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उत्पत्ति 3:1 - नवीन हिंदी बाइबल

यहोवा परमेश्‍वर ने जितने जंगली पशु बनाए थे, सर्प उन सब से अधिक धूर्त था। उसने स्‍त्री से कहा, “क्या परमेश्‍वर ने सचमुच कहा है कि तुम इस वाटिका के किसी भी वृक्ष का फल न खाना?”

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पवित्र बाइबल

यहोवा द्वारा बनाए गए सभी जानवरों में सबसे अधिक चतुर साँप था। (वह स्त्री को धोखा देना चाहता था।) साँप ने कहा, “हे स्त्री क्या परमेश्वर ने सच—मुच तुमसे कहा है कि तुम बाग के किसी पेड़ से फल ना खाना?”

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Hindi Holy Bible

यहोवा परमेश्वर ने जितने बनैले पशु बनाए थे, उन सब में सर्प धूर्त था, और उसने स्त्री से कहा, क्या सच है, कि परमेश्वर ने कहा, कि तुम इस बाटिका के किसी वृक्ष का फल न खाना?

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

उन सब वन-प्राणियों में जिन्‍हें प्रभु परमेश्‍वर ने रचा था, सबसे अधिक धूर्त सांप था। उसने स्‍त्री से पूछा, ‘क्‍या सचमुच परमेश्‍वर ने कहा है कि तुम उद्यान के किसी भी पेड़ का फल न खाना?’

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

यहोवा परमेश्‍वर ने जितने बनैले पशु बनाए थे, उन सब में सर्प धूर्त था; उसने स्त्री से कहा, “क्या सच है कि परमेश्‍वर ने कहा, ‘तुम इस वाटिका के किसी वृक्ष का फल न खाना’?”

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सरल हिन्दी बाइबल

याहवेह परमेश्वर के बनाये सब जंतुओं में सांप सबसे ज्यादा चालाक था. उसने स्त्री से कहा, “क्या सच में परमेश्वर ने तुमसे कहा, ‘तुम इस बगीचे के किसी भी पेड़ का फल न खाना’?”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

यहोवा परमेश्वर ने जितने जंगली पशु बनाए थे, उन सब में सर्प धूर्त था, और उसने स्त्री से कहा, “क्या सच है, कि परमेश्वर ने कहा, ‘तुम इस वाटिका के किसी वृक्ष का फल न खाना’?” (प्रका. 12:9, प्रका. 20:2)

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उत्पत्ति 3:1
14 क्रॉस रेफरेंस  

क्योंकि यदि उनमें से एक गिरे, तो दूसरा उसे उठाएगा; परंतु हाय उस पर जो अकेला होने पर गिरे और उसे उठानेवाला कोई न हो।


“देखो, मैं तुम्हें भेड़ों के समान भेड़ियों के बीच में भेजता हूँ; इसलिए साँपों के समान चतुर और कबूतरों के समान भोले बनो।


तब परखनेवाले ने पास आकर उससे कहा, “यदि तू परमेश्‍वर का पुत्र है, तो कह दे, कि ये पत्थर रोटियाँ बन जाएँ।”


और उससे कहा, “यदि तू परमेश्‍वर का पुत्र है, तो अपने आपको नीचे गिरा दे, क्योंकि लिखा है : वह तेरे विषय में अपने स्वर्गदूतों को आज्ञा देगा और वे तुझे हाथों पर उठा लेंगे, कहीं ऐसा न हो कि तेरे पैरों को पत्थर से चोट लगे।”


और उससे कहा, “यदि तू गिरकर मुझे दंडवत् करे तो मैं यह सब तुझे दे दूँगा।”


इसमें कोई आश्‍चर्य नहीं, क्योंकि स्वयं शैतान भी ज्योतिर्मय स्वर्गदूत होने का ढोंग रचता है।


परंतु मुझे डर है, जैसे साँप ने अपनी चतुराई से हव्वा को बहकाया, वैसे ही कहीं तुम्हारे मन उस सीधाई और पवित्रता से भटक न जाएँ, जो मसीह में है।


हे पतियो, तुम भी इसी प्रकार अपनी-अपनी पत्‍नी के साथ समझदारी से रहो, और उन्हें निर्बल पात्र जानकर और अनुग्रह के जीवन का सह-उत्तराधिकारी समझकर उनका आदर करो, जिससे तुम्हारी प्रार्थनाओं में बाधा न आए।


फिर साँप ने उस स्‍त्री के पीछे अपने मुँह से नदी के सदृश्य पानी बहाया कि वह उसे उस नदी में बहा दे।


और उस बड़े अजगर को अर्थात् उस पुराने साँप को, जो इब्लीस और शैतान कहलाता है और समस्त संसार को भरमाता है, पृथ्वी पर फेंक दिया गया, और उसके साथ उसके दूतों को भी फेंक दिया गया।


उसने अजगर अर्थात् उस पुराने साँप को, जो इब्लीस और शैतान है, पकड़ लिया, और उसे एक हज़ार वर्ष के लिए बाँध दिया,