और देखो, यरूशलेम में शिमोन नामक एक मनुष्य था। वह धर्मी और भक्त मनुष्य था और इस्राएल की शांति की प्रतीक्षा कर रहा था, तथा पवित्र आत्मा उस पर था;
2 कुरिन्थियों 1:5 - नवीन हिंदी बाइबल क्योंकि जैसे मसीह के दुःख हममें बहुतायत से हैं वैसे ही हमारी शांति भी मसीह के द्वारा बहुतायत से है। पवित्र बाइबल क्योंकि जैसे मसीह की यातनाओं में हम सहभागी हैं, वैसे ही मसीह के द्वारा हमारा आनन्द भी तुम्हारे लिये उमड़ रहा है। Hindi Holy Bible क्योंकि जैसे मसीह के दुख हम को अधिक होते हैं, वैसे ही हमारी शान्ति भी मसीह के द्वारा अधिक होती है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) क्योंकि जिस प्रकार हम प्रचुर मात्रा में मसीह के दु:खभोग के सहभागी हैं, उसी प्रकार मसीह द्वारा हम को प्रचुर मात्रा में सान्त्वना भी मिलती है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि जैसे मसीह के दु:खों में हम अधिक सहभागी होते हैं, वैसे ही हम शान्ति में भी मसीह के द्वारा अधिक सहभागी होते हैं। सरल हिन्दी बाइबल ठीक जिस प्रकार हममें मसीह के दुःखों की बहुतायत है, उसी प्रकार बहुत है मसीह के द्वारा हमारा धीरज. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि जैसे मसीह के दुःख हमको अधिक होते हैं, वैसे ही हमारी शान्ति में भी मसीह के द्वारा अधिक सहभागी होते है। |
और देखो, यरूशलेम में शिमोन नामक एक मनुष्य था। वह धर्मी और भक्त मनुष्य था और इस्राएल की शांति की प्रतीक्षा कर रहा था, तथा पवित्र आत्मा उस पर था;
और वह भूमि पर गिर पड़ा और उसने एक आवाज़ यह कहते हुए सुनी,“हे शाऊल, हे शाऊल, तू मुझे क्यों सताता है?”
अब यदि संतान हैं, तो उत्तराधिकारी भी—परमेश्वर के उत्तराधिकारी, और मसीह के सह-उत्तराधिकारी—जबकि हम उसके साथ महिमा पाने के लिए उसके साथ दुःख उठाते हैं।
मेरी हार्दिक इच्छा और आशा यही है कि मैं किसी भी बात में लज्जित न होऊँ बल्कि जैसे मसीह की महिमा मेरी देह से पूरे साहस के साथ सदा होती रही है वैसे ही अब भी हो, चाहे मैं जीवित रहूँ या मर जाऊँ।
अतः यदि मसीह में कुछ प्रोत्साहन है, प्रेम का ढाढ़स है, आत्मा की सहभागिता है, स्नेह और करुणा है,
जिससे कि मैं उसको और उसके पुनरुत्थान के सामर्थ्य को और उसके दुःखों की सहभागिता को जानूँ, और उसकी मृत्यु की समानता को प्राप्त करूँ,
अब मैं तुम्हारे लिए अपने दुःखों में आनंदित हूँ और अपने शरीर में मसीह के कष्टों को सहने में जो घटी रहती है, उसे उसकी देह अर्थात् कलीसिया के लिए पूरी कर रहा हूँ,
तथा उन सतावों और दुःखों में मेरा साथ दिया, जो अंताकिया, इकुनियुम और लुस्त्रा में मुझ पर पड़े। मैंने कैसे-कैसे सताव सहे, परंतु प्रभु ने मुझे उन सब से बचाया।
बल्कि जब तुम मसीह के दुःखों में सहभागी होते हो, तो आनंदित रहो, ताकि उसकी महिमा के प्रकट होने के समय भी तुम आनंदित और मगन हो सको।