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प्रकाशितवाक्य 6:6 - नवीन हिंदी बाइबल

फिर मैंने चारों प्राणियों के बीच में से मानो एक आवाज़ को यह कहते हुए सुना, “एक दीनार का एक किलो गेहूँ और एक दीनार का तीन किलो जौ, परंतु तेल और दाखरस की हानि न करना।”

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पवित्र बाइबल

तभी मैंने उन चारों प्राणियों के बीच से एक शब्द सा आते सुना, जो कह रहा था, “एक दिन की मज़दूरी के बदले एक दिन के खाने का गेहूँ और एक दिन की मज़दूरी के बदले तीन दिन तक खाने का जौ। किन्तु जैतून के तेल और मदिरा को क्षति मत पहुँचा।”

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Hindi Holy Bible

और मैं ने उन चारों प्राणियों के बीच में से एक शब्द यह कहते सुना, कि दीनार का सेर भर गेहूं, और दीनार का तीन सेर जव, और तेल, और दाख-रस की हानि न करना॥

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

और चार प्राणियों के बीच मुझे मानो एक वाणी यह कहते हुए सुनाई पड़ी: “दिन भर की मज़दूरी के मूल्‍य में मात्र एक किलो गेहूं अथवा मात्र तीन किलो जौ! किन्‍तु जैतून के तेल और दाखरस का दाम मत बढ़ाना।”

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

और मैं ने उन चारों प्राणियों के बीच में से एक शब्द यह कहते सुना, “दीनार का सेर भर गेहूँ, और दीनार का तीन सेर जौ, पर तेल और दाखरस की हानि न करना।”

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सरल हिन्दी बाइबल

तब मैंने मानो उन चारों प्राणियों के बीच से यह शब्द सुना, “एक दिन की मज़दूरी का एक किलो गेहूं, एक दिन की मज़दूरी का तीन किलो जौ, किंतु तेल और दाखरस की हानि न होने देना.”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

और मैंने उन चारों प्राणियों के बीच में से एक शब्द यह कहते सुना, “दीनार का सेर भर गेहूँ, और दीनार का तीन सेर जौ, पर तेल, और दाखरस की हानि न करना।”

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प्रकाशितवाक्य 6:6
6 क्रॉस रेफरेंस  

मनुष्य का क्रोध भी तेरी स्तुति करेगा; और जो क्रोध रह जाए उससे तू अपनी कमर कसेगा।


जाति, जाति के विरुद्ध और राज्य, राज्य के विरुद्ध उठ खड़े होंगे; स्थान-स्थान पर अकाल पड़ेंगेऔर भूकंप आएँगे।


सिंहासन के सामने बिल्‍लौर के समान काँच जैसा समुद्र था, और सिंहासन के मध्य और सिंहासन के चारों ओर चार प्राणी थे जिनके आगे और पीछे आँखें ही आँखें थीं।


चारों प्राणियों के छः-छः पंख थे, और उनके चारों ओर तथा भीतर आँखें ही आँखें थीं; और वे दिन और रात बिना विश्राम किए यह कहते रहते हैं : पवित्र, पवित्र, पवित्र, सर्वशक्‍तिमान प्रभु परमेश्‍वर, जो था, जो है और जो आने वाला है।


“जब तक हम अपने परमेश्‍वर के दासों के माथों पर मुहर न लगा दें तब तक न पृथ्वी को, न समुद्र को और न ही पेड़ों को हानि पहुँचाना।”


उनसे यह कहा गया कि वे न पृथ्वी की घास को, न हरियाली को और न ही किसी पेड़ को हानि पहुँचाएँ, परंतु केवल उन मनुष्यों को हानि पहुँचाएँ जिनके माथों पर परमेश्‍वर की मुहर न लगी हो।