तथा अपने सब पशु और धन को जिन्हें उसने इकट्ठा किया था, अर्थात् सब पशुओं और धन-संपत्ति को जिन्हें उसने पद्दनराम में इकट्ठा किया था, लेकर अपने पिता इसहाक के पास जाने के लिए कनान देश को चल पड़ा।
उत्पत्ति 32:6 - नवीन हिंदी बाइबल उन दूतों ने याकूब के पास लौटकर यह कहा, “हम तेरे भाई एसाव के पास गए थे और वह भी चार सौ पुरुषों को अपने साथ लेकर तुझसे भेंट करने के लिए आ रहा है।” पवित्र बाइबल दूत याकूब के पास लौटा और बोला, “हम तुम्हारे भाई एसाव के पास गए। वह तुमसे मिलने आ रहा है। उसके साथ चार सौ सशस्त्र वीर हैं।” Hindi Holy Bible वे दूत याकूब के पास लौट के कहने लगे, हम तेरे भाई ऐसाव के पास गए थे, और वह भी तुझ से भेंट करने को चार सौ पुरूष संग लिये हुए चला आता है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) दूत याकूब के पास लौट आए। अन्होंने कहा, ‘हम आपके भाई एसाव के पास गए थे। वह आपसे भेंट करने आ रहे हैं। उनके साथ चार सौ पुरुष हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वे दूत याक़ूब के पास लौट के कहने लगे, “हम तेरे भाई एसाव के पास गए थे, और वह भी तुझ से भेंट करने को चार सौ पुरुष संग लिये हुए चला आता है।” सरल हिन्दी बाइबल जब वे दूत लौटकर याकोब के पास आए और उन्हें बताया, “हम आपके भाई से मिले. वे आपसे मिलने यहां आ रहे हैं और उनके साथ चार सौ व्यक्तियों का झुंड भी है.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वे दूत याकूब के पास लौटकर कहने लगे, “हम तेरे भाई एसाव के पास गए थे, और वह भी तुझ से भेंट करने को चार सौ पुरुष संग लिये हुए चला आता है।” |
तथा अपने सब पशु और धन को जिन्हें उसने इकट्ठा किया था, अर्थात् सब पशुओं और धन-संपत्ति को जिन्हें उसने पद्दनराम में इकट्ठा किया था, लेकर अपने पिता इसहाक के पास जाने के लिए कनान देश को चल पड़ा।
मेरी विनती है कि मेरे भाई एसाव के हाथ से मुझे बचा, क्योंकि मैं उससे डरता हूँ। कहीं ऐसा न हो कि वह आकर मुझे और माताओं को बच्चों सहित मार डाले।
तब याकूब बहुत डरा और घबरा गया; और उसने अपने लोगों को जो उसके साथ थे, और भेड़-बकरियों, और गाय-बैलों, और ऊँटों को दो अलग-अलग दलों में बाँट दिया,
जब याकूब ने अपनी आँखें उठाईं तो देखा कि एसाव चार सौ पुरुषों के साथ चला आ रहा है। इसलिए उसने लिआ और राहेल तथा दोनों दासियों के बीच बच्चों को बाँट दिया।
एसाव ने कहा, “तो फिर अपने साथियों में से कुछ को मैं तेरे साथ छोड़ जाता हूँ।” उसने कहा, “इसकी क्या आवश्यकता है? बस इतना हो कि मेरे प्रभु की कृपादृष्टि मुझ पर बनी रहे।”
तब एसाव ने पूछा, “इस बड़े दल से जो मुझे मिला है उससे तेरा क्या उद्देश्य है?” उसने कहा, “यह कि मेरे प्रभु की कृपादृष्टि मुझ पर बनी रहे।”
शकेम ने भी दीना के पिता और भाइयों से कहा, “यदि मुझ पर तुम्हारी कृपादृष्टि हो, तो जो कुछ तुम मुझसे माँगोगे, मैं वह दूँगा।
उन्होंने कहा, “तूने हमें बचा लिया है; हमारे स्वामी की कृपादृष्टि हम पर बनी रहे, और हम फ़िरौन के दास बने रहेंगे।”