकि जैसे वह है वैसे ही इस जगत में हम भी हैं।
तब मैंने एक बड़ा श्वेत सिंहासन और उसे देखा जो उस पर विराजमान था; उसके सामने से पृथ्वी और आकाश भाग गए और उन्हें कोई स्थान नहीं मिला।
फिर मैंने छोटे और बड़े, सब मृतकों को सिंहासन के सामने खड़े हुए देखा। तब पुस्तकें खोली गईं; फिर एक और पुस्तक खोली गई, जो जीवन की पुस्तक है। उन पुस्तकों में लिखी हुई बातों के आधार पर सब मृतकों का न्याय उनके कार्यों के अनुसार किया गया।