अब्राहम ने कहा, “देख, यद्यपि मैं धूल और राख के समान हूँ, फिर भी मैं अपने प्रभु से बात करने का साहस कर रहा हूँ।
उत्पत्ति 18:31 - नवीन हिंदी बाइबल फिर अब्राहम ने कहा, “देख, मैं तो अपने प्रभु से बात करने का साहस कर रहा हूँ। यदि वहाँ बीस ही मिलें तो?” उसने कहा, “तो मैं उन बीस लोगों के मिलने पर भी उसे नष्ट नहीं करूँगा।” पवित्र बाइबल तब इब्राहीम ने कहा, “हे यहोवा, क्या मैं तुझे फिर कष्ट दूँ और पूछ लूँ कि यदि बीस ही अच्छे लोग वहाँ हुए तो?” यहोवा ने उत्तर दिया, “अगर मुझे बीस अच्छे लोग मिले तो मैं नगर को नष्ट नहीं करूँगा।” Hindi Holy Bible फिर उसने कहा, हे प्रभु, सुन, मैं ने इतनी ढिठाई तो की है कि तुझ से बातें करूं: कदाचित उस में बीस मिलें। उसने कहा, मैं बीस के कारण भी उसका नाश न करूंगा। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) अब्राहम ने कहा, देख, मैंने स्वामी से बातें करने का साहस किया है। मान ले, वहाँ बीस धार्मिक मिलें?’ उसने उत्तर दिया, ‘मैं बीस के लिए भी उसे नष्ट नहीं करूँगा।’ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर उसने कहा, “हे प्रभु सुन, मैं ने इतनी ढिठाई तो की है कि तुझ से बातें करूँ : कदाचित् उसमें बीस मिलें।” उसने कहा, “मैं बीस के कारण भी उसका नाश न करूँगा।” सरल हिन्दी बाइबल अब्राहाम ने कहा, “प्रभु, मैंने आपसे बात करने की हिम्मत तो कर ही ली है; यह भी हो सकता है कि वहां बीस ही पाए जाएं तो?” याहवेह ने उत्तर दिया, “मैं उन बीस के कारण उस नगर को नाश न करूंगा.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फिर उसने कहा, “हे प्रभु, सुन, मैंने इतनी ढिठाई तो की है कि तुझ से बातें करूँ: कदाचित् उसमें बीस मिलें।” उसने कहा, “मैं बीस के कारण भी उसका नाश न करूँगा।” |
अब्राहम ने कहा, “देख, यद्यपि मैं धूल और राख के समान हूँ, फिर भी मैं अपने प्रभु से बात करने का साहस कर रहा हूँ।
तब उसने कहा, “हे प्रभु, तू क्रोधित न हो तो मैं कुछ और कहूँ; यदि वहाँ तीस मिलें तो?” उसने कहा, “यदि मुझे वहाँ तीस ही मिलें, तो भी मैं ऐसा नहीं करूँगा।”
तब उसने कहा, “हे प्रभु, तू क्रोधित न होना, मैं एक ही बार और कहूँगा; यदि वहाँ दस ही मिलें तो?” उसने कहा, “तो मैं उन दस के लिए भी उसे नष्ट नहीं करूँगा।”
इसलिए, यदि तुम बुरे होकर अपने बच्चों को अच्छी वस्तुएँ देना जानते हो, तो तुम्हारा पिता जो स्वर्ग में है, उससे भी बढ़कर अपने माँगनेवालों को अच्छी वस्तुएँ क्यों न देगा?
मैं तुमसे कहता हूँ, यदि वह उसका मित्र होने पर भी उठकर उसे न दे, फिर भी उसके आग्रह करते रहने के कारण उसकी जितनी आवश्यकता हो उठकर उसे देगा।
फिर यीशु ने उनसे इस विषय में कि सदा प्रार्थना करना और निराश न होना कितना आवश्यक है, एक दृष्टांत कहा :
हर समय, प्रत्येक विनती और निवेदन सहित आत्मा में प्रार्थना करते रहो; और इसी लिए जागते रहकर पूरे धीरज के साथ सब पवित्र लोगों के लिए विनती किया करो,
अतः हम साहस के साथ अनुग्रह के सिंहासन के पास आएँ, ताकि हम पर दया हो और अनुग्रह पाएँ कि आवश्यकता के समय हमारी सहायता हो।