नीतिवचन 12:15 - नवीन हिंदी बाइबल मूर्ख अपने चाल-चलन को अपनी दृष्टि में ठीक समझता है; परंतु जो सम्मति पर ध्यान देता है, वही बुद्धिमान है। पवित्र बाइबल मूर्ख को अपना मार्ग ठीक जान पड़ता है, किन्तु बुद्धिमान व्यक्ति सन्मति सुनता है। Hindi Holy Bible मूढ़ को अपनी ही चाल सीधी जान पड़ती है, परन्तु जो सम्मति मानता, वह बुद्धिमान है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मूर्ख मनुष्य को अपना आचरण अपनी दृष्टि में उचित लगता है, पर बुद्धिमान मनुष्य दूसरों की सलाह को ध्यान से सुनता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मूढ़ को अपनी ही चाल सीधी जान पड़ती है, परन्तु जो सम्मति मानता, वह बुद्धिमान है। सरल हिन्दी बाइबल मूर्ख की दृष्टि में उसकी अपनी कार्यशैली योग्य लगती है, किंतु ज्ञानवान परामर्श की विवेचना करता है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मूर्ख को अपनी ही चाल सीधी जान पड़ती है, परन्तु जो सम्मति मानता, वह बुद्धिमान है। |
बुद्धिमान पुत्र अपने पिता की शिक्षा को ध्यान से सुनता है, परंतु ठट्ठा करनेवाला डाँट-डपट पर भी ध्यान नहीं देता।
अहंकार से झगड़े ही उत्पन्न होते हैं; परंतु जो लोग सम्मति को मानते हैं, उनमें बुद्धि होती है।
ऐसा मार्ग भी है जो मनुष्य को ठीक प्रतीत होता है, परंतु अंत में वह मृत्यु का मार्ग सिद्ध होता है।
बुद्धिमान मनुष्य बुराई से डरता और उससे दूर रहता है, परंतु मूर्ख ढीठ और लापरवाह होता है।
मनुष्य का सारा चाल-चलन उसकी अपनी दृष्टि में तो उचित होता है, परंतु यहोवा मन को तौलता है।
ऐसा मार्ग भी है जो मनुष्य को ठीक प्रतीत होता है, परंतु अंत में वह मृत्यु का मार्ग सिद्ध होता है।
मनुष्य का सारा चाल-चलन उसकी अपनी दृष्टि में तो ठीक होता है, परंतु यहोवा मन को तौलता है।
क्या तू ऐसे मनुष्य को देखता है जो अपनी ही दृष्टि में बुद्धिमान है? उससे बढ़कर आशा तो मूर्ख के लिए है।
आलसी स्वयं को उन सात मनुष्यों से भी अधिक बुद्धिमान समझता है जो समझदारी से उत्तर दे सकते हैं।
धनी पुरुष अपनी ही दृष्टि में बुद्धिमान होता है, परंतु जो निर्धन व्यक्ति समझदार है वह उसे परख लेता है।
बुद्धिमान को शिक्षा दे तो वह अधिक बुद्धिमान होगा; धर्मी को सिखा तो वह अपनी विद्या बढ़ाएगा।
बुद्धिमान लड़का दरिद्र होने पर भी उस बूढ़े और मूर्ख राजा से अच्छा है जो अब सम्मति पर ध्यान नहीं देता।
वह फरीसी खड़ा होकर अपने मन में इस प्रकार प्रार्थना करने लगा, ‘हे परमेश्वर, मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ कि मैं अन्य मनुष्यों के समान लुटेरा, अधर्मी और व्यभिचारी नहीं हूँ, और न ही इस कर वसूलनेवाले के समान हूँ।
क्योंकि यदि कोई व्यक्ति कुछ न होने पर भी अपने को कुछ समझता है तो वह अपने आपको धोखा देता है।