अतः अब जो मसीह यीशु में हैं, उन पर दंड की आज्ञा नहीं; [वे शरीर के अनुसार नहीं बल्कि आत्मा के अनुसार चलते हैं।]
2 कुरिन्थियों 10:2 - नवीन हिंदी बाइबल मेरी यह विनती है कि जब मैं आऊँ तो मुझे दृढ़ निश्चय के साथ ऐसा साहस दिखाना न पड़े जैसा साहस मैं उनके प्रति दिखाने के लिए सोचता हूँ जो हमें शरीर के अनुसार चलनेवाले समझते हैं। पवित्र बाइबल अब मेरी तुमसे प्रार्थना है कि जब मैं तुम्हारे बीच होऊँ तो उसी विश्वास के साथ वैसी निर्भयता दिखाने को मुझ पर दबाव मत डालना जैसी कि मेरे विचार में मुझे कुछ उन लोगों के विरुद्ध दिखानी होगी जो सोचते हैं कि हम एक संसारी जीवन जीते हैं। Hindi Holy Bible मैं यह बिनती करता हूं, कि तुम्हारे साम्हने मुझे निर्भय होकर साहस करना न पड़े; जैसा मैं कितनों पर जो हम को शरीर के अनुसार चलने वाले समझते हैं, वीरता दिखाने का विचार करता हूं। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं आप लोगों से अनुरोध कर रहा हूँ-आप ऐसा करें कि आप लोगों के साथ रहते समय मुझे निर्भीकता न दिखलानी पड़े, क्योंकि जो लोग समझते हैं कि हम सांसारिक मनुष्य की तरह आचरण करते हैं, मैंने उनके साथ कठोर व्यवहार करने का संकल्प किया है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मैं यह विनती करता हूँ कि तुम्हारे सामने मुझे निर्भय होकर साहस करना न पड़े, जैसा मैं कुछ लोगों पर जो हम को शरीर के अनुसार चलनेवाले समझते हैं, साहस दिखाने का विचार करता हूँ। सरल हिन्दी बाइबल मेरी विनती यह है: जब मैं वहां आऊं तो मुझे उनके प्रति, जो यह सोचते हैं कि हमारी जीवनशैली सांसारिक है, वह कठोरता दिखानी न पड़े जिसकी मुझसे आशा की जाती है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मैं यह विनती करता हूँ, कि तुम्हारे सामने मुझे निर्भय होकर साहस करना न पड़े; जैसा मैं कितनों पर जो हमको शरीर के अनुसार चलनेवाले समझते हैं, वीरता दिखाने का विचार करता हूँ। |
अतः अब जो मसीह यीशु में हैं, उन पर दंड की आज्ञा नहीं; [वे शरीर के अनुसार नहीं बल्कि आत्मा के अनुसार चलते हैं।]
ताकि हममें जो शरीर के अनुसार नहीं बल्कि आत्मा के अनुसार चलते हैं, व्यवस्था की माँग पूरी हो सके।
क्योंकि शारीरिक व्यक्ति शरीर की बातों पर मन लगाते हैं, परंतु आत्मिक व्यक्ति आत्मा की बातों पर।
जब मैंने ऐसा करना चाहा तो क्या मेरा मन अस्थिर था? या जो निर्णय मैं लेता हूँ, क्या वह शरीर के अनुसार लेता हूँ कि मैं “हाँ, हाँ” भी कहूँ और साथ ही “नहीं, नहीं” भी?
मैं लज्जा के साथ कहता हूँ कि हम निर्बल ही रहे हैं। परंतु जिस किसी बात में कोई साहस रखता है—मैं मूर्खता से कहता हूँ—तो मैं भी उतना ही साहस रखता हूँ।
इस कारण अनुपस्थित होते हुए भी मैं ये बातें लिख रहा हूँ, ताकि जब मैं तुम्हारे पास आऊँ तो मुझे उस अधिकार का प्रयोग कठोरता से न करना पड़े जिसे प्रभु ने मुझे तुम्हारे विनाश के लिए नहीं बल्कि उन्नति के लिए दिया है।
जब मैं दूसरी बार तुम्हारे मध्य था तो मैंने तुमसे कहा था, और अब जबकि मैं अनुपस्थित हूँ तो उनसे जिन्होंने पहले पाप किया था और बाकी सब लोगों से भी कह देता हूँ कि यदि मैं फिर से आऊँ तो किसी को न छोड़ूँगा।