परंतु उस कबूतरी को अपने पैर रखने के लिए कोई स्थान न मिला और वह जहाज़ पर उसके पास लौट आई, क्योंकि सारी पृथ्वी पर जल ही जल था। फिर नूह ने हाथ बढ़ाकर उसे अपने पास जहाज़ में ले लिया।
2 कुरिन्थियों 7:5 - नवीन हिंदी बाइबल जब हम मकिदुनिया में आए तब भी हमारी देह को विश्राम न मिला, बल्कि चारों ओर से कष्टों से घिरे रहे—बाहर झगड़े थे तो भीतर भय। पवित्र बाइबल जब हम मकिदुनिया आये थे तब भी हमें आराम नहीं मिला था, बल्कि हमें तो हर प्रकार के दुःख उठाने पड़े थे बाहर झगड़ों से और मन के भीतर डर से। Hindi Holy Bible क्योंकि जब हम मकिदुनिया में आए, तब भी हमारे शरीर को चैन नहीं मिला, परन्तु हम चारों ओर से क्लेश पाते थे; बाहर लड़ाइयां थीं, भीतर भयंकर बातें थी। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब हम मकिदुनिया पहुँचे, तो हमारे शरीर को कोई विश्राम नहीं मिल रहा था। हम हर तरह से कष्टों से घिर रहे थे। हमारे चारों ओर संघर्ष थे और हमारे अन्दर आशंकाएँ थीं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि जब हम मकिदुनिया में आए, तब भी हमारे शरीर को चैन नहीं मिला, परन्तु हम चारों ओर से क्लेश पाते थे; बाहर लड़ाइयाँ थीं, भीतर भयंकर बातें थीं। सरल हिन्दी बाइबल हमारे मकेदोनिया में रहने के दौरान हमें शारीरिक रूप से विश्राम नहीं परंतु चारों ओर से कष्ट ही कष्ट मिलता रहा—बाहर तो लड़ाइयां और अंदर भय की बातें. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि जब हम मकिदुनिया में आए, तब भी हमारे शरीर को चैन नहीं मिला, परन्तु हम चारों ओर से क्लेश पाते थे; बाहर लड़ाइयाँ थीं, भीतर भयंकर बातें थी। |
परंतु उस कबूतरी को अपने पैर रखने के लिए कोई स्थान न मिला और वह जहाज़ पर उसके पास लौट आई, क्योंकि सारी पृथ्वी पर जल ही जल था। फिर नूह ने हाथ बढ़ाकर उसे अपने पास जहाज़ में ले लिया।
हुल्लड़ थम जाने के बाद पौलुस ने शिष्यों को बुलवाकर उन्हें प्रोत्साहित किया, और उनसे विदा होकर मकिदुनिया जाने के लिए निकला।
क्योंकि मकिदुनिया और अखाया के विश्वासियों को यह अच्छा लगा कि यरूशलेम के पवित्र लोगों में जो निर्धन हैं उनके लिए कुछ दान दें।
हे भाइयो, जो गर्व मुझे हमारे प्रभु मसीह यीशु में तुम पर है उसकी शपथ कि मैं प्रतिदिन मरता हूँ।
जब मैं मकिदुनिया से होकर जाऊँ तो तुम्हारे पास आऊँगा, क्योंकि मुझे मकिदुनिया होकर जाना ही है;
परंतु अपने भाई तीतुस को वहाँ न पाकर मेरी आत्मा को चैन न मिला; इसलिए मैं उनसे विदा होकर मकिदुनिया को चला गया।
और मैंने यह बात इसलिए लिखी है कि जब मैं आऊँ मुझे उनसे दुःख न पहुँचे जिनसे मुझे आनंद मिलना चाहिए, क्योंकि मुझे तुम सब पर भरोसा है कि जो आनंद मेरा है वही तुम सब का भी है।
मैंने तुम्हें इसलिए भी लिखा था कि तुम्हें परखकर जान लूँ कि तुम सब बातों में आज्ञाकारी हो या नहीं।
मैं तुम्हारे विषय में डरता हूँ कि तुम्हारे लिए किया गया मेरा परिश्रम कहीं व्यर्थ न हो जाए।
इस कारण जब मुझसे और रहा नहीं गया, तो मैंने उसे तुम्हारे विश्वास की दशा जानने के लिए भेजा, कि कहीं परीक्षा करनेवाले ने तुम्हारी परीक्षा की हो, और हमारा परिश्रम व्यर्थ हो जाए।