प्रकाशितवाक्य 14:15 - नवीन हिंदी बाइबल फिर मंदिर में से एक और स्वर्गदूत निकला, और उससे जो बादल पर बैठा था ऊँची आवाज़ में पुकारकर कहने लगा, “अपना हँसिया चला, और फसल काट, क्योंकि कटनी का समय आ पहुँचा है और पृथ्वी की फसल पक चुकी है।” पवित्र बाइबल तभी मन्दिर में से एक और स्वर्गदूत बाहर निकला। उसने जो बादल पर बैठा था, उससे ऊँचे स्वर में कहा, “हँसिया चला और फसल इकट्ठी कर क्योंकि फसल काटने का समय आ पहुँचा है। धरती की फसल पक चुकी है।” Hindi Holy Bible फिर एक और स्वर्गदूत ने मन्दिर में से निकल कर, उस से जो बादल पर बैठा था, बड़े शब्द से पुकार कर कहा, कि अपना हंसुआ लगा कर लवनी कर, क्योंकि लवने का समय आ पंहुचा है, इसलिये कि पृथ्वी की खेती पक चुकी है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) एक अन्य स्वर्गदूत मन्दिर से निकला और ऊंचे स्वर से पुकारते हुए बादल पर बैठनेवाले से बोला, “अपना हँसिया चला कर लुनिए, क्योंकि कटनी का समय आ गया है और पृथ्वी की फ़सल पक चुकी है।” पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर एक और स्वर्गदूत ने मन्दिर में से निकलकर उससे, जो बादल पर बैठा था, बड़े शब्द से पुकारकर कहा, “अपना हँसुआ लगाकर लवनी कर, क्योंकि लवने का समय आ पहुँचा है, इसलिये कि पृथ्वी की खेती पक चुकी है।” सरल हिन्दी बाइबल एक दूसरा स्वर्गदूत मंदिर से बाहर निकला और उससे, जो बादल पर बैठा था, ऊंचे शब्द में कहने लगा. “अपना हसिया चला कर फसल काटिए, कटनी का समय आ पहुंचा है क्योंकि पृथ्वी की फसल पक चुकी है.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फिर एक और स्वर्गदूत ने मन्दिर में से निकलकर, उससे जो बादल पर बैठा था, बड़े शब्द से पुकारकर कहा, “अपना हँसुआ लगाकर लवनी कर, क्योंकि लवने का समय आ पहुँचा है, इसलिए कि पृथ्वी की खेती पक चुकी है।” |
कटनी तक दोनों को एक साथ बढ़ने दो; और कटनी के समय मैं काटनेवालों से कहूँगा कि तुम जंगली पौधों को पहले बटोरकर उन्हें जलाने के लिए गट्ठों में बाँध लो, परंतु गेहूँ को मेरे खत्ते में इकट्ठा करो।’ ”
वे गैरयहूदियों से उनके उद्धार के लिए बात करने से हमें रोकते हैं। इसके परिणामस्वरूप उनके पापों का घड़ा सदा भरता जाता है; और अब अंततः उन पर प्रकोप आ ही पड़ा है।
तब परमेश्वर का मंदिर जो स्वर्ग में है, खोला गया। उसके मंदिर में उसकी वाचा का संदूक दिखाई दिया, और वहाँ बिजलियाँ चमकीं, गड़गड़ाहट और गर्जन हुए तथा भूकंप हुआ, और भारी ओलावृष्टि हुई।
वह पहले पशु के सब अधिकारों को उसके सामने काम में लाता था, और पृथ्वी और उस पर रहनेवालों से उस पहले पशु की, जिसका प्राणघातक घाव ठीक हो गया था, पूजा कराता था।
तब मैंने दृष्टि की, तो देखो एक श्वेत बादल था और उस बादल पर मनुष्य के पुत्र जैसा कोई बैठा था, जिसके सिर पर सोने का मुकुट और हाथ में तेज़ धारवाला हँसिया था।
फिर स्वर्ग के मंदिर में से एक और स्वर्गदूत निकला, और उसके पास भी एक तेज़ धारवाला हँसिया था।
तब एक और स्वर्गदूत वेदी में से निकला, जिसके पास आग पर अधिकार था। वह उससे जिसके पास तेज़ धारवाला हँसिया था, ऊँची आवाज़ से पुकारकर कहने लगा, “अपना तेज़ धारवाला हँसिया चला और पृथ्वी के अंगूर के गुच्छों को एकत्रित कर, क्योंकि उसके अंगूर पक चुके हैं।”
और वे सातों स्वर्गदूत जिनके पास सात विपत्तियाँ थीं, मलमल के स्वच्छ और चमकीले वस्त्र पहने और छाती के चारों ओर सोने की पट्टियाँ बाँधे हुए मंदिर से निकले।
फिर सातवें स्वर्गदूत ने अपना कटोरा हवा पर उंडेल दिया। तब मंदिर के सिंहासन में से एक ऊँची आवाज़ यह कहते हुए आई, “हो गया।”
उन्होंने ऊँची आवाज़ से पुकारकर कहा, “हे स्वामी, तू जो पवित्र और सच्चा है, तू कब तक न्याय न करेगा और पृथ्वी पर रहनेवालों से हमारे लहू का बदला न लेगा?”