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प्रकाशितवाक्य 6:1 - नवीन हिंदी बाइबल

तब मैंने देखा कि मेमने ने सात मुहरों में से एक को खोला; और मैंने उन चार प्राणियों में से एक को गर्जन जैसी आवाज़ में यह कहते हुए सुना, “आ।”

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पवित्र बाइबल

मैंने देखा कि मेमने ने सात मुहरों में से एक को खोला तभी उन चार प्राणियों में से एक को मैंने मेघ गर्जना जैसे स्वर में कहते सुना, “आ!”

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Hindi Holy Bible

फिर मैं ने देखा, कि मेम्ने ने उन सात मुहरों में से एक को खोला; और उन चारों प्राणियों में से एक का गर्जन का सा शब्द सुना, कि आ।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

मैंने देखा कि मेमने ने उन सात मोहरों में से पहली मोहर खोली। उस समय मैंने चार प्राणियों में से एक को मेघगर्जन जैसे स्‍वर में यह कहते सुना: “आओ!”

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

फिर मैं ने देखा कि मेम्ने ने उन सात मुहरों में से एक को खोला; और उन चारों प्राणियों में से एक का गर्जन का सा शब्द सुना, “आ!”

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सरल हिन्दी बाइबल

तब मैंने मेमने को सात मोहरों में से एक को तोड़ते देखा तथा उन चार प्राणियों में से एक को गर्जन से शब्द में यह कहते सुना: “आओ!”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

फिर मैंने देखा कि मेम्ने ने उन सात मुहरों में से एक को खोला; और उन चारों प्राणियों में से एक का गर्जन के समान शब्द सुना, “आ।”

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प्रकाशितवाक्य 6:1
17 क्रॉस रेफरेंस  

अगले दिन उसने यीशु को अपनी ओर आते हुए देखकर कहा, “देखो, परमेश्‍वर का मेमना, जो जगत का पाप उठा ले जाता है।


क्योंकि यह तो हमसे नहीं हो सकता कि जो हमने देखा और सुना है, उसे न कहें।”


तब परमेश्‍वर का मंदिर जो स्वर्ग में है, खोला गया। उसके मंदिर में उसकी वाचा का संदूक दिखाई दिया, और वहाँ बिजलियाँ चमकीं, गड़गड़ाहट और गर्जन हुए तथा भूकंप हुआ, और भारी ओलावृष्‍टि हुई।


पृथ्वी के वे सब रहनेवाले—जिनके नाम जगत की उत्पत्ति से ही वध किए गए मेमने की जीवन की पुस्तक में नहीं लिखे गए हैं—उस पशु की पूजा करेंगे।


फिर मैंने स्वर्ग में से बहुत सी जल-धाराओं और भयंकर गर्जन के समान एक आवाज़ सुनी; और मैंने जो आवाज़ सुनी वह ऐसी थी मानो वीणा बजानेवाले अपनी वीणाएँ बजा रहे हों।


फिर मैंने एक बड़ी भीड़, और बहुत सी जल-धाराओं और भयंकर गर्जनों के समान एक आवाज़ को यह कहते हुए सुना: हाल्‍लेलूय्याह! क्योंकि हमारा सर्वशक्‍तिमान, प्रभु परमेश्‍वर राज्य करता है।


चारों प्राणियों के छः-छः पंख थे, और उनके चारों ओर तथा भीतर आँखें ही आँखें थीं; और वे दिन और रात बिना विश्राम किए यह कहते रहते हैं : पवित्र, पवित्र, पवित्र, सर्वशक्‍तिमान प्रभु परमेश्‍वर, जो था, जो है और जो आने वाला है।


तब जो सिंहासन पर विराजमान था, मैंने उसके दाहिने हाथ में एक पुस्तक देखी जिसके भीतर और बाहर लिखा हुआ था, और वह सात मुहरें लगाकर बंद की गई थी।


वे ऊँची आवाज़ से कह रहे थे : वध किया हुआ मेमना ही सामर्थ्य, धन, बुद्धि, शक्‍ति, आदर, महिमा और प्रशंसा के योग्य है।


जब उसने पुस्तक ले ली, तो वे चारों प्राणी और चौबीसों प्रवर उस मेमने के सामने गिर पड़े। उनमें से प्रत्येक के पास वीणा, और धूप अर्थात् पवित्र लोगों की प्रार्थनाओं से भरे सोने के कटोरे थे।


जब उसने दूसरी मुहर खोली, तो मैंने दूसरे प्राणी को यह कहते हुए सुना, “आ।”


जब उसने तीसरी मुहर खोली, तो मैंने तीसरे प्राणी को यह कहते हुए सुना, “आ।” तब मैंने दृष्‍टि की, और देखो एक काला घोड़ा था, तथा जो उस पर सवार था उसके हाथ में एक तराजू था।


जब उसने चौथी मुहर खोली, तो मैंने चौथे प्राणी को यह कहते हुए सुना, “आ।”


जब उसने सातवीं मुहर खोली, तो स्वर्ग में लगभग आधे घंटे तक सन्‍नाटा छाया रहा।