यहोवा का भय मानना बुद्धि का मूल है। जो उसकी आज्ञाओं को मानते हैं, उन सब की समझ उत्तम होती है। उसकी स्तुति सदा होती रहेगी।
प्रेरितों के काम 9:31 - नवीन हिंदी बाइबल इस प्रकार सारे यहूदिया और गलील और सामरिया की कलीसिया को शांति मिली, और वह प्रभु के भय में चलते और उन्नति करते हुए पवित्र आत्मा के प्रोत्साहन में बढ़ती गई। पवित्र बाइबल इस प्रकार समूचे यहूदिया, गलील और सामरिया के कलीसिया का वह समय शांति से बीता। वह कलीसिया और अधिक शक्तिशाली होने लगी। क्योंकि वह प्रभु से डर कर अपना जीवन व्यतीत करती थी, और पवित्र आत्मा ने उसे और अधिक प्रोत्साहित किया था सो उसकी संख्या बढ़ने लगी। Hindi Holy Bible सो सारे यहूदिया, और गलील, और समरिया में कलीसिया को चैन मिला, और उसकी उन्नति होती गई; और वह प्रभु के भय और पवित्र आत्मा की शान्ति में चलती और बढ़ती जाती थी॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) अब समस्त यहूदा, गलील तथा सामरी प्रदेशों में कलीसिया को शान्ति मिली और उसका निर्माण होता रहा। वह प्रभु के भय में आचरण करती हुई और पवित्र आत्मा की सान्त्वना प्राप्त कर वृद्धि करती गई। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इस प्रकार सारे यहूदिया, और गलील, और सामरिया में कलीसिया को चैन मिला, और उसकी उन्नति होती गई; और वह प्रभु के भय और पवित्र आत्मा की शान्ति में चलती और बढ़ती गई। सरल हिन्दी बाइबल सारे यहूदिया प्रदेश, गलील प्रदेश और शमरिया प्रदेश में प्रभु में श्रद्धा के कारण कलीसिया में शांति का विकास विस्तार हो रहा था. पवित्र आत्मा के प्रोत्साहन के कारण उनकी संख्या बढ़ती जा रही थी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इस प्रकार सारे यहूदिया, और गलील, और सामरिया में कलीसिया को चैन मिला, और उसकी उन्नति होती गई; और वह प्रभु के भय और पवित्र आत्मा की शान्ति में चलती और बढ़ती गई। |
यहोवा का भय मानना बुद्धि का मूल है। जो उसकी आज्ञाओं को मानते हैं, उन सब की समझ उत्तम होती है। उसकी स्तुति सदा होती रहेगी।
हे यहोवा, अपना मार्ग मुझे दिखा कि मैं तेरे सत्य मार्ग पर चलूँ; मुझे स्थिर मन दे कि मैं तेरे नाम का भय मानूँ।
ताकि तू उसे विपत्ति के दिनों में उस समय तक राहत दे, जब तक कि दुष्टों के लिए गड्ढा न खोदा जाए।
यहोवा का भय मानना बुराई से बैर रखना है। मैं घमंड, अहंकार और बुरी चाल से, तथा कुटिल बातों से भी बैर रखती हूँ।
और परमेश्वर की स्तुति किया करते थे और सब लोग उनसे प्रसन्न थे। प्रभु प्रतिदिन उद्धार पानेवालों को उनमें जोड़ दिया करता था।
और अब मैं तुम्हें परमेश्वर और उसके अनुग्रह के उस वचन के हाथ सौंपता हूँ, जो तुम्हारी उन्नति कर सकता है और सब पवित्र किए गए लोगों के साथ तुम्हें उत्तराधिकार दे सकता है।
इस प्रकार परमेश्वर का वचन फैलता गया, और यरूशलेम में शिष्यों की संख्या बहुत बढ़ती गई, और बहुत से याजक भी इस मत को मानने लगे।
शाऊल स्तिफनुस की हत्या में सहमत था। उस दिन यरूशलेम की कलीसिया पर बड़ा सताव आरंभ हुआ; और प्रेरितों को छोड़ सब लोग यहूदिया और सामरिया के क्षेत्रों में तितर-बितर हो गए।
क्योंकि परमेश्वर का राज्य खाना और पीना नहीं बल्कि धार्मिकता, मेल और पवित्र आत्मा में आनंद है।
अब जो आशा का परमेश्वर है, वह तुम्हारे विश्वास करने में तुम्हें संपूर्ण आनंद और शांति से भर दे, जिससे तुम पवित्र आत्मा के सामर्थ्य के द्वारा आशा से भरपूर हो जाओ।
आशा हमें लज्जित नहीं करती, क्योंकि जो पवित्र आत्मा हमें दिया गया है उसके द्वारा परमेश्वर का प्रेम हमारे मनों में उंडेला गया है।
अतः तुम भी, जबकि आत्मिक वरदानों के लिए उत्साही हो, प्रयत्न करो कि कलीसिया की उन्नति के लिए उनसे भरपूर हो जाओ।
हे भाइयो, फिर क्या होना चाहिए? जब तुम एकत्रित होते हो तो हर एक के पास भजन, उपदेश, प्रकाशन, अन्य भाषा या उसका अनुवाद होता है; यह सब तुम्हारी उन्नति के लिए हो।
यदि मैं उस अधिकार के विषय में कुछ अधिक गर्व करूँ, जो प्रभु ने तुम्हारे विनाश के लिए नहीं बल्कि उन्नति के लिए हमें दिया है, तो मैं लज्जित नहीं होऊँगा।
क्या तुम अब तक यही सोच रहे हो कि हम तुम्हारे सामने अपना बचाव कर रहे हैं? हम परमेश्वर को उपस्थित जानकर मसीह में बोलते हैं; और हे प्रियो, यह सब तुम्हारी ही उन्नति के लिए है।
इस कारण अनुपस्थित होते हुए भी मैं ये बातें लिख रहा हूँ, ताकि जब मैं तुम्हारे पास आऊँ तो मुझे उस अधिकार का प्रयोग कठोरता से न करना पड़े जिसे प्रभु ने मुझे तुम्हारे विनाश के लिए नहीं बल्कि उन्नति के लिए दिया है।
अतः हे प्रियो, जब कि हमें ये प्रतिज्ञाएँ प्राप्त हैं, तो आओ हम अपने आपको देह और आत्मा की सारी मलिनता से शुद्ध करते हुए परमेश्वर के भय में पवित्रता को पूर्ण करें।
जिसके द्वारा सारी देह प्रत्येक जोड़ की सहायता से एक साथ जुड़ती और सुगठित होती है, और हर एक अंग के अपनी क्षमता के अनुसार कार्य करने से देह का विकास होता है, और प्रेम में स्वयं उसकी उन्नति होती है।
कोई अपशब्द तुम्हारे मुँह से न निकले, बल्कि वही निकले जो आवश्यकता के अनुसार दूसरों की उन्नति के लिए उत्तम हो, ताकि सुननेवालों पर अनुग्रह हो।
अतः यदि मसीह में कुछ प्रोत्साहन है, प्रेम का ढाढ़स है, आत्मा की सहभागिता है, स्नेह और करुणा है,
जिससे तुम्हारा चाल-चलन हर प्रकार से प्रभु को प्रसन्न करने योग्य हो, और तुम हर भले कार्य में फल लाकर परमेश्वर की पहचान में बढ़ते जाओ,
इसलिए एक दूसरे को प्रोत्साहित करो और एक दूसरे की उन्नति करो, जैसा कि तुम कर भी रहे हो।
और न ही उन कल्पित कथाओं और अंतहीन वंशावलियों पर ध्यान दें, जो विश्वास पर आधारित परमेश्वर के प्रबंध की अपेक्षा व्यर्थ विवादों को बढ़ावा देती हैं।
परंतु हे प्रियो, अपने अति पवित्र विश्वास में तुम अपनी उन्नति करते और पवित्र आत्मा में प्रार्थना करते हुए,