और ऐसा हुआ कि दूसरे दिन बड़ी बेटी ने छोटी से कहा, “देख, कल रात मैं अपने पिता के साथ सोई थी। इसलिए आ, आज रात भी हम उसे दाखमधु पिलाएँ, तब तू जाकर उसके साथ लेटना ताकि हम अपने पिता के वंश को बनाए रखें।”
उत्पत्ति 19:35 - नवीन हिंदी बाइबल अतः उस रात भी उन्होंने अपने पिता को दाखमधु पिलाया और छोटी बेटी जाकर उसके साथ लेट गई; पर लूत को पता नहीं चला कि वह कब लेटी और कब उठ गई। पवित्र बाइबल इसलिए उन दोनों पुत्रियों ने अपने पिता को दाखरस पिलाकर मदहोश कर दिया। तब छोटी पुत्री उसके बिस्तर में गई और उसके पास सोई। लूत इस बार भी न जान सका कि उसकी पुत्री उसके साथ सोई। Hindi Holy Bible सो उन्होंने उस दिन भी रात के समय अपने पिता को दाखमधु पिलाया: और छोटी बेटी जा कर उसके पास लेट गई: पर उसको उसके भी सोने और उठने के समय का ज्ञान न था। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उन्होंने उस रात भी अपने पिता को शराब पिलाई, और छोटी पुत्री जाकर उसके साथ लेट गई। उसके पिता को पता नहीं चला कि वह कब आकर लेटी और कब उठकर चली गई। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) अत: उन्होंने उस दिन भी रात के समय अपने पिता को दाखमधु पिलाया; और छोटी बेटी जाकर उसके पास लेट गई, पर उसको उसके भी सोने और उठने के समय का ज्ञान न था। सरल हिन्दी बाइबल इसलिये उन्होंने उस रात भी अपने पिता को दाखमधु पिलाया और छोटी बेटी अपने पिता के पास गयी और उसके साथ सोई. लोत को फिर पता न चला कि कब वह उनके साथ सोई और कब वह उठकर चली गई. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 अतः उन्होंने उस दिन भी रात के समय अपने पिता को दाखमधु पिलाया, और छोटी बेटी जाकर उसके पास लेट गई; पर उसको उसके भी सोने और उठने का ज्ञान न था। |
और ऐसा हुआ कि दूसरे दिन बड़ी बेटी ने छोटी से कहा, “देख, कल रात मैं अपने पिता के साथ सोई थी। इसलिए आ, आज रात भी हम उसे दाखमधु पिलाएँ, तब तू जाकर उसके साथ लेटना ताकि हम अपने पिता के वंश को बनाए रखें।”
तो फिर मनुष्य क्या है कि तू उसका स्मरण रखे, और मनुष्य का पुत्र क्या है कि तू उसकी सुधि ले?
क्योंकि धर्मी चाहे सात बार गिरे, फिर भी उठ खड़ा होगा; परंतु दुष्ट लोग विपत्ति के समय गिरकर नष्ट हो जाते हैं।
तब मैंने पाया कि मृत्यु से भी कड़वी वह स्त्री है जिसका हृदय फंदे और जाल के समान तथा जिसके हाथ बेड़ियों के समान हैं। जिससे परमेश्वर प्रसन्न है, वह उस स्त्री से बच जाएगा; परंतु पापी उसका शिकार हो जाएगा।
“तुम अपने विषय में सावधान रहो, कहीं ऐसा न हो कि तुम्हारे मन दुराचार, मतवालेपन और जीवन की चिंताओं के भार से दब जाएँ, और वह दिन अचानक फंदे के समान तुम पर आ पड़े।