फिर परमेश्वर ने कहा, “पृथ्वी वनस्पति उत्पन्न करे, अर्थात् पृथ्वी पर बीजवाले पौधे और अपनी-अपनी प्रजाति के अनुसार फल देनेवाले वृक्ष उगें, जिनके बीज उन्हीं में हों।” और ऐसा ही हो गया।
उत्पत्ति 1:12 - नवीन हिंदी बाइबल पृथ्वी से वनस्पति, अर्थात् अपनी-अपनी प्रजाति के अनुसार बीजवाले पौधे उगे, और साथ ही फल देनेवाले वृक्ष भी उगे जिनमें अपनी-अपनी प्रजाति के अनुसार बीज थे; और परमेश्वर ने देखा कि यह अच्छा है। पवित्र बाइबल पृथ्वी ने घास और पौधे उपजाए जो अन्न उत्पन्न करते हैं और ऐसे पेड़, पौधे उगाए जिनके फलों के अन्दर बीज होते हैं। हर एक पौधे ने अपने जाति अनुसार बीज उत्पन्न किए और परमेश्वर ने देखा कि यह अच्छा है। Hindi Holy Bible तो पृथ्वी से हरी घास, और छोटे छोटे पेड़ जिन में अपनी अपनी जाति के अनुसार बीज होता है, और फलदाई वृक्ष जिनके बीज एक एक की जाति के अनुसार उन्ही में होते हैं उगे; और परमेश्वर ने देखा कि अच्छा है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) पृथ्वी ने वनस्पति, जाति-जाति के बीजधारी पौधे, फलदायक वृक्ष, जिनके फलों में बीज थे, उनकी जाति के अनुसार उगाए। परमेश्वर ने देखा कि वे अच्छे हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इस प्रकार पृथ्वी से हरी घास, और छोटे छोटे पेड़ जिनमें अपनी अपनी जाति के अनुसार बीज होता है, और फलदाई वृक्ष जिनके बीज एक एक की जाति के अनुसार उन्हीं में होते हैं उगे : और परमेश्वर ने देखा कि अच्छा है। सरल हिन्दी बाइबल पृथ्वी हरी-हरी घास, बीजयुक्त पौधे, जिनमें अपनी-अपनी जाति का बीज होता है तथा फलदाई वृक्ष, जिनके फलों में अपनी-अपनी जाति के बीज होते हैं, उगने लगे. परमेश्वर ने देखा कि यह अच्छा है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इस प्रकार पृथ्वी से हरी घास, और छोटे-छोटे पेड़ जिनमें अपनी-अपनी जाति के अनुसार बीज होता है, और फलदाई वृक्ष जिनके बीज एक-एक की जाति के अनुसार उन्हीं में होते हैं उगें; और परमेश्वर ने देखा कि अच्छा है। |
फिर परमेश्वर ने कहा, “पृथ्वी वनस्पति उत्पन्न करे, अर्थात् पृथ्वी पर बीजवाले पौधे और अपनी-अपनी प्रजाति के अनुसार फल देनेवाले वृक्ष उगें, जिनके बीज उन्हीं में हों।” और ऐसा ही हो गया।
तू पशुओं के लिए घास, और मनुष्यों के उपयोग के लिए पेड़-पौधे उपजाता है, ताकि वे भूमि से भोजन-वस्तुएँ प्राप्त कर सकें;
प्रत्येक पेड़ अपने फल से पहचाना जाता है; क्योंकि लोग कँटीली झाड़ियों से अंजीर नहीं बटोरते, और न ही झाड़ी से अंगूर बटोरते हैं।
अब जो बोनेवाले को बीज और भोजन के लिए रोटी देता है, वही तुम्हें बीज देगा और उसे बढ़ाएगा और तुम्हारी धार्मिकता की उपज में वृद्धि करेगा।
क्योंकि जो भूमि बार-बार होनेवाली वर्षा के पानी को पीती है और अपने जोतनेवालों के लिए उपयोगी साग-पात उपजाती है, वह परमेश्वर से आशिष पाती है।