“हारून वर्ष में एक बार इसके सींगों पर प्रायश्चित्त करे; वह तुम्हारी पीढ़ी-दर-पीढ़ी वर्ष में एक बार प्रायश्चित्त के पापबलि के लहू से इस पर प्रायश्चित्त किया करे। यह यहोवा के लिए परमपवित्र है।”
इब्रानियों 9:25 - नवीन हिंदी बाइबल इसलिए नहीं कि वह अपने आपको बार-बार चढ़ाए—जिस प्रकार महायाजक प्रतिवर्ष दूसरे का लहू लेकर पवित्र स्थान में प्रवेश करता है— पवित्र बाइबल और न ही अपना बार-बार बलिदान चढ़ाने के लिए उसने स्वर्ग में उस प्रकार प्रवेश किया जैसे महायाजक उस लहू के साथ, जो उसका अपना नहीं है, परम पवित्र स्थान में हर साल प्रवेश करता है। Hindi Holy Bible यह नहीं कि वह अपने आप को बार बार चढ़ाए, जैसा कि महायाजक प्रति वर्ष दूसरे का लोहू लिये पवित्रस्थान में प्रवेश किया करता है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) पार्थिव आराधना-स्थल का महापुरोहित किसी दूसरे का रक्त ले कर प्रतिवर्ष पवित्र-स्थान में प्रवेश करता है। परन्तु मसीह को उसी तरह बार-बार अपने को अर्पित करने की आवश्यकता नहीं है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यह नहीं कि वह अपने आप को बार–बार चढ़ाए, जैसा कि महायाजक प्रति वर्ष दूसरे का लहू लिए पवित्रस्थान में प्रवेश किया करता है, सरल हिन्दी बाइबल स्थिति ऐसी भी नहीं कि वह स्वयं को बलि स्वरूप बार-बार भेंट करेंगे, जैसे महापुरोहित परम पवित्र स्थान में वर्ष-प्रतिवर्ष उस बलि-लहू को लेकर प्रवेश किया करता था, जो उसका अपना लहू नहीं होता था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यह नहीं कि वह अपने आपको बार बार चढ़ाए, जैसा कि महायाजक प्रतिवर्ष दूसरे का लहू लिये पवित्रस्थान में प्रवेश किया करता है। |
“हारून वर्ष में एक बार इसके सींगों पर प्रायश्चित्त करे; वह तुम्हारी पीढ़ी-दर-पीढ़ी वर्ष में एक बार प्रायश्चित्त के पापबलि के लहू से इस पर प्रायश्चित्त किया करे। यह यहोवा के लिए परमपवित्र है।”
इसी इच्छा से हम यीशु मसीह की देह के बलिदान चढ़ाए जाने के द्वारा, जो सदा के लिए एक ही बार हुआ, पवित्र किए गए हैं।
अतः हे भाइयो, जब हमें यीशु के लहू के द्वारा उस नए और जीवित मार्ग से पवित्र स्थान में प्रवेश करने का साहस हुआ है,
उसने बकरों और बछड़ों के लहू के द्वारा नहीं परंतु अपने ही लहू के द्वारा सदा के लिए एक ही बार परम पवित्र स्थान में प्रवेश करके हमारे लिए अनंत छुटकारा प्राप्त किया।
तो मसीह, जिसने अपने आपको अनंत आत्मा के द्वारा परमेश्वर के सामने निर्दोष चढ़ा दिया, उसका लहू हमारे विवेक को मरे हुए कार्यों से कितना अधिक शुद्ध करेगा ताकि हम जीवित परमेश्वर की सेवा कर सकें।
एक तंबू बनाया गया, जिसके बाहरी भाग में जो पवित्र स्थान कहलाता था, दीवट, मेज़ और भेंट की रोटियाँ होती थीं।
अन्यथा उसे जगत की उत्पत्ति से बार-बार दुःख उठाना पड़ता; परंतु अब वह युग के अंत में एक ही बार प्रकट हुआ कि अपने बलिदान के द्वारा पाप को मिटा दे।
परंतु भीतरी भाग में केवल महायाजक प्रवेश कर सकता है, और वह भी वर्ष में एक ही बार। वह इसमें लहू लिए बिना नहीं जाता, जिसे वह अपने लिए और लोगों द्वारा अनजाने में किए गए पापों के लिए चढ़ाता है।