तब जिन-जिन स्त्रियों और पुरुषों के मन में ऐसी इच्छा उत्पन्न हुई थी, वे सब कंगन, बालियाँ, अँगूठियाँ, और हार आदि सोने के गहने लेकर आए। इस प्रकार ऐसी इच्छा रखनेवाला प्रत्येक व्यक्ति यहोवा के लिए सोने की भेंट लेकर आया।
प्रेरितों के काम 5:14 - नवीन हिंदी बाइबल और प्रभु पर विश्वास करनेवाले पुरुषों और स्त्रियों की संख्या बढ़ती जा रही थी।) पवित्र बाइबल उधर प्रभु पर विश्वास करने वाले स्त्री और पुरूष अधिक से अधिक बढ़ते जा रहे थे। Hindi Holy Bible और विश्वास करने वाले बहुतेरे पुरूष और स्त्रियां प्रभु की कलीसिया में और भी अधिक आकर मिलते रहे।) पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) प्रभु में विश्वास करने वालों की संख्या बढ़ती गई : स्त्री-पुरुषों का एक विशाल समुदाय बन गया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) विश्वास करनेवाले बहुत से पुरुष और स्त्रियाँ प्रभु की कलीसिया में बड़ी संख्या में मिलते रहे। सरल हिन्दी बाइबल फिर भी, अधिकाधिक संख्या में स्त्री-पुरुष प्रभु में विश्वास करते चले जा रहे थे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और विश्वास करनेवाले बहुत सारे पुरुष और स्त्रियाँ प्रभु की कलीसिया में और भी अधिक आकर मिलते रहे। |
तब जिन-जिन स्त्रियों और पुरुषों के मन में ऐसी इच्छा उत्पन्न हुई थी, वे सब कंगन, बालियाँ, अँगूठियाँ, और हार आदि सोने के गहने लेकर आए। इस प्रकार ऐसी इच्छा रखनेवाला प्रत्येक व्यक्ति यहोवा के लिए सोने की भेंट लेकर आया।
क्योंकि वह एक भला मनुष्य था और पवित्र आत्मा तथा विश्वास से परिपूर्ण था; और बहुत लोग प्रभु में लाए गए।
अतः जिन्होंने उसका वचन ग्रहण किया उन्होंने बपतिस्मा लिया, और उसी दिन लगभग तीन हज़ार लोग उनमें जुड़ गए।
और परमेश्वर की स्तुति किया करते थे और सब लोग उनसे प्रसन्न थे। प्रभु प्रतिदिन उद्धार पानेवालों को उनमें जोड़ दिया करता था।
मैंने इस ‘मार्ग’ के पुरुषों और स्त्रियों दोनों को बाँध बाँधकर बंदीगृह में डलवाया और उन्हें मृत्यु तक सताया;
परंतु वचन सुननेवालों में से बहुतों ने विश्वास किया, और उन पुरुषों की संख्या लगभग पाँच हज़ार हो गई।
इस प्रकार परमेश्वर का वचन फैलता गया, और यरूशलेम में शिष्यों की संख्या बहुत बढ़ती गई, और बहुत से याजक भी इस मत को मानने लगे।
परंतु जब उन्होंने फिलिप्पुस का विश्वास किया जो परमेश्वर के राज्य और यीशु मसीह के नाम का सुसमाचार सुनाता था, तो क्या पुरुष और क्या स्त्री, सब बपतिस्मा लेने लगे।
परंतु शाऊल घर-घर घुसकर कलीसिया को उजाड़ने और पुरुषों तथा स्त्रियों को घसीट-घसीटकर बंदीगृह में डालने लगा।
और उससे दमिश्क के आराधनालयों के लिए पत्र माँगे कि इस “मार्ग” के जो भी मिलें, चाहे पुरुष हों या स्त्री, उन्हें बाँधकर यरूशलेम ले आए।
इस प्रकार सारे यहूदिया और गलील और सामरिया की कलीसिया को शांति मिली, और वह प्रभु के भय में चलते और उन्नति करते हुए पवित्र आत्मा के प्रोत्साहन में बढ़ती गई।
अब न कोई यहूदी है और न यूनानी, न कोई दास है और न स्वतंत्र, न कोई पुरुष है और न स्त्री; क्योंकि तुम सब मसीह यीशु में एक हो।