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निर्गमन 20:6 - नवीन हिंदी बाइबल

परंतु जो मुझसे प्रेम रखते हैं और मेरी आज्ञाओं को मानते हैं, उन पर मैं हज़ारों पीढ़ियों तक करुणा किया करता हूँ।

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पवित्र बाइबल

किन्तु मैं उन व्यक्तियों पर बहुत कृपालू रहूँगा जो मुझसे प्रेम करेंगे और मेरे आदेशों को मानेंगे। मैं उनके परिवारों के प्रति सहस्रों पीढ़ी तक कृपालु रहूँगा।

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Hindi Holy Bible

और जो मुझ से प्रेम रखते और मेरी आज्ञाओं को मानते हैं, उन हजारों पर करूणा किया करता हूं॥

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

परन्‍तु मुझ से प्रेम करने वाले और मेरी आज्ञा का पालन करने वाले व्यक्‍तियों पर मैं हजार पीढ़ियों तक करुणा करता हूं।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

और जो मुझ से प्रेम रखते और मेरी आज्ञाओं को मानते हैं, उन हज़ारों पर करुणा किया करता हूँ।

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सरल हिन्दी बाइबल

किंतु उन हजारों पीढ़ियों पर, जिन्हें मुझसे प्रेम है तथा जो मेरे आदेशों का पालन करते हैं, अपनी करुणा प्रकट करता रहूंगा.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

और जो मुझसे प्रेम रखते और मेरी आज्ञाओं को मानते हैं, उन हजारों पर करुणा किया करता हूँ।

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निर्गमन 20:6
19 क्रॉस रेफरेंस  

परंतु यहोवा की करुणा उसका भय माननेवालों पर सदा-सर्वदा और उसकी धार्मिकता उनके नाती-पोतों पर बनी रहती है,


वह हज़ारों पीढ़ियों तक करुणा करता है और अधर्म, अपराध तथा पाप को क्षमा करता है, परंतु वह दोषी को किसी प्रकार निर्दोष नहीं ठहराता। वह पूर्वजों के अधर्म का दंड उनके बेटों, बल्कि पोतों और परपोतों को भी देता है।”


हे मेरे पुत्र, मेरी शिक्षा को न भूलना, पर मेरी आज्ञाओं को अपने हृदय में बसाए रखना,


“यदि तुम मुझसे प्रेम रखते हो, तो मेरी आज्ञाओं का पालन करोगे;


जिसके पास मेरी आज्ञाएँ हैं और जो उनका पालन करता है, वही मुझसे प्रेम रखता है; और जो मुझसे प्रेम रखता है, उससे मेरा पिता प्रेम रखेगा, और मैं उससे प्रेम रखूँगा और अपने आपको उस पर प्रकट करूँगा।”


क्योंकि यह प्रतिज्ञा तुम्हारे और तुम्हारी संतानों के लिए और उन सब दूर-दूर के लोगों के लिए है जिन्हें प्रभु हमारा परमेश्‍वर अपने पास बुलाता है।”


धन्य है वह मनुष्य जो परीक्षा में धीरज धरता है क्योंकि वह खरा उतरकर जीवन का वह मुकुट पाएगा जिसकी प्रतिज्ञा प्रभु ने अपने प्रेम रखनेवालों से की है।


हम इसलिए प्रेम रखते हैं, क्योंकि उसने पहले हमसे प्रेम रखा।


क्योंकि परमेश्‍वर से प्रेम रखना यह है कि हम उसकी आज्ञाओं का पालन करें, और उसकी आज्ञाएँ कठिन नहीं हैं।


प्रेम यह है कि हम उसकी आज्ञाओं के अनुसार चलें। आज्ञा यह है जो तुमने आरंभ से सुनी कि तुम प्रेम में चलो।