तब याकूब ने कहा, “पहले मुझसे शपथ खा।” इसलिए उसने शपथ खाई और अपने पहलौठे होने का अधिकार याकूब को बेच दिया।
उत्पत्ति 27:1 - नवीन हिंदी बाइबल जब इसहाक बूढ़ा हो गया, और उसकी आँखें इतनी धुंधली हो गईं कि वह देख भी नहीं सकता था, तब उसने अपने बड़े पुत्र एसाव को बुलाकर कहा, “हे मेरे पुत्र,” उसने कहा, “क्या आज्ञा।” पवित्र बाइबल जब इसहाक बूढ़ा हो गया तो उसकी आँखें अच्छी न रहीं। इसहाक साफ—साफ नहीं देख सकता था। एक दिन उसने अपने बड़े पुत्र एसाव को बुलाया। इसहाक ने कहा, “पुत्र।” एसाव ने उत्तर दिया, “हाँ, पिताजी।” Hindi Holy Bible जब इसहाक बूढ़ा हो गया, और उसकी आंखें ऐसी धुंधली पड़ गईं, कि उसको सूझता न था, तब उसने अपने जेठे पुत्र ऐसाव को बुला कर कहा, हे मेरे पुत्र; उसने कहा, क्या आज्ञा। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब इसहाक वृद्ध हो गए, और उनकी आंखें इतनी धुंधली पड़ गयीं कि वह देख नहीं सकते थे, तब उन्होंने ज्येष्ठ पुत्र एसाव को बुलाया और उससे कहा, ‘मेरे पुत्र एसाव!’ एसाव ने उन्हें उत्तर दिया, ‘क्या बात है, पिताजी?’ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब इसहाक बूढ़ा हो गया, और उसकी आँखें ऐसी धुंधली पड़ गईं कि उसको सूझता न था, तब उसने अपने जेठे पुत्र एसाव को बुलाकर कहा, “हे मेरे पुत्र,” उसने कहा, “क्या आज्ञा।” सरल हिन्दी बाइबल जब यित्सहाक वृद्ध हो गये थे और उनकी आंखें इतनी कमजोर हो गईं कि वह देख नहीं सकते थे, तब उन्होंने अपने बड़े बेटे एसाव को बुलाया और कहा, “हे मेरे पुत्र.” उन्होंने कहा, “क्या आज्ञा है पिताजी?” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब इसहाक बूढ़ा हो गया, और उसकी आँखें ऐसी धुंधली पड़ गईं कि उसको सूझता न था, तब उसने अपने जेठे पुत्र एसाव को बुलाकर कहा, “हे मेरे पुत्र,” उसने कहा, “क्या आज्ञा।” |
तब याकूब ने कहा, “पहले मुझसे शपथ खा।” इसलिए उसने शपथ खाई और अपने पहलौठे होने का अधिकार याकूब को बेच दिया।
इस्राएल की आँखें बुढ़ापे के कारण इतनी धुँधली हो गई थीं कि उसे ठीक से दिखाई नहीं देता था। तब यूसुफ उन्हें उसके पास ले गया, और उसने उन्हें चूमकर गले लगाया।
इससे पहले कि घर के रखवाले काँपें, बलवान पुरुष झुक जाएँ, पीसनेवालियाँ थोड़ी होने के कारण कार्य करना बंद कर दें, और झरोखों में से झाँकनेवालियों की आँखें धुंधली पड़ जाएँ;
यीशु ने उत्तर दिया,“न तो इसने पाप किया और न ही इसके माता-पिता ने, परंतु यह इसलिए हुआ कि इसमें परमेश्वर के कार्य प्रकट हों।