जो पहले उत्पन्न हुआ वह लाल था, और उसका सारा शरीर कंबल के समान रोएँदार था; इसलिए उसका नाम एसाव रखा गया।
उत्पत्ति 27:19 - नवीन हिंदी बाइबल याकूब ने अपने पिता से कहा, “मैं तेरा पहलौठा एसाव हूँ। मैंने वही किया है, जो तूने कहा था। अब उठ और बैठकर मेरे शिकार के मांस में से खा तथा मुझे जी भरके आशीर्वाद दे।” पवित्र बाइबल याकूब ने अपने पिता से कहा, “मैं आपका बड़ा पुत्र एसाव हूँ। आपने जो कहा है, मैंने कर दिया है। अब आप बैठें और उन जानवरों को खाएं जिनका शिकार मैंने आपके लिए किया है। तब आप मुझे आशीर्वाद दे सकते हैं।” Hindi Holy Bible याकूब ने अपने पिता से कहा, मैं तेरा जेठा पुत्र ऐसाव हूं। मैं ने तेरी आज्ञा के अनुसार किया है; सो उठ और बैठ कर मेरे अहेर के मांस में से खा, कि तू जी से मुझे आशीर्वाद दे। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) याकूब ने अपने पिता को उत्तर दिया, ‘मैं आपका पहिलौठा पुत्र एसाव हूँ। जैसा आपने मुझसे कहा था वैसा ही मैंने किया है। कृपया उठिए और आइए, मेरे शिकार का मांस खाइए जिससे आप अपनी आत्मा से मुझे आशीर्वाद दे सकें।’ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) याक़ूब ने अपने पिता से कहा, “मैं तेरा जेठा पुत्र एसाव हूँ। मैं ने तेरी आज्ञा के अनुसार किया है; इसलिये उठ और बैठकर मेरे अहेर के मांस में से खा, कि तू जी से मुझे आशीर्वाद दे।” सरल हिन्दी बाइबल याकोब ने अपने पिता को उत्तर दिया, “मैं आपका बड़ा बेटा एसाव हूं. मैंने वह सब किया है, जैसा आपने कहा था. कृपया बैठिये और मेरे शिकार से पकाया भोजन कीजिये और मुझे अपनी आशीष दीजिये.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 याकूब ने अपने पिता से कहा, “मैं तेरा जेठा पुत्र एसाव हूँ। मैंने तेरी आज्ञा के अनुसार किया है; इसलिए उठ और बैठकर मेरे अहेर के माँस में से खा, कि तू जी से मुझे आशीर्वाद दे।” |
जो पहले उत्पन्न हुआ वह लाल था, और उसका सारा शरीर कंबल के समान रोएँदार था; इसलिए उसका नाम एसाव रखा गया।
इसहाक एसाव से प्रीति रखता था क्योंकि उसे उसके शिकार का मांस खाना पसंद था, पर रिबका याकूब से प्रीति रखती थी।
तब वह अपने पिता के पास गया और कहा, “हे मेरे पिता,” उसने कहा, “हाँ बोल, मेरे पुत्र, तू कौन है?”
इसहाक ने याकूब से कहा, “हे मेरे पुत्र, निकट आ कि मैं तुझे टटोलकर जान लूँ कि तू सचमुच मेरा पुत्र एसाव है या नहीं।”
तब वह भी स्वादिष्ट भोजन बनाकर अपने पिता के पास ले आया, और उससे कहा, “हे मेरे पिता, उठ और तेरे पुत्र ने जो शिकार किया है उसका मांस खा तथा मुझे जी भरके आशीर्वाद दे।”
तब मेरी पसंद का स्वादिष्ट भोजन बनाकर मेरे पास ले आ कि मैं उसे खाऊँ और मरने से पहले तुझे जी भरके आशीर्वाद दूँ।”
जब तेरे विरुद्ध तेरे भाई का क्रोध शांत हो जाएगा और जो कुछ तूने उसके साथ किया है वह उसे भूल जाएगा, तब मैं तुझे वहाँ से बुलवा लूँगी। मैं एक ही दिन में तुम दोनों को क्यों खो बैठूँ?”