क्या ही धन्य है वह पुरुष जो मेरी सुनता है, और मेरे फाटकों पर प्रतिदिन दृष्टि लगाए रहता है, बल्कि मेरी चौखट पर प्रतीक्षा करता है।
प्रेरितों के काम 17:17 - नवीन हिंदी बाइबल अतः वह आराधनालय में यहूदियों और भक्तों से और प्रतिदिन चौक में मिलनेवालों से वाद-विवाद किया करता था। पवित्र बाइबल इसलिए हर दिन वह यहूदी आराधनालय में यहूदियों और यूनानी भक्तों से वाद-विवाद करता रहता था। वहाँ हाट-बाजार में जो कोई होता वह उससे भी हर दिन बहस करता रहता। Hindi Holy Bible सो वह आराधनालय में यहूदियों और भक्तों से और चौक में जो लोग मिलते थे, उन से हर दिन वाद-विवाद किया करता था। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इस कारण वह न केवल सभागृह में यहूदियों तथा ईश्वर-भक्तों के साथ, बल्कि प्रतिदिन चौक में आने-जाने वाले लोगों के साथ भी तर्क-वितर्क करते थे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) अत: वह आराधनालय में यहूदियों और भक्तों से, और चौक में जो लोग उससे मिलते थे उनसे हर दिन वाद–विवाद किया करता था। सरल हिन्दी बाइबल इसलिये वह यहूदी सभागृह में हर रोज़ यहूदियों, भक्त यूनानियों और नगर चौक में उपस्थित व्यक्तियों से वाद-विवाद करने लगे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 अतः वह आराधनालय में यहूदियों और भक्तों से और चौक में जो लोग मिलते थे, उनसे हर दिन वाद-विवाद किया करता था। |
क्या ही धन्य है वह पुरुष जो मेरी सुनता है, और मेरे फाटकों पर प्रतिदिन दृष्टि लगाए रहता है, बल्कि मेरी चौखट पर प्रतीक्षा करता है।
इसलिए जो तुमने अंधकार में कहा है, वह उजियाले में सुना जाएगा, और जो तुमने भीतरी कमरों में फुसफुसाकर कहा है, वह छतों पर से प्रचार किया जाएगा।
वह एक भक्त था और अपने सारे घराने समेत परमेश्वर का भय मानता था, और लोगों को बहुत दान देता और परमेश्वर से निरंतर प्रार्थना करता रहता था।
तब पौलुस खड़ा हुआ और हाथ से संकेत करके कहने लगा, “हे इस्राएलियो और परमेश्वर का भय माननेवालो, सुनो।
जब सभा समाप्त हुई तो बहुत से यहूदी और यहूदी मत धारण करनेवाले भक्त पौलुस और बरनाबास के पीछे हो लिए। तब उन्होंने उनसे बातें करके उन्हें समझाया कि वे परमेश्वर के अनुग्रह में बने रहें।
परंतु यहूदियों ने भक्त और कुलीन स्त्रियों तथा नगर के प्रमुख लोगों को उकसाया और पौलुस तथा बरनाबास के विरुद्ध उपद्रव करवाकर उन्हें अपनी सीमा से निकाल दिया।
क्योंकि मनुष्य स्वार्थी, लोभी, डींग मारनेवाले, अहंकारी, निंदक, माता-पिता की आज्ञा न माननेवाले, अकृतज्ञ, अपवित्र,
वे भक्ति का वेश तो धारण करेंगे परंतु उसकी शक्ति को नहीं मानेंगे; ऐसे लोगों से दूर रह।