वह उसे मार डालना चाहता था, परंतु लोगों से डरता था, क्योंकि वे उसे भविष्यवक्ता मानते थे।
प्रेरितों के काम 5:26 - नवीन हिंदी बाइबल तब मुख्य सुरक्षा अधिकारी सिपाहियों के साथ जाकर उन्हें ले आया, पर बलपूर्वक नहीं, क्योंकि वे लोगों से डरते थे कि कहीं लोग उन पर पथराव न कर दें। पवित्र बाइबल सो मन्दिर के सुरक्षा-कर्मियों का मुखिया अपने अधिकारियों के साथ वहाँ गया और प्रेरितों को बिना बल प्रयोग किये वापस ले आया क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं लोग उन्हें (मन्दिर के सुरक्षाकर्मियों को) पत्थर न मारें। Hindi Holy Bible तब सरदार, प्यादों के साथ जाकर, उन्हें ले आया, परन्तु बरबस नहीं, क्योंकि वे लोगों से डरते थे, कि हमें पत्थरवाह न करें। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इस पर नायक अपने सिपाहियों के साथ जा कर प्रेरितों को ले आया। वे प्रेरितों को बलपूर्वक नहीं लाये, क्योंकि वे जनता से डरते थे कि कहीं वह उन पर पथराव न करे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब सरदार, प्यादों के साथ जाकर, उन्हें ले आया, परन्तु बलपूर्वक नहीं, क्योंकि वे लोगों से डरते थे कि हम पर पथराव न करें। सरल हिन्दी बाइबल यह सुन मंदिर का प्रधान रक्षक अपने अधिकारियों के साथ वहां जाकर प्रेरितों को महासभा के सामने ले आया. जनता द्वारा पथराव किए जाने के भय से अधिकारियों ने उनके साथ कोई बल प्रयोग नहीं किया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब सरदार, अधिकारियों के साथ जाकर, उन्हें ले आया, परन्तु बलपूर्वक नहीं, क्योंकि वे लोगों से डरते थे, कि उन पर पथराव न करें। |
वह उसे मार डालना चाहता था, परंतु लोगों से डरता था, क्योंकि वे उसे भविष्यवक्ता मानते थे।
और यदि हम कहें, ‘मनुष्यों की ओर से’, तो हमें भीड़ का डर है, क्योंकि सब यूहन्ना को भविष्यवक्ता मानते हैं।”
परंतु उन्होंने कहा, “पर्व के समय नहीं, कहीं ऐसा न हो कि लोगों के बीच में उपद्रव हो जाए।”
परंतु पतरस दूरी बनाए रखकर उसके पीछे-पीछे महायाजक के आँगन तक गया, और परिणाम देखने के लिए वह भीतर प्रवेश करके सिपाहियों के साथ बैठ गया।
शास्त्रियों और मुख्य याजकों ने उसी समय उस पर हाथ डालना चाहा, क्योंकि वे समझ गए थे कि उसने यह दृष्टांत उनके विषय में कहा है, परंतु वे लोगों से डरे।
और यदि हम कहें, ‘मनुष्यों की ओर से,’ तो सब लोग हम पर पथराव करेंगे, क्योंकि वे सचमुच यूहन्ना को एक भविष्यवक्ता मानते हैं।”
मुख्य याजक और शास्त्री इस खोज में थे कि यीशु को कैसे मार डालें, क्योंकि वे लोगों से डरते थे।
उसने जाकर मुख्य याजकों और मंदिर के सुरक्षा अधिकारियों के साथ बातचीत की कि किस प्रकार यीशु को उनके हाथ पकड़वाए।
तब उन्होंने उनको और धमकाकर छोड़ दिया, क्योंकि लोगों के कारण वे समझ नहीं पा रहे थे कि उन्हें कैसे दंड दें, इसलिए कि जो कुछ हुआ था उसके कारण सब लोग परमेश्वर की महिमा कर रहे थे।
यद्यपि औरों में से किसी को उनमें सम्मिलित होने का साहस नहीं होता था, फिर भी लोग उनकी बड़ाई करते थे;
परंतु जब सिपाही वहाँ पहुँचे, तो उन्होंने उन्हें बंदीगृह में नहीं पाया, और लौटकर यह सूचना दी,
जब मंदिर-परिसर के मुख्य सुरक्षा अधिकारी और मुख्य याजकों ने ये बातें सुनीं तो उनके विषय में बड़ी दुविधा में पड़ गए कि अब क्या होगा।
फिर किसी ने आकर उन्हें बताया, “देखो, जिन लोगों को तुमने बंदीगृह में डाला था, वे मंदिर में खड़े होकर लोगों को उपदेश दे रहे हैं।”