2 तीमुथियुस 2:18 - नवीन हिंदी बाइबल जो यह कहते हुए सत्य से भटक गए हैं कि पुनरुत्थान पहले ही हो चुका है, और कितनों के विश्वास को उलट देते हैं। पवित्र बाइबल जो सच्चाई के बिन्दु से भटक गये हैं। उनका कहना है कि पुनरुत्थान तो अब तक हो भी चुका है। ये कुछ लोगों के विश्वास को नष्ट कर रहे हैं। Hindi Holy Bible जो यह कह कर कि पुनरुत्थान हो चुका है सत्य से भटक गए हैं, और कितनों के विश्वास को उलट पुलट कर देते हैं। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जो यह कह कर सच्चाई से दूर भटक गये हैं कि पुनरुत्थान हो चुका है। इस प्रकार वे कुछ लोगों के विश्वास में बाधा पहुँचा रहे हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जो यह कहकर कि पुनरुत्थान हो चुका है सत्य से भटक गए हैं, और कितनों के विश्वास को उलट पुलट कर देते हैं। सरल हिन्दी बाइबल जो यह कहते हुए सच से भटक गए कि पुनरुत्थान तो पहले ही हो चुका. इस प्रकार उन्होंने कुछ को विश्वास से अलग कर दिया है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जो यह कहकर कि पुनरुत्थान हो चुका है सत्य से भटक गए हैं, और कितनों के विश्वास को उलट-पुलट कर देते हैं। |
यीशु ने उन्हें उत्तर दिया,“तुम न तो पवित्रशास्त्र को समझते हो और न ही परमेश्वर के सामर्थ्य को, इसलिए भ्रम में पड़े हो।
चट्टान पर के बीज वे हैं जब वे वचन सुनते हैं तो आनंद से ग्रहण करते हैं, परंतु जड़ नहीं पकड़ने के कारण कुछ समय तो विश्वास करते हैं परंतु परीक्षा के समय में बहक जाते हैं।
परंतु यदि परमेश्वर की ओर से है, तो तुम उन्हें नष्ट नहीं कर सकोगे; कहीं ऐसा न हो कि तुम परमेश्वर से भी लड़नेवाले ठहरो।” तब उन्होंने उसकी मान ली,
अब यदि मसीह का यह प्रचार किया जाता है कि वह मृतकों में से जी उठा, तो तुममें से कुछ क्यों कहते हैं कि मृतकों का पुनरुत्थान है ही नहीं?
इसलिए, जब तुम मसीह के साथ जिलाए गए हो तो ऊपर की वस्तुओं की खोज में रहो, जहाँ मसीह विद्यमान है और परमेश्वर के दाहिनी ओर बैठा है।
और विश्वास तथा खरे विवेक को थामे रह, जिसे त्याग देने के कारण कितने ही लोगों का विश्वास रूपी जहाज़ डूब गया है;
क्योंकि धन का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है, जिसकी लालसा में कितने ही लोगों ने विश्वास से भटककर अपने आपको अनेक दुःखों से छलनी कर लिया है।
उन्हें इन बातों का स्मरण करा और परमेश्वर के सामने उनको चेतावनी दे कि शब्दों को लेकर वाद-विवाद न करें, क्योंकि इससे कोई लाभ नहीं बल्कि सुननेवालों का विनाश ही होता है।
इनका मुँह बंद करना आवश्यक है, क्योंकि वे नीचता से धन कमाने के लिए गलत शिक्षा देकर घर के घर बिगाड़ रहे हैं।
इसलिए मैं उस पीढ़ी से क्रोधित हुआ और मैंने कहा : “इनके मन हर समय भटकते रहते हैं, और इन्होंने मेरे मार्गों को नहीं जाना।”
वे हममें से निकले पर हमारे नहीं थे; क्योंकि यदि वे हमारे होते, तो हमारे साथ बने रहते। परंतु वे इसलिए निकले कि यह स्पष्ट हो जाए कि वे सब हमारे नहीं हैं।