उस समय मैदान का कोई पौधा पृथ्वी पर नहीं था, और न ही मैदान में कोई वनस्पति उगी थी, क्योंकि यहोवा परमेश्वर ने पृथ्वी पर पानी नहीं बरसाया था, और भूमि पर खेती करने के लिए कोई मनुष्य भी नहीं था।
उत्पत्ति 7:4 - नवीन हिंदी बाइबल क्योंकि सात दिन के बाद मैं पृथ्वी पर चालीस दिन और चालीस रात तक जल बरसाता रहूँगा, और मैं प्रत्येक प्राणी को जिसे मैंने रचा है, पृथ्वी पर से मिटा डालूँगा।” पवित्र बाइबल अब से सातवें दिन मैं पृथ्वी पर बहुत भारी वर्षा भेजूँगा। यह वर्षा चालीस दिन और चालीस रात होती रहेगी। पृथ्वी के सभी जीवित प्राणी नष्ट हो जायेंगे। मेरी बनाई सभी चीज़े खत्म हो जायेंगें।” Hindi Holy Bible क्योंकि अब सात दिन और बीतने पर मैं पृथ्वी पर चालीस दिन और चालीस रात तक जल बरसाता रहूंगा; जितनी वस्तुएं मैं ने बनाईं हैं सब को भूमि के ऊपर से मिटा दूंगा। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं सात दिन के पश्चात् चालीस दिन और चालीस रात तक पृथ्वी पर वर्षा करूंगा, और उन सब प्राणियों को भूमि की सतह से मिटा दूंगा, जिन्हें मैंने बनाया था।’ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि अब सात दिन और बीतने पर मैं पृथ्वी पर चालीस दिन और चालीस रात तक जल बरसाता रहूँगा; और जितने प्राणी मैं ने बनाए हैं उन सब को भूमि के ऊपर से मिटा दूँगा।” सरल हिन्दी बाइबल क्योंकि अब से सात दिन के बाद, मैं पृथ्वी पर जल बरसाऊंगा, चालीस दिन तथा चालीस रात तक जल बरसाता रहूंगा और भूमि पर मेरे द्वारा रचे गये सभी जीवित प्राणी नष्ट हो जायेंगे.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि अब सात दिन और बीतने पर मैं पृथ्वी पर चालीस दिन और चालीस रात तक जल बरसाता रहूँगा; और जितने प्राणी मैंने बनाए हैं उन सब को भूमि के ऊपर से मिटा दूँगा।” |
उस समय मैदान का कोई पौधा पृथ्वी पर नहीं था, और न ही मैदान में कोई वनस्पति उगी थी, क्योंकि यहोवा परमेश्वर ने पृथ्वी पर पानी नहीं बरसाया था, और भूमि पर खेती करने के लिए कोई मनुष्य भी नहीं था।
तब परमेश्वर ने नूह से कहा, “मैंने सब प्राणियों का अंत करने का निश्चय किया है, क्योंकि उनके कारण पृथ्वी उपद्रव से भर गई है; देख, मैं उन्हें पृथ्वी समेत नष्ट करने पर हूँ।
और सुन, मैं उन सब प्राणियों का नाश करने के लिए, जो आकाश के नीचे हैं और जिनमें जीवन का श्वास है, पृथ्वी पर जलप्रलय भेजूँगा; तथा वे सब जो पृथ्वी पर हैं मर जाएँगे।
तब यहोवा ने कहा, “मेरा आत्मा मनुष्य के साथ सदा बना न रहेगा, क्योंकि वह तो शरीर है; उसकी आयु एक सौ बीस वर्ष की होगी।”
फिर यहोवा ने कहा, “मैं मनुष्य को जिसे मैंने रचा है पृथ्वी पर से मिटा डालूँगा, बल्कि मनुष्य के साथ-साथ पशुओं, रेंगनेवाले जंतुओं और आकाश के पक्षियों को भी; क्योंकि मैं उन्हें बनाकर खेदित हुआ हूँ।”
पृथ्वी पर चालीस दिन तक जलप्रलय होता रहा, जिसके कारण जल बहुत बढ़ता गया, और जहाज़ ऊपर उठने लगा; और वह पृथ्वी की सतह से ऊँचा उठ गया।
तू आकाश के पक्षियों में से भी नर और मादा के सात-सात जोड़े लेना कि उनका वंश सारी पृथ्वी पर बचा रहे।
“जो जय पाए उसे इसी प्रकार श्वेत वस्त्र पहनाए जाएँगे, और मैं उसका नाम जीवन की पुस्तक में से कभी नहीं मिटाऊँगा, बल्कि अपने पिता और उसके स्वर्गदूतों के सामने उसका नाम स्वीकार कर लूँगा।