यदि वे कहें, “हमारे साथ चल कि हम हत्या करने के लिए घात लगाएँ; चल हम निर्दोषों पर वार करने की घात में रहें,
प्रेरितों के काम 20:3 - नवीन हिंदी बाइबल वहाँ तीन महीने बिताकर जब वह जहाज़ से सीरिया के लिए रवाना होने पर था, तो यहूदियों ने उसके विरुद्ध षड्यंत्र रचा; इसलिए उसने मकिदुनिया होकर लौट जाने का निश्चय किया। पवित्र बाइबल वह वहाँ तीन महीने ठहरा और क्योंकि यहूदियों ने उसके विरुद्ध एक षड्यन्त्र रच रखा था। सो जब वह जल मार्ग से सीरिया जाने को ही था कि उसने निश्चय किया कि वह मकिदुनिया को लौट जाये। Hindi Holy Bible जब तीन महीने रह कर जहाज पर सूरिया की ओर जाने पर था, तो यहूदी उस की घात में लगे, इसलिये उस ने यह सलाह की कि मकिदुनिया होकर लोट आए। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वहाँ तीन महीने बिताने के बाद वह जलमार्ग से सीरिया देश जाने वाले थे, तो उन्हें पता चला कि यहूदी उनके विरुद्ध षड्यन्त्र रच रहे हैं। इसलिए उन्होंने मकिदूनिया हो कर लौटने का निश्चय किया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब तीन महीने रहकर वह वहाँ से जहाज पर सीरिया की ओर जाने पर था, तो यहूदी उसकी घात में लगे, इसलिये उसने यह निश्चय किया कि मकिदुनिया होकर लौट जाए। सरल हिन्दी बाइबल वह वहां तीन महीने तक कार्य करते रहे किंतु जब वह सीरिया प्रदेश की यात्रा प्रारंभ करने पर थे, उन्हें यह सूचना प्राप्त हुई कि यहूदी उनके विरुद्ध षड़्यंत्र रच रहे हैं, तो उन्होंने मकेदोनिया प्रदेश से होते हुए लौट जाने का निश्चय किया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब तीन महीने रहकर वह वहाँ से जहाज पर सीरिया की ओर जाने पर था, तो यहूदी उसकी घात में लगे, इसलिए उसने यह निश्चय किया कि मकिदुनिया होकर लौट जाए। |
यदि वे कहें, “हमारे साथ चल कि हम हत्या करने के लिए घात लगाएँ; चल हम निर्दोषों पर वार करने की घात में रहें,
उसकी चर्चा सारे सीरिया में फैल गई; तब वे सब बीमारों को जो भिन्न-भिन्न प्रकार की बीमारियों और दुःखों से जकड़े हुए थे, और दुष्टात्माग्रस्त लोगों, तथा मिर्गी और लकवे के रोगियों को उसके पास लाए, और उसने उन्हें स्वस्थ कर दिया।
और वहाँ से फिलिप्पी पहुँचे, जो मकिदुनिया प्रांत का प्रमुख नगर तथा रोमी उपनिवेश है। उस नगर में हम कुछ दिन तक रहे।
रात में पौलुस को एक दर्शन दिखाई दिया : एक मकिदुनियावासी पुरुष खड़ा हुआ उससे विनती कर रहा है, “मकिदुनिया में आकर हमारी सहायता कर।”
वहाँ बहुत दिन तक रहने के बाद पौलुस ने भाइयों से विदा ली और प्रिस्किल्ला और अक्विला सहित जहाज़ द्वारा सीरिया को चल दिया। उसने किंख्रिया में अपना सिर मुँड़वाया, क्योंकि उसने मन्नत मानी थी।
जब ये बातें हो चुकीं, तो पौलुस ने अपनी आत्मा में मकिदुनिया और अखाया होते हुए यरूशलेम को जाने का निश्चय किया, और कहा, “वहाँ पहुँचने के बाद मुझे रोम भी देखना अवश्य है।”
हुल्लड़ थम जाने के बाद पौलुस ने शिष्यों को बुलवाकर उन्हें प्रोत्साहित किया, और उनसे विदा होकर मकिदुनिया जाने के लिए निकला।
अर्थात् पूरी दीनता से और आँसू बहाते हुए और उन परीक्षाओं में जो यहूदियों के षड्यंत्रों के कारण मुझ पर आईं, मैं प्रभु की सेवा करता रहा;
फिर वह उन प्रदेशों से होता हुआ और लोगों को बहुत से वचनों के द्वारा उत्साहित करता हुआ यूनान में आया।
जब हमें साइप्रस दिखाई दिया तो उसे बाईं ओर छोड़कर सीरिया की ओर बढ़े, और सूर में उतरे, क्योंकि वहाँ जहाज़ का माल उतरना था।
और पौलुस के विरुद्ध उससे विनती करने लगे कि वह पौलुस को यरूशलेम में बुलवाने की कृपा करे; क्योंकि वे उसे मार्ग में मार डालने की ताक में थे।
इसी भरोसे के साथ मैं पहले तुम्हारे पास आना चाहता था कि तुम्हें दूसरी बार आशिष प्राप्त हो,
मैं बार-बार यात्राओं में, नदियों के खतरों में, डाकुओं के खतरों में, अपनी ही जाति के लोगों से उत्पन्न खतरों में, गैरयहूदियों से उत्पन्न खतरों में, नगर के खतरों में, जंगल के खतरों में, समुद्र के खतरों में, झूठे भाइयों के खतरों में रहा।
जब हम मकिदुनिया में आए तब भी हमारी देह को विश्राम न मिला, बल्कि चारों ओर से कष्टों से घिरे रहे—बाहर झगड़े थे तो भीतर भय।