उसके सब बेटे-बेटियों ने उसे शांति देने का प्रयत्न किया, पर उसे शांति न मिली। उसने कहा, “मैं तो विलाप करता हुआ अपने पुत्र के पास अधोलोक में उतर जाऊँगा।” इस प्रकार उसका पिता उसके लिए रोता ही रहा।
नीतिवचन 15:15 - नवीन हिंदी बाइबल दुःखी व्यक्ति के सब दिन बुरे होते हैं; परंतु जिसका मन प्रसन्न रहता है, वह सदैव उत्सव मनाता है। पवित्र बाइबल कुछ गरीब सदा के लिये दुःखी रहते हैं, किन्तु प्रफुल्लित चित उत्सव मनाता रहता है। Hindi Holy Bible दुखिया के सब दिन दु:ख भरे रहते हैं, परन्तु जिसका मन प्रसन्न रहता है, वह मानो नित्य भोज में जाता है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जो मनुष्य दु:खी है, उसका हर दिन दु:ख में बीतता है, किन्तु जिस व्यक्ति का हृदय प्रसन्नता से भरा रहता है, वह मानो नित्य भोज में सम्मिलित होता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) दुखियारे के सब दिन दु:ख भरे रहते हैं, परन्तु जिसका मन प्रसन्न रहता है, वह मानो नित्य भोज में जाता है। सरल हिन्दी बाइबल गरीबी-पीड़ित के सभी दिन क्लेशपूर्ण होते हैं, किंतु उल्लसित हृदय के कारण प्रतिदिन उत्सव सा आनंद रहता है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 दुःखियारे के सब दिन दुःख भरे रहते हैं, परन्तु जिसका मन प्रसन्न रहता है, वह मानो नित्य भोज में जाता है। |
उसके सब बेटे-बेटियों ने उसे शांति देने का प्रयत्न किया, पर उसे शांति न मिली। उसने कहा, “मैं तो विलाप करता हुआ अपने पुत्र के पास अधोलोक में उतर जाऊँगा।” इस प्रकार उसका पिता उसके लिए रोता ही रहा।
याकूब ने फ़िरौन से कहा, “एक परदेशी के रूप में मैं एक सौ तीस वर्ष बिता चुका हूँ। मेरे जीवन के दिन थोड़े और कष्टदायक रहे हैं, और मेरी आयु के दिन अभी उतने नहीं हुए जितने मेरे पूर्वजों ने परदेशी होकर बिताए हैं।”
जब मन आनंदित होता है तो मुख पर प्रसन्नता छा जाती है, परंतु जब मन दुःखी होता है तो आत्मा भी निराश हो जाती है।
समझदार मनुष्य का मन ज्ञान की खोज में रहता है, परंतु मूर्ख लोग मूर्खता से ही पेट भरते हैं।
यहोवा का भय मानने के साथ थोड़ा ही धन, उस अपार संपत्ति से उत्तम है जिसमें कष्ट पाए जाते हों।
आधी रात के लगभग पौलुस और सीलास प्रार्थना कर रहे थे और परमेश्वर के भजन गा रहे थे, और बंदी उनकी सुन रहे थे।
इतना ही नहीं, बल्कि हम अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर में प्रफुल्लित भी होते हैं, जिसके द्वारा अब हमारा मेल-मिलाप हुआ है।
यह हमारा गर्व अर्थात् हमारे विवेक की साक्षी है कि हमने इस संसार में, विशेषकर तुम्हारे प्रति, शारीरिक ज्ञान के अनुसार नहीं बल्कि परमेश्वर के अनुग्रह के अनुसार, भक्तिपूर्ण खराई और सच्चाई से आचरण किया है।
क्योंकि जैसे मसीह के दुःख हममें बहुतायत से हैं वैसे ही हमारी शांति भी मसीह के द्वारा बहुतायत से है।
शोक मनानेवाले समझे जाते हैं फिर भी सदैव आनंद मनाते हैं, कंगाल समझे जाते हैं फिर भी बहुतों को धनी बना देते हैं, ऐसे समझे जाते हैं मानो हमारे पास कुछ नहीं फिर भी हमारे पास सब कुछ है।
बल्कि जब तुम मसीह के दुःखों में सहभागी होते हो, तो आनंदित रहो, ताकि उसकी महिमा के प्रकट होने के समय भी तुम आनंदित और मगन हो सको।