यहोवा परमेश्वर ने जितने जंगली पशु बनाए थे, सर्प उन सब से अधिक धूर्त था। उसने स्त्री से कहा, “क्या परमेश्वर ने सचमुच कहा है कि तुम इस वाटिका के किसी भी वृक्ष का फल न खाना?”
प्रेरितों के काम 28:4 - नवीन हिंदी बाइबल जब उन निवासियों ने उस जंतु को उसके हाथ से लटके हुए देखा, तो वे आपस में कहने लगे, “यह मनुष्य अवश्य ही कोई हत्यारा है; वह समुद्र से तो बच निकला, पर न्याय ने उसे जीवित रहने नहीं दिया।” पवित्र बाइबल वहाँ के निवासियों ने जब उस जंतु को उसके हाथ से लटकते देखा तो वे आपस में कहने लगे, “निश्चय ही यह व्यक्ति एक हत्यारा है। यद्यपि यह सागर से बच निकला है किन्तु न्याय इसे जीने नहीं दे रहा है।” Hindi Holy Bible जब उन जंगलियों ने सांप को उसके हाथ में लटके हुए देखा, तो आपस में कहा; सचमुच यह मनुष्य हत्यारा है, कि यद्यपि समुद्र से बच गया, तौभी न्याय ने जीवित रहने न दिया। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) द्वीप के निवासी उनके हाथ में साँप लिपटा देख कर आपस में कहने लगे, “निश्चय ही यह व्यक्ति हत्यारा है। यह समुद्र से तो बच गया है, किन्तु ईश्वरीय न्याय ने इसे जीवित नहीं रहने दिया।” पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब उन निवासियों ने साँप को उसके हाथ से लटके हुए देखा, तो आपस में कहा, “सचमुच यह मनुष्य हत्यारा है कि यद्यपि समुद्र से बच गया, तौभी न्याय ने जीवित रहने न दिया।” सरल हिन्दी बाइबल वहां के निवासियों ने इस जंतु को उनकी बांह से लटका देखा तो आपस में कहने लगे, “सचमुच यह व्यक्ति हत्यारा है. समुद्री बाढ़ से तो यह बच निकला है किंतु न्याय-देवी नहीं चाहती कि यह जीवित रहे.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब उन निवासियों ने साँप को उसके हाथ में लटके हुए देखा, तो आपस में कहा, “सचमुच यह मनुष्य हत्यारा है, कि यद्यपि समुद्र से बच गया, तो भी न्याय ने जीवित रहने न दिया।” |
यहोवा परमेश्वर ने जितने जंगली पशु बनाए थे, सर्प उन सब से अधिक धूर्त था। उसने स्त्री से कहा, “क्या परमेश्वर ने सचमुच कहा है कि तुम इस वाटिका के किसी भी वृक्ष का फल न खाना?”
इस कारण उन धर्मियों का लहू जो पृथ्वी पर बहाया गया, अर्थात् धर्मी हाबिल के लहू से लेकर बिरिक्याह के पुत्र जकरयाह के लहू तक, जिसे तुमने मंदिर और वेदी के बीच में मार डाला था, वह सब तुम्हारे ऊपर आ पड़ेगा।
इस पर उसने उनसे कहा,“तुम क्या सोचते हो कि ये गलीली अन्य सब गलीलियों से अधिक पापी थे, कि उन्होंने ऐसे दुःख उठाए?
या वे अठारह जन जिनके ऊपर शीलोह का बुर्ज गिरा और मर गए, तुम क्या समझते हो कि वे यरूशलेम के सब रहनेवाले मनुष्यों से अधिक पापी थे?
वहाँ के निवासियों ने हमारे प्रति असाधारण उदारता दिखाई, और आग जलाकर हम सब का स्वागत किया क्योंकि वर्षा होने के कारण ठंड थी।
परंतु जब पौलुस ने लकड़ियों का एक गट्ठर बटोरकर आग पर रखा, तो आँच के कारण एक साँप निकलकर उसके हाथ से लिपट गया।
परंतु डरपोकों, अविश्वासियों, घृणितों, हत्यारों, व्यभिचारियों, जादू-टोना करनेवालों, मूर्तिपूजकों और सब झूठों का भाग आग और गंधक से जलती हुई झील में होगा, जो दूसरी मृत्यु है।”