तब मैंने वह छोटी पुस्तक स्वर्गदूत के हाथ से ली और उसे खा गया। वह मेरे मुँह में शहद जैसी मीठी लगी पर जब मैं उसे खा गया तो मेरा पेट कड़वा हो गया।
प्रकाशितवाक्य 10:11 - नवीन हिंदी बाइबल इसके बाद मुझसे कहा गया, “तुझे बहुत से राष्ट्रों, जातियों, भाषाओं और राजाओं के विषय में फिर से भविष्यवाणी करनी होगी।” पवित्र बाइबल इस पर वह मुझसे बोला, “तुझे बहुत से लोगों, राष्ट्रों, भाषाओं और राजाओं के विषय में फिर भविष्यवाणी करनी होगी।” Hindi Holy Bible तब मुझ से यह कहा गया, कि तुझे बहुत से लोगों, और जातियों, और भाषाओं, और राजाओं पर, फिर भविष्यद्ववाणी करनी होगी॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तब मुझ से कहा गया, “तुम्हें फिर प्रजातियों, राष्ट्रों, भाषाओं और बहुत-से राजाओं के विषय में नबूवत करनी है।” पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब मुझ से यह कहा गया, “तुझे बहुत से लोगों, और जातियों, और भाषाओं और राजाओं के विषय में फिर भविष्यद्वाणी करनी होगी।” सरल हिन्दी बाइबल तब मुझसे कहा गया, “यह ज़रूरी है कि तुम दोबारा अनेक प्रजातियों, राष्ट्रों, भाषाओं तथा राजाओं के संबंध में भविष्यवाणी करो.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब मुझसे यह कहा गया, “तुझे बहुत से लोगों, जातियों, भाषाओं, और राजाओं के विषय में फिर भविष्यद्वाणी करनी होगी।” |
तब मैंने वह छोटी पुस्तक स्वर्गदूत के हाथ से ली और उसे खा गया। वह मेरे मुँह में शहद जैसी मीठी लगी पर जब मैं उसे खा गया तो मेरा पेट कड़वा हो गया।
फिर मुझे छड़ी के समान एक मापदंड दिया गया, और कहा गया, “उठ और परमेश्वर के मंदिर और वेदी को नाप, और जो उसमें उपासना कर रहे हैं उनको गिन।
साढ़े तीन दिन तक राष्ट्रों, कुलों, भाषाओं और जातियों के लोग उनके शवों को देखते रहेंगे, और वे उनके शवों को कब्र में रखने की अनुमति नहीं देंगे।
तब मैंने एक और स्वर्गदूत को आकाश में उड़ते हुए देखा। उसके पास पृथ्वी पर रहनेवाली प्रत्येक जाति, कुल, भाषा और राष्ट्र के लोगों को सुनाने के लिए सनातन सुसमाचार था।
उनमें से पाँच का पतन हो चुका है, और एक अभी है, और एक अब तक आया नहीं, और जब वह आएगा तो उसका कुछ समय तक रहना आवश्यक है।
जो दस सींग तूने देखे वे दस राजा हैं, जिन्हें अभी तक राज्य नहीं मिला है, परंतु उन्हें उस पशु के साथ घड़ी भर के लिए राजाओं के समान अधिकार मिलेगा।
फिर उसने मुझसे कहा, “जो जल तूने देखे थे जिन पर वह वेश्या बैठी थी, वे राष्ट्र, भीड़, जातियाँ और भाषाएँ हैं।
तब वे यह नया गीत गाने लगे : तू ही इस पुस्तक को लेने और इसकी मुहरों को खोलने के योग्य है, क्योंकि तूने वध होकर अपने लहू से परमेश्वर के लिए प्रत्येक कुल, भाषा, राष्ट्र और जाति में से लोगों को खरीद लिया,