गलातियों 4:13 - नवीन हिंदी बाइबल तुम जानते हो कि यह मेरी शारीरिक निर्बलता के कारण ही था कि मैंने तुम्हें पहली बार सुसमाचार सुनाया, पवित्र बाइबल तुम तो जानते ही हो कि अपनी शारीरिक व्याधि के कारण मैंने पहली बार तुम्हें ही सुसमाचार सुनाया था। Hindi Holy Bible पर तुम जानते हो, कि पहिले पहिल मैं ने शरीर की निर्बलता के कारण तुम्हें सुसमाचार सुनाया। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) आप जानते हैं कि अस्वस्थ होने के कारण मुझे आप को पहली बार शुभ समाचार सुनाने का अवसर मिला। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) पर तुम जानते हो कि पहले–पहल मैं ने शरीर की निर्बलता के कारण तुम्हें सुसमाचार सुनाया। सरल हिन्दी बाइबल तुम्हें याद होगा कि, मैंने पहली बार अपनी बीमारी की स्थिति में तुम्हें ईश्वरीय सुसमाचार सुनाया था, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 पर तुम जानते हो, कि पहले-पहल मैंने शरीर की निर्बलता के कारण तुम्हें सुसमाचार सुनाया। |
यीशु सारे गलील में घूमता रहा और उनके आराधनालयों में उपदेश देता और राज्य का सुसमाचार प्रचार करता और लोगों की हर प्रकार की बीमारी और हर प्रकार की दुर्बलता को दूर करता रहा।
वे फ्रूगिया और गलातिया के क्षेत्र से होकर गए, क्योंकि पवित्र आत्मा ने उन्हें आसिया में वचन सुनाने से मना किया था।
क्योंकि कोई तो कहता है, “उसके पत्र तो गंभीर और प्रभावशाली होते हैं, परंतु उसकी व्यक्तिगत उपस्थिति प्रभावहीन और उसका प्रवचन व्यर्थ है।”
यद्यपि मैं बोलने में निपुण नहीं, फिर भी ज्ञान में तो हूँ, बल्कि हमने इसे सब बातों में हर प्रकार से तुम पर प्रकट किया है।
वास्तव में वह निर्बलता में क्रूस पर चढ़ाया तो गया, फिर भी परमेश्वर के सामर्थ्य से जीवित है। हम भी उसमें निर्बल तो हैं, परंतु परमेश्वर के उस सामर्थ्य से जो तुम्हारे लिए है, हम उसके साथ जीएँगे।
मुझे आश्चर्य होता है कि जिसने तुम्हें मसीह के अनुग्रह में बुलाया उससे इतने शीघ्र फिरकर तुम किसी और ही सुसमाचार की ओर जा रहे हो।
हे भाइयो, मैं तुमसे विनती करता हूँ कि मेरे समान बन जाओ, क्योंकि मैं भी तुम्हारे समान बन गया हूँ। तुमने मेरा कुछ बुरा नहीं किया।
और तुमने मेरी शारीरिक दशा को, जो तुम्हारी परीक्षा का कारण थी, तुच्छ न समझा और न उससे घृणा की, परंतु तुमने मुझे परमेश्वर के दूत बल्कि स्वयं मसीह यीशु के समान ग्रहण किया।
सदैव अच्छे उद्देश्य के लिए उत्सुक रहना अच्छा है, केवल उसी समय नहीं जब मैं तुम्हारे साथ उपस्थित होता हूँ।