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2 यूहन्ना 1:10 - नवीन हिंदी बाइबल

यदि कोई तुम्हारे पास आए और यह शिक्षा न दे, तो उसे न अपने घर में आने दो और न उसे नमस्कार करो;

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पवित्र बाइबल

यदि कोई तुम्हारे पास आकर इस उपदेश को नहीं देता है तो अपने घर उसका आदर सत्कार मत करो तथा उसके स्वागत में नमस्कार भी मत करो।

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Hindi Holy Bible

यदि कोई तुम्हारे पास आए, और यही शिक्षा न दे, उसे न तो घर मे आने दो, और न नमस्कार करो।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

यदि कोई आप लोगों के पास आता है और यह शिक्षा साथ नहीं लाता, तो आप उसको अपने घर में न ठहराएं, और न ही उसका स्‍वागत करें;

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

यदि कोई तुम्हारे पास आए और यही शिक्षा न दे, उसे न तो घर में आने दो और न नमस्कार करो।

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सरल हिन्दी बाइबल

यदि कोई तुम्हारे पास आकर यह शिक्षा नहीं देता, तुम न तो उसका अतिथि-सत्कार करो, न ही उसको नमस्कार करो;

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

यदि कोई तुम्हारे पास आए, और यही शिक्षा न दे, उसे न तो घर में आने दो, और न नमस्कार करो।

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2 यूहन्ना 1:10
14 क्रॉस रेफरेंस  

उसने कहा, “हे यहोवा, मेरे स्वामी अब्राहम के परमेश्‍वर, आज मेरे कार्य को सफल कर, और मेरे स्वामी अब्राहम पर करुणा कर।


और न आने जानेवाले कहते हैं : यहोवा की आशिष तुम पर हो; हम यहोवा के नाम से तुम्हें आशिष देते हैं।


और उन्होंने उनके हाथ यह लिख भेजा : “प्रेरित और प्रवर भाइयों की ओर से अंताकिया और सीरिया और किलिकिया के भाइयों के नाम जो गैरयहूदियों में से हैं, नमस्कार।


यदि कोई प्रभु से प्रेम नहीं करता तो वह शापित हो। हे हमारे प्रभु, आ!


परंतु अब मैं तुम्हें लिखता हूँ कि यदि कोई भाई कहलाकर व्यभिचारी, लोभी, मूर्तिपूजक, गाली देनेवाला, पियक्‍कड़ या लुटेरा हो, तो उससे संगति न रखना; बल्कि ऐसे मनुष्य के साथ भोजन भी न करना।


यदि कोई इस पत्र में लिखी हमारी बातों को न माने तो उससे सतर्क रहना और उसके साथ संगति न रखना, ताकि वह लज्‍जित हो।


हे भाइयो, हमारे प्रभु यीशु मसीह के नाम से अब हम तुम्हें आज्ञा देते हैं कि तुम ऐसे प्रत्येक भाई से दूर रहो जो अनुचित चाल चलता है और उस शिक्षा के अनुसार नहीं चलता जो तुमने हमसे पाई है।


फूट डालनेवाले मनुष्य को पहली और दूसरी बार चेतावनी देकर उससे दूर रह।


क्योंकि जो उसे नमस्कार करता है, वह उसके बुरे कार्यों में सहभागी होता है।


इसलिए जब मैं आऊँगा, तो जो कार्य वह करता है, अर्थात् हमारे विषय में बुरी-बुरी बातें बकना, उनका स्मरण दिलाऊँगा। उसे इससे भी संतोष नहीं, वह भाइयों को स्वीकार नहीं करता, और जो करना भी चाहते हैं उन्हें रोकता है और कलीसिया से निकाल देता है।