“इस्राएलियों से कह कि मेरे लिए भेंट लाएँ। तुम प्रत्येक उस व्यक्ति से मेरे लिए भेंट लेना जो अपनी इच्छा से देना चाहे।
2 कुरिन्थियों 8:12 - नवीन हिंदी बाइबल क्योंकि यदि कोई दान देने को उत्सुक हो, तो जो उसके पास है उसी के अनुसार वह दान ग्रहणयोग्य होता है, न कि उसके अनुसार जो उसके पास नहीं है। पवित्र बाइबल क्योंकि यदि दान देने की लगन है तो व्यक्ति के पास जो कुछ है, उसी के अनुसार उसका दान ग्रहण करने योग्य बनता है, न कि उसके अनुसार जो उसके पास नहीं है। Hindi Holy Bible क्योंकि यदि मन की तैयारी हो तो दान उसके अनुसार ग्रहण भी होता है जो उसके पास है न कि उसके अनुसार जो उसके पास नहीं। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यदि दान देने की उत्सुकता है, तो सामर्थ्य के अनुसार जो कुछ भी दिया जाए, वह परमेश्वर को ग्राह्य है। किसी से यह आशा नहीं की जाती है कि वह अपने सामर्थ्य से अधिक दान दे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि यदि मन की तैयारी हो तो दान उसके अनुसार ग्रहण भी होता है जो उसके पास है, न कि उसके अनुसार जो उसके पास नहीं। सरल हिन्दी बाइबल यदि किसी में दान देने की इच्छा है तो जो कुछ उसके पास है, उसी के आधार पर उसका दान ग्रहण होगा—उसके आधार पर नहीं, जो उसके पास नहीं है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि यदि मन की तैयारी हो तो दान उसके अनुसार ग्रहण भी होता है जो उसके पास है न कि उसके अनुसार जो उसके पास नहीं। |
“इस्राएलियों से कह कि मेरे लिए भेंट लाएँ। तुम प्रत्येक उस व्यक्ति से मेरे लिए भेंट लेना जो अपनी इच्छा से देना चाहे।
फिर जितने लोग चाँदी, या पीतल की भेंट ला सकते थे वे यहोवा के लिए भेंट ले आए; और जितने लोगों के पास किसी उपयोग के लिए बबूल की लकड़ी थी वे उसे ले आए।
जिन-जिन कार्यों को करने के लिए यहोवा ने मूसा के द्वारा आज्ञा दी थी, उनके लिए इस्राएल के सब स्त्री और पुरुष, अर्थात् जिनके मनों ने उन्हें भेंट लाने के लिए उभारा था यहोवा के लिए स्वेच्छा से भेंट ले आए।
तुम अपने बीच में से यहोवा के लिए भेंट लो; जो अपनी इच्छा से देना चाहे वह यहोवा के लिए भेंट के रूप में इन वस्तुओं को लेकर आए : सोना, चाँदी, पीतल,
जिसे दो तोड़े मिले थे, उसने भी आकर कहा, ‘स्वामी, तूने मुझे दो तोड़े सौंपे थे; देख, मैंने दो तोड़े और कमाए।’
जो थोड़े से थोड़े में विश्वासयोग्य है वह बहुत में भी विश्वासयोग्य है, और जो थोड़े से थोड़े में अधर्मी है वह बहुत में भी अधर्मी है।
अब इस कार्य को पूरा भी करो ताकि जैसे तुम इसकी इच्छा रखने में उत्सुक थे, वैसे ही जो तुम्हारे पास है उसी में से इसे पूरा भी कर सको।
और इतना ही नहीं, बल्कि कलीसियाओं के द्वारा उसे नियुक्त भी किया गया है कि इस दान को लेकर हमारे साथ यात्रा करे; इस सेवाकार्य को हम स्वयं प्रभु की महिमा और अपनी तत्परता को प्रकट करने के लिए कर रहे हैं।
प्रत्येक जन वैसा ही दान करे जैसा उसने अपने मन में निश्चित किया है, न तो अनिच्छा से और न ही विवश होकर; क्योंकि परमेश्वर हर्ष से देनेवाले से प्रेम रखता है।
जिसको जैसा वरदान मिला है वह उसे परमेश्वर के अनुग्रह के विभिन्न दानों के भले प्रबंधकों के समान एक दूसरे की सेवा में लगाए।