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2 कुरिन्थियों 10:10 - नवीन हिंदी बाइबल

क्योंकि कोई तो कहता है, “उसके पत्र तो गंभीर और प्रभावशाली होते हैं, परंतु उसकी व्यक्‍तिगत उपस्थिति प्रभावहीन और उसका प्रवचन व्यर्थ है।”

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पवित्र बाइबल

मेरे विरोधियों का कहना है, “पौलुस के पत्र तो भारी भरकम और प्रभावपूर्ण होते हैं। किन्तु मेरा व्यक्तित्व दुर्बल और वाणी अर्थहीन है।”

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Hindi Holy Bible

क्योंकि कहते हें, कि उस की पत्रियां तो गम्भीर और प्रभावशाली हैं; परन्तु जब देखते हैं, तो वह देह का निर्बल और वक्तव्य में हल्का जान पड़ता है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

कुछ लोगों का कहना है-उसके पत्र कठोर और प्रभावशाली हैं, किन्‍तु जब वह स्‍वयं आता है, तो उसका शरीर दुर्बल लगता है और उसकी बोलने की शक्‍ति नहीं के बराबर है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

क्योंकि वे कहते हैं, “उसकी पत्रियाँ तो गम्भीर और प्रभावशाली हैं; परन्तु जब वह सामने होता है, तो वह देह का निर्बल और वक्‍तव्य में हल्का जान पड़ता है।”

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सरल हिन्दी बाइबल

मेरे विषय में कुछ का कहना है, “उसके पत्र महत्वपूर्ण और प्रभावशाली तो होते हैं किंतु उसका व्यक्तित्व कमजोर है तथा बातें करना प्रभावित नहीं करता.”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

क्योंकि वे कहते हैं, “उसकी पत्रियाँ तो गम्भीर और प्रभावशाली हैं; परन्तु जब देखते हैं, तो कहते है वह देह का निर्बल और वक्तव्य में हलका जान पड़ता है।”

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2 कुरिन्थियों 10:10
13 क्रॉस रेफरेंस  

मूसा ने यहोवा से कहा, “हे मेरे प्रभु, मैं कभी बोलने में निपुण नहीं रहा, न तो पहले था, और न अब हूँ जब से तू अपने दास से बातें करने लगा है। मैं तो बोलने और बात करने में धीमा हूँ।”


क्योंकि मसीह ने मुझे बपतिस्मा देने के लिए नहीं बल्कि सुसमाचार सुनाने के लिए भेजा है, और वह भी शब्दों के ज्ञान के द्वारा नहीं, कहीं ऐसा न हो कि मसीह का क्रूस व्यर्थ ठहरे।


क्योंकि परमेश्‍वर के ज्ञान में जब यह संसार अपने ज्ञान से परमेश्‍वर को न जान सका, तो परमेश्‍वर को यह अच्छा लगा कि इस प्रचार की मूर्खता के द्वारा विश्‍वास करनेवालों का उद्धार करे।


अब मैं, पौलुस, जो तुम्हारे बीच होने पर तो दीन परंतु न होने पर तुम्हारे प्रति साहसी हूँ, स्वयं मसीह की नम्रता और कोमलता में तुमसे आग्रह करता हूँ।


ऐसा व्यक्‍ति यह समझ ले, कि अनुपस्थित होने पर अपने पत्रों में जैसा हम लिखते हैं, उपस्थित होने पर अपने कार्यों में भी हम वैसे ही हैं।


कहीं तुम्हें ऐसा न लगे कि मैं अपने पत्रों के द्वारा तुम्हें डरा रहा हूँ;


मैं लज्‍जा के साथ कहता हूँ कि हम निर्बल ही रहे हैं। परंतु जिस किसी बात में कोई साहस रखता है—मैं मूर्खता से कहता हूँ—तो मैं भी उतना ही साहस रखता हूँ।


यद्यपि मैं बोलने में निपुण नहीं, फिर भी ज्ञान में तो हूँ, बल्कि हमने इसे सब बातों में हर प्रकार से तुम पर प्रकट किया है।


क्योंकि तुम तो इसका प्रमाण चाहते हो कि मसीह मेरे द्वारा बोलता है, और वह तुम्हारे लिए निर्बल नहीं बल्कि तुम्हारे बीच सामर्थी है।