तब यह सोचकर कि शेला के बड़े हो जाने पर भी उसे उसकी पत्नी नहीं बनाया गया, उसने अपने विधवापन का पहरावा उतारा और घूँघट डालकर स्वयं को ढाँप लिया, तथा एनैम के फाटक के निकट जो तिम्ना के मार्ग पर है, जा बैठी।
उत्पत्ति 38:11 - नवीन हिंदी बाइबल तब यहूदा ने यह सोचकर कि कहीं शेला भी अपने भाइयों के समान मर न जाए, अपनी बहू तामार से कहा, “जब तक मेरा पुत्र शेला बड़ा न हो जाए तब तक अपने पिता के घर में विधवा की तरह ही रह।” अतः तामार अपने पिता के घर जाकर रहने लगी। पवित्र बाइबल तब यहूदा ने अपनी पुत्रबधू तामार से कहा, “अपने पिता के घर लौट जाओ। वहीं रहो और तब तक विवाह न करो जब तक मेरा छोटा पुत्र शेला बड़ा न हो जाए।” यहूदा को डर था कि शेला भी अपने भाईयों की तरह मार डाला जाएगा। तामार अपने पिता के घर लौट गई। Hindi Holy Bible तब यहूदा ने इस डर के मारे, कि कहीं ऐसा न हो कि अपने भाइयों की नाईं शेला भी मरे, अपनी बहू तामार से कहा, जब तक मेरा पुत्र शेला सियाना न हो तब तक अपने पिता के घर में विधवा की बैठी रह, सो तामार अपने पिता के घर में जा कर रहने लगी। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यहूदा ने अपनी बहू तामार से कहा, ‘जब तक मेरा पुत्र शेला युवा न हो जाए, तुम अपने पिता के घर में विधवा के सदृश रहो।’ यहूदा सोचता था कि ऐसा न हो कि शेला भी अपने भाइयों के समान मर जाए। अत: तामार चली गई। वह अपने पिता के घर में रहने लगी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब यहूदा ने इस डर के मारे कि कहीं ऐसा न हो कि अपने भाइयों के समान शेला भी मरे, अपनी बहू तामार से कहा, “जब तक मेरा पुत्र शेला सियाना न हो जाए तब तक अपने पिता के घर में विधवा ही बैठी रह। इसलिये तामार अपने पिता के घर में जाकर रहने लगी। सरल हिन्दी बाइबल यह देख यहूदाह ने अपनी बहू तामार से कहा, “जब तक मेरा पुत्र शेलाह, विवाह के योग्य न हो जाए, अपने पिता के घर विधवा बनकर रहना.” यहूदाह को डर था कि इस पुत्र की भी मृत्यु उसके भाइयों के समान हो जाए. इसलिये तामार अपने पिता के घर चली गई. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब यहूदा ने इस डर के मारे कि कहीं ऐसा न हो कि अपने भाइयों के समान शेला भी मरे, अपनी बहू तामार से कहा, “जब तक मेरा पुत्र शेला सयाना न हो जाए तब तक अपने पिता के घर में विधवा ही बैठी रह।” इसलिए तामार अपने पिता के घर में जाकर रहने लगी। |
तब यह सोचकर कि शेला के बड़े हो जाने पर भी उसे उसकी पत्नी नहीं बनाया गया, उसने अपने विधवापन का पहरावा उतारा और घूँघट डालकर स्वयं को ढाँप लिया, तथा एनैम के फाटक के निकट जो तिम्ना के मार्ग पर है, जा बैठी।
यदि याजक की बेटी विधवा या त्यागी हुई हो, और निस्संतान हो, और वह अपनी बाल्यावस्था के दिनों के समान अपने पिता के घर में आकर रहती हो, तो वह अपने पिता के भोजन में से खा सकती है, परंतु कोई सामान्य व्यक्ति उसमें से न खाए।