यह देखकर लोगों पर भय छा गया और उन्होंने परमेश्वर की महिमा की, जिसने मनुष्यों को ऐसा अधिकार दिया।
प्रेरितों के काम 11:18 - नवीन हिंदी बाइबल ये सुनकर वे चुप हो गए और परमेश्वर की महिमा करते हुए कहने लगे, “तब तो परमेश्वर ने गैरयहूदियों को भी पश्चात्ताप का वह दान दिया है जो जीवन की ओर ले जाता है।” पवित्र बाइबल विश्वासियों ने जब यह सुना तो उन्होंने प्रश्न करना बन्द कर दिया। वे परमेश्वर की महिमा करते हुए कहने लगे, “अच्छा, तो परमेश्वर ने विधर्मियों तक को मन फिराव का वह अवसर दिया है, जो जीवन की ओर ले जाता है!” Hindi Holy Bible यह सुनकर, वे चुप रहे, और परमेश्वर की बड़ाई करके कहने लगे, तब तो परमेश्वर ने अन्यजातियों को भी जीवन के लिये मन फिराव का दान दिया है॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ये बातें सुन कर यहूदी विश्वासी शान्त हो गये और उन्होंने यह कहते हुए परमेश्वर की स्तुति की, “परमेश्वर ने गैर-यहूदियों को भी यह वरदान दिया कि वे हृदय-परिवर्तन कर जीवन प्राप्त करें।” पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यह सुनकर वे चुप रहे, और परमेश्वर की बड़ाई करके कहने लगे, “तब तो परमेश्वर ने अन्यजातियों को भी जीवन के लिये मन फिराव का दान दिया है।” सरल हिन्दी बाइबल यह सुनने के बाद इसके उत्तर में वे कुछ भी न कह पाए परंतु इन शब्दों में परमेश्वर का धन्यवाद करने लगे, “इसका मतलब तो यह हुआ कि जीवन पाने के लिए परमेश्वर ने गैर-यहूदियों को भी पश्चाताप की ओर उभारा है.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यह सुनकर, वे चुप रहे, और परमेश्वर की बड़ाई करके कहने लगे, “तब तो परमेश्वर ने अन्यजातियों को भी जीवन के लिये मन फिराव का दान दिया है।” |
यह देखकर लोगों पर भय छा गया और उन्होंने परमेश्वर की महिमा की, जिसने मनुष्यों को ऐसा अधिकार दिया।
फिर प्रेरितों और भाइयों ने जो यहूदिया में थे सुना कि गैरयहूदियों ने भी परमेश्वर का वचन ग्रहण किया है।
जब वे वहाँ पहुँचे तो कलीसिया को इकट्ठा कर जो कुछ परमेश्वर ने उनके साथ किया वह बताने लगे और यह भी कि कैसे उसने गैरयहूदियों के लिए विश्वास का द्वार खोल दिया।
अतः कलीसिया ने उन्हें विदा किया; और वे फीनीके और सामरिया से होकर गैरयहूदियों के मन-परिवर्तन का वर्णन करते हुए गए जिससे सब भाई बहुत आनंदित हुए।
और यहूदियों और यूनानियों, दोनों को परमेश्वर के प्रति पश्चात्ताप और हमारे प्रभु यीशु पर विश्वास करने के विषय में दृढ़तापूर्वक साक्षी देता रहा।
यह सुनकर वे परमेश्वर की महिमा करने लगे, और उन्होंने उससे कहा, “भाई, तू देखता है कि यहूदियों में से हज़ारों ने विश्वास किया है, और वे सब व्यवस्था के लिए बड़े उत्साही हैं।
परमेश्वर ने अपने सेवक को उठाकर पहले तुम्हारे पास भेजा कि तुममें से हर एक को उसकी बुराइयों से फेरकर आशिष दे।”
उसी को परमेश्वर ने प्रभु और उद्धारकर्ता ठहराकर अपने दाहिनी ओर ऊँचा उठाया कि वह इस्राएल को पश्चात्ताप और पापों की क्षमा प्रदान करे।
तो हम क्या कहें? यह कि धार्मिकता की खोज न करनेवाले गैरयहूदियों ने धार्मिकता प्राप्त कर ली, अर्थात् वह धार्मिकता जो विश्वास से है;
हम सब उघाड़े मुँह से प्रभु का तेज मानो दर्पण में देखते हुए प्रभु अर्थात् आत्मा के द्वारा उसी तेजस्वी रूप में अंश-अंश करके बदलते जाते हैं।
क्योंकि जो दुःख परमेश्वर की इच्छा के अनुसार होता है, वह उद्धार के लिए ऐसा पश्चात्ताप उत्पन्न करता है जिसके लिए पछताना नहीं पड़ता; परंतु सांसारिक दुःख मृत्यु उत्पन्न करता है।