उत्पत्ति 6:5 - नवीन हिंदी बाइबल तब यहोवा ने देखा कि पृथ्वी पर मनुष्य की दुष्टता बढ़ गई है, और उसके मन का प्रत्येक विचार निरंतर बुरा ही होता है। पवित्र बाइबल यहोवा ने देखा कि पृथ्वी पर मनुष्य बहुत अधिक पापी हैं। यहोवा ने देखा कि मनुष्य लगातार बुरी बातें ही सोचता है। Hindi Holy Bible और यहोवा ने देखा, कि मनुष्यों की बुराई पृथ्वी पर बढ़ गई है, और उनके मन के विचार में जो कुछ उत्पन्न होता है सो निरन्तर बुरा ही होता है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) प्रभु ने देखा कि पृथ्वी पर मनुष्य का दुराचार बढ़ गया है, और उसके मन के सारे विचार निरन्तर बुराई के लिए ही होते हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यहोवा ने देखा कि मनुष्यों की बुराई पृथ्वी पर बढ़ गई है, और उनके मन के विचार में जो कुछ उत्पन्न होता है वह निरन्तर बुरा ही होता है। सरल हिन्दी बाइबल जब याहवेह ने मनुष्यों को देखा कि वे हमेशा बुराई ही करते हैं, कि उन्होंने जो कुछ भी सोचा था या कल्पना की थी वह लगातार और पूरी तरह से बुराई थी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यहोवा ने देखा कि मनुष्यों की बुराई पृथ्वी पर बढ़ गई है, और उनके मन के विचार में जो कुछ उत्पन्न होता है वह निरन्तर बुरा ही होता है। (भज. 53:2) |
तब यहोवा ने मनमोहक सुगंध पाकर अपने मन में कहा, “मैं फिर कभी मनुष्य के कारण भूमि को शाप न दूँगा, यद्यपि मनुष्य के मन में बचपन से जो कुछ उत्पन्न होता है वह बुरा ही है। जैसा मैंने प्रत्येक प्राणी को अब नाश किया है, वैसा फिर कभी न करूँगा।
परमेश्वर स्वर्ग से मनुष्यों पर दृष्टि करता है कि देखे कि कोई बुद्धिमान, कोई परमेश्वर का खोजी है या नहीं।
देखो, मैंने केवल यह बात पाई है कि जब परमेश्वर ने मनुष्य को बनाया तो वह धर्मी था, परंतु उसने बहुत सी बुरी युक्तियाँ निकाल ली हैं।”
संसार में जो कुछ होता है उसमें यह बुराई है कि सब मनुष्यों के अंत की दशा एक जैसी होती है; और साथ ही लोगों के मन बुराई से भरे रहते हैं और जब तक वे जीवित हैं, उनके हृदय में पागलपन समाया रहता है। उसके बाद वे मृतकों में जा मिलते हैं।
क्योंकि मन से बुरे बुरे विचार, हत्या, परस्त्रीगमन, व्यभिचार, चोरी, झूठी गवाही और निंदा निकलती हैं।
हम भी पहले निर्बुद्धि, आज्ञा न माननेवाले, भ्रम में पड़े हुए, तथा विभिन्न प्रकार की लालसाओं और भोग-विलास के दासत्व में थे, तथा बुराई और ईर्ष्या में जीवन व्यतीत करते थे। हम घृणित थे और एक दूसरे से घृणा करते थे।
जो उस समय आज्ञा न माननेवाले थे, जब परमेश्वर नूह के दिनों में धीरज से प्रतीक्षा कर रहा था और जहाज़ बनाया जा रहा था। उस जहाज़ में थोड़े ही लोग अर्थात् आठ लोग पानी से बचाए गए।