तब परमेश्वर ने नूह से कहा, “मैंने सब प्राणियों का अंत करने का निश्चय किया है, क्योंकि उनके कारण पृथ्वी उपद्रव से भर गई है; देख, मैं उन्हें पृथ्वी समेत नष्ट करने पर हूँ।
1 पतरस 3:20 - नवीन हिंदी बाइबल जो उस समय आज्ञा न माननेवाले थे, जब परमेश्वर नूह के दिनों में धीरज से प्रतीक्षा कर रहा था और जहाज़ बनाया जा रहा था। उस जहाज़ में थोड़े ही लोग अर्थात् आठ लोग पानी से बचाए गए। पवित्र बाइबल जो उस समय परमेश्वर की आज्ञा नहीं मानने वाली थी जब नूह की नाव बनायी जा रही थी और परमेश्वर धीरज के साथ प्रतीक्षा कर रहा था उस नाव में थोड़े से अर्थात् केवल आठ व्यक्ति ही पानी से बच पाये थे। Hindi Holy Bible जिन्होंने उस बीते समय में आज्ञा न मानी जब परमेश्वर नूह के दिनों में धीरज धर कर ठहरा रहा, और वह जहाज बन रहा था, जिस में बैठकर थोड़े लोग अर्थात आठ प्राणी पानी के द्वारा बच गए। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उन लोगों ने पूर्वकाल में आज्ञा भंग की थी, जब परमेश्वर नूह के दिनों में जलयान-निर्माण के समय धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा कर रहा था। उस जलयान में प्रवेश कर थोड़े ही अर्थात् आठ व्यक्ति जल के द्वारा बचाये गये थे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जिन्होंने उस बीते समय में आज्ञा न मानी, जब परमेश्वर नूह के दिनों में धीरज धरकर ठहरा रहा, और वह जहाज बन रहा था, जिसमें बैठकर थोड़े लोग अर्थात् आठ प्राणी पानी के द्वारा बच गए। सरल हिन्दी बाइबल ये उस युग की आज्ञा न माननेवाली आत्माएं थी, जब नोहा द्वारा जलयान निर्माण के समय परमेश्वर धीरज के साथ प्रतीक्षा करते रहे थे. उस जलयान में केवल कुछ ही व्यक्ति—कुल आठ—प्रलयकारी जल से सुरक्षित रखे गए थे, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जिन्होंने उस बीते समय में आज्ञा न मानी जब परमेश्वर नूह के दिनों में धीरज धरकर ठहरा रहा, और वह जहाज बन रहा था, जिसमें बैठकर कुछ लोग अर्थात् आठ प्राणी पानी के द्वारा बच गए। |
तब परमेश्वर ने नूह से कहा, “मैंने सब प्राणियों का अंत करने का निश्चय किया है, क्योंकि उनके कारण पृथ्वी उपद्रव से भर गई है; देख, मैं उन्हें पृथ्वी समेत नष्ट करने पर हूँ।
तब यहोवा ने कहा, “मेरा आत्मा मनुष्य के साथ सदा बना न रहेगा, क्योंकि वह तो शरीर है; उसकी आयु एक सौ बीस वर्ष की होगी।”
तब यहोवा ने देखा कि पृथ्वी पर मनुष्य की दुष्टता बढ़ गई है, और उसके मन का प्रत्येक विचार निरंतर बुरा ही होता है।
उसी दिन नूह ने अपने पुत्रों शेम, हाम, और येपेत, और अपनी पत्नी, तथा अपनी तीनों बहुओं सहित जहाज़ में प्रवेश किया था।
परंतु परमेश्वर ने नूह और जितने वनपशु और घरेलू पशु उसके साथ जहाज़ में थे, उन सब की सुधि ली। परमेश्वर ने पृथ्वी पर हवा बहाई, और जल घटने लगा।
क्या ही छोटा है वह फाटक और सकरा है वह मार्ग जो जीवन की ओर ले जाता है, और उसे पानेवाले थोड़े ही हैं।
अतः जिन्होंने उसका वचन ग्रहण किया उन्होंने बपतिस्मा लिया, और उसी दिन लगभग तीन हज़ार लोग उनमें जुड़ गए।
तो क्या हुआ यदि परमेश्वर ने अपना क्रोध दिखाने और अपना सामर्थ्य प्रकट करने की इच्छा से विनाश के लिए तैयार किए गए क्रोध के पात्रों को बड़े धैर्य के साथ सहा,
विश्वास ही से नूह ने उन बातों के विषय में, जो दिखाई नहीं देती थीं, चेतावनी पाकर भक्तिपूर्ण भय के साथ अपने परिवार के बचाव के लिए जहाज़ बनाया, जिसके द्वारा उसने संसार को दोषी ठहराया, और उस धार्मिकता का उत्तराधिकारी हुआ जो विश्वास के अनुसार है।
जब तुमने भाईचारे के निष्कपट प्रेम के लिए अपने मनों को सत्य का पालन करके शुद्ध किया है, तो उत्साहपूर्वक शुद्ध मन से आपस में प्रेम रखो।
तुम तो भटकी हुई भेड़ों के समान थे, परंतु अब तुम अपने प्राणों के चरवाहे और अध्यक्ष के पास लौट आए हो।
इसलिए जो भी परमेश्वर की इच्छा के अनुसार दुःख उठाते हैं, वे भलाई करते हुए अपने आपको विश्वासयोग्य सृष्टिकर्ता के हाथों में सौंप दें।
और उसने प्राचीन काल के संसार को भी न छोड़ा बल्कि भक्तिहीनों के संसार पर जलप्रलय भेजा, पर धार्मिकता के प्रचारक नूह समेत आठ मनुष्यों को बचा लिया;
और हमारे प्रभु के धीरज को उद्धार का अवसर समझो, जैसा हमारे प्रिय भाई पौलुस ने भी उस ज्ञान के अनुसार जो उसे मिला, तुम्हें लिखा है।