उत्पत्ति 48:18 - नवीन हिंदी बाइबल यूसुफ ने अपने पिता से कहा, “हे पिता, ऐसा न कर, क्योंकि पहलौठा तो यह है; अपना दाहिना हाथ इसके सिर पर रख।” पवित्र बाइबल यूसुफ ने अपने पिता से कहा, “आपने अपना दायाँ हाथ गलत लड़के पर रखा है। मनश्शे का जन्म पहले है।” Hindi Holy Bible और यूसुफ ने अपने पिता से कहा, हे पिता, ऐसा नहीं: क्योंकि जेठा यही है; अपना दहिना हाथ इसके सिर पर रख। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उसने अपने पिता से कहा, ‘पिताजी, ऐसा मत कीजिए। देखिए, यह है ज्येष्ठ पुत्र। उसके सिर पर अपना दाहिना हाथ रखिए।’ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और यूसुफ ने अपने पिता से कहा, “हे पिता, ऐसा नहीं; क्योंकि जेठा यही है; अपना दाहिना हाथ इसके सिर पर रख।” सरल हिन्दी बाइबल योसेफ़ ने अपने पिता से कहा, “वह नहीं, पिताजी, बड़ा बेटा यह है; आप अपना दायां हाथ इस पर रख दीजिए.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और यूसुफ ने अपने पिता से कहा, “हे पिता, ऐसा नहीं; क्योंकि जेठा यही है; अपना दाहिना हाथ इसके सिर पर रख।” |
तब रिबका ने अपने बड़े पुत्र एसाव के अच्छे से अच्छे वस्त्र लिए, जो उसके पास घर में थे, और अपने छोटे पुत्र याकूब को पहना दिए;
लाबान ने कहा, “हमारे देश में ऐसा नहीं होता कि बड़ी बेटी से पहले छोटी का विवाह कर दिया जाए।
यूसुफ के भाइयों को उसके सामने उनकी आयु के क्रम के अनुसार बैठाया गया; इससे वे आश्चर्य से एक दूसरे की ओर देखने लगे।
जब यूसुफ ने देखा कि उसके पिता ने अपना दाहिना हाथ एप्रैम के सिर पर रखा है, तो यह उसे अच्छा नहीं लगा; इसलिए उसने अपने पिता का हाथ पकड़ लिया कि एप्रैम के सिर पर से उठाकर मनश्शे के सिर पर रख दे।
परंतु उसके पिता ने इनकार करते हुए कहा, “हाँ मेरे पुत्र, मैं यह जानता हूँ। इससे भी मनुष्यों की एक जाति निकलेगी, और यह भी महान होगा, परंतु इसका छोटा भाई इससे भी अधिक महान होगा, और उसके वंश से बहुत सी जातियाँ निकलेंगी।”
“हे रूबेन, तू मेरा पहलौठा, मेरा बल और मेरे पौरुष का पहला फल है; तू ही मेरी प्रतिष्ठा और शक्ति का उत्तम भाग है।
ऐसा नहीं होगा; केवल पुरुष ही जाकर यहोवा की आराधना करें, क्योंकि तुम यही चाहते थे।” और फिर उन्हें फ़िरौन के सामने से निकाल दिया गया।
इस पर बुद्धिमानों ने कहा, ‘नहीं, यह हमारे और तुम्हारे लिए पर्याप्त नहीं होगा; अच्छा होगा कि तुम बेचनेवालों के पास जाकर अपने लिए खरीद लो।’
परंतु पतरस ने कहा, “हे प्रभु, बिलकुल नहीं, क्योंकि मैंने कभी कोई अपवित्र और अशुद्ध वस्तु नहीं खाई।”
परंतु मैंने कहा, ‘हे प्रभु, बिलकुल नहीं, क्योंकि मेरे मुँह में कोई भी अपवित्र या अशुद्ध वस्तु कभी नहीं गई।’