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1 यूहन्ना 5:19 - नवीन हिंदी बाइबल

हम जानते हैं कि हम परमेश्‍वर के हैं और संपूर्ण संसार उस दुष्‍ट के वश में पड़ा है।

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पवित्र बाइबल

हम जानते हैं कि हम परमेश्वर के हैं। यद्यपि यह समूचा संसार उस दुष्ट के वश में है।

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Hindi Holy Bible

हम जानते हैं, कि हम परमेश्वर से हैं, और सारा संसार उस दुष्ट के वश में पड़ा है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

हम जानते हैं कि हम परमेश्‍वर के हैं, जब कि समस्‍त संसार उस दुष्‍ट के वश में है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

हम जानते हैं कि हम परमेश्‍वर से हैं, और सारा संसार उस दुष्‍ट के वश में पड़ा है।

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सरल हिन्दी बाइबल

हम जानते हैं कि हम परमेश्वर से हैं और सारा संसार उस दुष्ट के वश में है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

हम जानते हैं, कि हम परमेश्वर से हैं, और सारा संसार उस दुष्ट के वश में पड़ा है।

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1 यूहन्ना 5:19
29 क्रॉस रेफरेंस  

और उससे कहा, “मैं यह सब अधिकार और इनका वैभव तुझे दे दूँगा, क्योंकि यह मुझे सौंपा गया है और जिसे चाहूँ उसे मैं देता हूँ;


अब इस संसार के न्याय का समय है, इस संसार के शासक को अब बाहर निकाल दिया जाएगा;


मैं तुमसे और अधिक बात नहीं करूँगा, क्योंकि इस संसार का शासक आ रहा है; परंतु मुझ पर उसका कोई अधिकार नहीं,


और न्याय के विषय में इसलिए कि इस संसार का शासक दोषी ठहराया गया है।


मैं यह विनती नहीं करता कि तू उन्हें संसार से उठा ले बल्कि यह कि तू उन्हें उस दुष्‍ट से बचाए रख।


आत्मा स्वयं हमारी आत्मा के साथ यह साक्षी देता है कि हम परमेश्‍वर की संतान हैं।


यह हमारा गर्व अर्थात् हमारे विवेक की साक्षी है कि हमने इस संसार में, विशेषकर तुम्हारे प्रति, शारीरिक ज्ञान के अनुसार नहीं बल्कि परमेश्‍वर के अनुग्रह के अनुसार, भक्‍तिपूर्ण खराई और सच्‍चाई से आचरण किया है।


और इस संसार के ईश्‍वर ने उन अविश्‍वासियों की बुद्धि को अंधा कर दिया है ताकि परमेश्‍वर के प्रतिरूप अर्थात् मसीह के तेजोमय सुसमाचार का प्रकाश उन पर न चमके।


हम जानते हैं कि जब हमारा पृथ्वी पर का तंबू रूपी घर गिराया जाएगा, तो स्वर्ग में हमें परमेश्‍वर से ऐसा भवन अर्थात् अनंत घर मिलेगा जो हाथों से बना हुआ नहीं होगा।


जिसने हमारे परमेश्‍वर और पिता की इच्छा के अनुसार अपने आपको हमारे पापों के लिए दे दिया कि हमें इस वर्तमान बुरे संसार से छुड़ा ले।


जिनमें तुम पहले इस संसार की रीति के अनुसार अर्थात् आकाश पर अधिकार रखनेवाले उस शासक के अनुसार चलते थे, जिसकी आत्मा अब भी आज्ञा न माननेवालों में कार्य करती है।


इस कारण मैं ये सब दुःख भी उठाता हूँ, फिर भी लज्‍जित नहीं होता; क्योंकि मैं उसे जानता हूँ जिस पर मैंने विश्‍वास किया है, और मैं आश्‍वस्त हूँ कि वह उस दिन तक मेरी धरोहर की रखवाली करने में समर्थ है।


हम भी पहले निर्बुद्धि, आज्ञा न माननेवाले, भ्रम में पड़े हुए, तथा विभिन्‍न‍ प्रकार की लालसाओं और भोग-विलास के दासत्व में थे, तथा बुराई और ईर्ष्या में जीवन व्यतीत करते थे। हम घृणित थे और एक दूसरे से घृणा करते थे।


हे व्यभिचारिणियो, क्या तुम नहीं जानतीं कि संसार से मित्रता का अर्थ परमेश्‍वर से शत्रुता रखना है? इसलिए यदि कोई संसार का मित्र बनना चाहता है, तो वह स्वयं को परमेश्‍वर का शत्रु बनाता है।


हम जानते हैं कि हम मृत्यु में से निकलकर जीवन में प्रवेश कर चुके हैं क्योंकि हम भाइयों से प्रेम रखते हैं। जो प्रेम नहीं रखता वह मृत्यु में बना रहता है।


जो उसकी आज्ञाओं का पालन करता है वह परमेश्‍वर में बना रहता है और परमेश्‍वर उसमें; और जो आत्मा उसने हमें दिया है उसी के द्वारा हम जान जाते हैं कि वह हममें बना रहता है।


जो परमेश्‍वर के पुत्र पर विश्‍वास करता है, वह स्वयं में यह साक्षी रखता है। जो परमेश्‍वर पर विश्‍वास नहीं करता उसने उसे झूठा ठहरा दिया है, क्योंकि उसने उस साक्षी पर विश्‍वास नहीं किया जो परमेश्‍वर ने अपने पुत्र के विषय में दी है।


मैंने तुम्हें, जो परमेश्‍वर के पुत्र के नाम पर विश्‍वास करते हो, ये बातें इसलिए लिखीं कि तुम जानो कि अनंत जीवन तुम्हारा है।


यदि हम जानते हैं कि जो कुछ हम माँगते हैं वह हमारी सुनता है, तो हम यह भी जानते हैं कि जो कुछ हमने उससे माँगा है, उसे पाया है।


हम जानते हैं कि जो कोई परमेश्‍वर से उत्पन्‍न‍ हुआ है, वह पाप में नहीं चलता, बल्कि वह जो परमेश्‍वर से उत्पन्‍न‍ हुआ है, उसे बचाए रखता है, और दुष्‍ट उसे छू नहीं पाता।


हम जानते हैं कि परमेश्‍वर का पुत्र आया, और उसने हमें समझ दी है कि हम उस सत्य को जानें; और हम सत्य में हैं, अर्थात् उसके पुत्र यीशु मसीह में। वही सच्‍चा परमेश्‍वर और अनंत जीवन है।


और उस बड़े अजगर को अर्थात् उस पुराने साँप को, जो इब्लीस और शैतान कहलाता है और समस्त संसार को भरमाता है, पृथ्वी पर फेंक दिया गया, और उसके साथ उसके दूतों को भी फेंक दिया गया।


और अथाह कुंड में डाल दिया तथा उसे बंद करके उस पर मुहर लगा दी, कि जब तक हज़ार वर्ष पूरे न हो जाएँ, वह जाति-जाति के लोगों को फिर न भरमाए। इन बातों के बाद उसका थोड़े समय के लिए खोला जाना आवश्यक है।