जिस-जिस के मन ने उसे प्रेरित किया और जिस-जिस की आत्मा ने उसे उभारा, वह मिलापवाले तंबू के कार्य और उसकी संपूर्ण सेवा, तथा पवित्र वस्त्रों हेतु यहोवा के लिए भेंट लाने लगा।
प्रेरितों के काम 7:23 - नवीन हिंदी बाइबल “परंतु जब वह चालीस वर्ष का हुआ, तो उसके मन में आया कि अपने इस्राएली भाइयों की सुधि ले। पवित्र बाइबल “जब वह चालीस साल का हुआ तो उसने इस्राएल की संतान, अपने भाई-बंधुओं के पास जाने का निश्चय किया। Hindi Holy Bible जब वह चालीस वर्ष का हुआ, तो उसके मन में आया कि मैं अपने इस्त्राएली भाइयों से भेंट करूं। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) “जब वह चालीस वर्ष के हुए, तब उनके मन में आया कि अपने इस्राएली भाइयों से भेंट करें। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “जब वह चालीस वर्ष का हुआ, तो उसके मन में आया कि मैं अपने इस्राएली भाइयों से भेंट करूँ। सरल हिन्दी बाइबल “जब मोशेह लगभग चालीस वर्ष के हुए, उनके मन में अपने इस्राएली बंधुओं से भेंट करने का विचार आया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “जब वह चालीस वर्ष का हुआ, तो उसके मन में आया कि अपने इस्राएली भाइयों से भेंट करे। (निर्ग. 2:11) |
जिस-जिस के मन ने उसे प्रेरित किया और जिस-जिस की आत्मा ने उसे उभारा, वह मिलापवाले तंबू के कार्य और उसकी संपूर्ण सेवा, तथा पवित्र वस्त्रों हेतु यहोवा के लिए भेंट लाने लगा।
जिन-जिन कार्यों को करने के लिए यहोवा ने मूसा के द्वारा आज्ञा दी थी, उनके लिए इस्राएल के सब स्त्री और पुरुष, अर्थात् जिनके मनों ने उन्हें भेंट लाने के लिए उभारा था यहोवा के लिए स्वेच्छा से भेंट ले आए।
तब मूसा अपने ससुर यित्रो के पास वापस गया और उससे कहा, “मुझे विदा कर कि मैं मिस्र में रहनेवाले अपने भाइयों के पास जाऊँ और देखूँ कि क्या वे अब तक जीवित हैं या नहीं।” यित्रो ने मूसा से कहा, “कुशल से जा।”
जब मूसा और हारून फ़िरौन से बातें करने लगे तो मूसा अस्सी वर्ष का, और हारून तिरासी वर्ष का था।
कुछ दिनों के बाद पौलुस ने बरनाबास से कहा, “जिस-जिस नगर में हमने प्रभु के वचन का प्रचार किया था, आओ, फिर से वहाँ जाकर भाइयों को देखें कि वे कैसे हैं।”
जब उसने एक के साथ अन्याय होते देखा तो उसका बचाव किया और मिस्री को मारकर उस सताए हुए का बदला लिया।
परंतु परमेश्वर का धन्यवाद हो जिसने तीतुस के मन में तुम्हारे लिए ऐसा ही उत्साह उत्पन्न किया है,
प्रत्येक भला दान और प्रत्येक उत्तम वरदान ऊपर से उस ज्योतियों के पिता की ओर से आता है जिसमें न तो कोई परिवर्तन होता है और न ही वह ऐसी छाया है जो बदलती रहती है।
परमेश्वर ने अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए उनके मनों में यह बात डाली है कि जब तक परमेश्वर का वचन पूरा न हो जाए, वे एकमत रहें और अपना-अपना राज्य उस पशु को दे दें।