और तेरे वंश के कारण पृथ्वी की सारी जातियाँ आशिष पाएँगी, क्योंकि तूने मेरी बात मानी है।”
2 कुरिन्थियों 1:20 - नवीन हिंदी बाइबल क्योंकि परमेश्वर की जितनी भी प्रतिज्ञाएँ हैं, वे उसमें “हाँ” ही “हाँ” हैं। इसलिए उसमें हमारे द्वारा “आमीन” भी परमेश्वर की महिमा के लिए होती है। पवित्र बाइबल क्योंकि परमेश्वर ने जो अनन्त प्रतिज्ञाएँ की हैं, वे यीशु में सब के लिए “हाँ” बन जाती हैं। इसलिए हम उसके द्वारा भी जो “आमीन” कहते हैं, वह परमेश्वर की ही महिमा के लिये होता है। Hindi Holy Bible क्याकि परमेश्वर की जितनी प्रतिज्ञाएं हैं, वे सब उसी में हां के साथ हैं: इसलिये उसके द्वारा आमीन भी हुई, कि हमारे द्वारा परमेश्वर की महिमा हो। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उन्हीं में परमेश्वर की समस्त प्रतिज्ञाओं की ‘हां’ विद्यमान है; इसलिए हम परमेश्वर की महिमा के लिए उन्हीं के द्वारा ‘आमेन’ कहते हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि परमेश्वर की जितनी प्रतिज्ञाएँ हैं, वे सब उसी में ‘हाँ’ के साथ हैं। इसलिये उसके द्वारा आमीन भी हुई कि हमारे द्वारा परमेश्वर की महिमा हो। सरल हिन्दी बाइबल परमेश्वर की सारी प्रतिज्ञाएं उनमें “हां” ही हैं. इसलिये हम परमेश्वर की महिमा के लिए मसीह येशु के द्वारा “आमेन” कहते हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि परमेश्वर की जितनी प्रतिज्ञाएँ हैं, वे सब उसी में ‘हाँ’ के साथ हैं इसलिए उसके द्वारा आमीन भी हुई, कि हमारे द्वारा परमेश्वर की महिमा हो। |
और तेरे वंश के कारण पृथ्वी की सारी जातियाँ आशिष पाएँगी, क्योंकि तूने मेरी बात मानी है।”
और मैं तेरे और इस स्त्री के बीच, तथा तेरे वंश और इसके वंश के बीच बैर उत्पन्न करूँगा; वह तेरे सिर को कुचलेगा, और तू उसकी एड़ी को डसेगा।”
जब तक जातियाँ उसके पास उपहार लेकर न आएँ और राज्य-राज्य के लोग उसके अधीन न हो जाएँ, तब तक न तो यहूदा से राजदंड छूटेगा, और न उसके वंश से शासन करने का अधिकार छीना जाएगा।
उसका नाम सदा-सर्वदा बना रहे। जब तक सूर्य का अस्तित्व है, उसका नाम निरंतर बढ़ता रहे। उसके कारण सारी जातियाँ आशिष पाएँ, और उसे धन्य कहें।
हमें परीक्षा में न पड़ने दे, बल्कि बुराई से बचा। [क्योंकि राज्य और सामर्थ्य और महिमा सदा तेरे ही हैं। आमीन।]
सर्वोच्च स्थान में परमेश्वर की महिमा और पृथ्वी पर उन मनुष्यों में शांति हो, जिनसे वह प्रसन्न है।
यीशु ने उससे कहा,“मार्ग और सत्य और जीवन मैं ही हूँ। बिना मेरे द्वारा कोई भी पिता के पास नहीं पहुँचता।
यीशु ने उत्तर दिया,“मैं तुझसे सच-सच कहता हूँ, जब तक कोई जल और आत्मा से जन्म न ले, वह परमेश्वर के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकता।
क्योंकि सब कुछ उसी की ओर से, और उसी के द्वारा, और उसी के लिए है। उसकी महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन।
क्योंकि पाप की मज़दूरी तो मृत्यु है, परंतु परमेश्वर का वरदान हमारे प्रभु मसीह यीशु में अनंत जीवन है।
नहीं तो यदि तू आत्मा से धन्यवाद करे तो वहाँ उपस्थित अनजान व्यक्ति तेरे धन्यवाद पर कैसे “आमीन” कहेगा, क्योंकि वह तो नहीं जानता कि तू क्या कहता है?
क्योंकि यह सब तुम्हारे लिए है ताकि वह अनुग्रह अधिक से अधिक लोगों में फैलकर परमेश्वर की महिमा के लिए अधिकाधिक धन्यवाद का कारण हो।
इसलिए कि परमेश्वर जिसने कहा, “अंधकार में से ज्योति चमके,” वह स्वयं हमारे हृदयों में चमका कि हमें परमेश्वर की महिमा के ज्ञान का प्रकाश प्रदान करे जो यीशु मसीह के चेहरे में है।
परंतु पवित्रशास्त्र ने सब को पाप के अधीन कर दिया ताकि वह प्रतिज्ञा जो यीशु मसीह पर विश्वास करने के द्वारा है, विश्वास करनेवालों को दी जाए।
ताकि वह आने वाले युगों में उस कृपा से जो मसीह यीशु में हम पर है, अपने अनुग्रह का अपार धन दिखाए।
परमेश्वर चाहता था कि वे जानें कि गैरयहूदियों में उस भेद की महिमा का धन क्या है; वह भेद यह है कि मसीह जो महिमा की आशा है, तुममें है।
यह उस दिन होगा जब वह अपने पवित्र लोगों में महिमान्वित होने और सब विश्वास करनेवालों में आश्चर्य का कारण होने के लिए आएगा—तुममें भी क्योंकि तुमने हमारी साक्षी पर विश्वास किया है।
ये सब विश्वास की दशा में मरे। इन्होंने प्रतिज्ञा की गई वस्तुओं को प्राप्त नहीं किया पर उन्हें दूर ही से देखकर उनका स्वागत किया और यह मान लिया कि हम पृथ्वी पर परदेशी और यात्री हैं।
परंतु उसने, जो उनकी वंशावली में से भी नहीं था, अब्राहम से दशमांश प्राप्त किया और जिसे प्रतिज्ञाएँ मिली थीं, उसे आशिष दी।
उन पर यह प्रकट किया गया था कि वे इन बातों में अपनी नहीं बल्कि तुम्हारी सेवा कर रहे हैं। ये बातें अब तुम्हें उनके द्वारा बताई गईं, जिन्होंने स्वर्ग से भेजे गए पवित्र आत्मा के द्वारा तुम्हें सुसमाचार सुनाया था। स्वर्गदूत भी इन बातों को देखने की लालसा करते हैं।
“लौदीकिया की कलीसिया के दूत को यह लिख : “जो आमीन, विश्वासयोग्य और सच्चा साक्षी है तथा परमेश्वर की सृष्टि का मूल कारण है, वह यह कहता है :
आमीन। हमारे परमेश्वर की स्तुति, महिमा, ज्ञान, धन्यवाद, आदर, सामर्थ्य और शक्ति युगानुयुग बनी रहे। आमीन।