फिर थोड़ा आगे बढ़कर वह मुँह के बल गिरा और यह प्रार्थना करने लगा,“हे मेरे पिता, यदि संभव हो तो यह कटोरा मुझसे टल जाए; फिर भी जैसा मैं चाहता हूँ वैसा नहीं, बल्कि जैसा तू चाहता है, वैसा ही हो।”
1 पतरस 3:17 - नवीन हिंदी बाइबल यदि परमेश्वर की इच्छा है कि तुम भलाई करते हुए दुःख उठाओ, तो यह बुराई करके दुःख उठाने से उत्तम है। पवित्र बाइबल यदि परमेश्वर की इच्छा यही है कि तुम दुःख उठाओ तो उत्तम कार्य करते हुए दुःख झेलो न कि बुरे काम करते हुए। Hindi Holy Bible क्योंकि यदि परमेश्वर की यही इच्छा हो, कि तुम भलाई करने के कारण दुख उठाओ, तो यह बुराई करने के कारण दुख उठाने से उत्तम है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यदि परमेश्वर की यही इच्छा है, तो बुराई करने के कारण दण्ड भोगने की अपेक्षा भलाई के कारण दु:ख सहना कहीं अच्छा है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि यदि परमेश्वर की यही इच्छा हो कि तुम भलाई करने के कारण दु:ख उठाओ, तो यह बुराई करने के कारण दु:ख उठाने से उत्तम है। सरल हिन्दी बाइबल भलाई के कामों के लिए दुःख सहना अच्छा है—यदि यही परमेश्वर की इच्छा है—इसके बजाय कि बुराई के लिए दुःख सहा जाए. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि यदि परमेश्वर की यही इच्छा हो कि तुम भलाई करने के कारण दुःख उठाओ, तो यह बुराई करने के कारण दुःख उठाने से उत्तम है। |
फिर थोड़ा आगे बढ़कर वह मुँह के बल गिरा और यह प्रार्थना करने लगा,“हे मेरे पिता, यदि संभव हो तो यह कटोरा मुझसे टल जाए; फिर भी जैसा मैं चाहता हूँ वैसा नहीं, बल्कि जैसा तू चाहता है, वैसा ही हो।”
फिर उसने दूसरी बार जाकर प्रार्थना की,“हे मेरे पिता, यदि यहमेरे पीए बिना टल नहीं सकता, तो तेरी इच्छा पूरी हो।”
बल्कि विदा होते हुए कहा, “यदि परमेश्वर की इच्छा हुई तो मैं तुम्हारे पास फिर आऊँगा।” तब वह इफिसुस से जहाज़ द्वारा चल दिया;
इसलिए तुम मगन होते हो, भले ही अभी थोड़े समय के लिए तुम्हें भिन्न-भिन्न प्रकार की परीक्षाओं के कारण दुःख उठाना पड़ता है,
क्योंकि परमेश्वर की इच्छा यह है कि तुम भले कार्य करने के द्वारा अज्ञानता की बातें बोलनेवाले मूर्ख मनुष्यों का मुँह बंद कर दो।
यदि तुम पाप करके मार खाते और फिर उसे सह लेते हो तो इसमें क्या बड़ाई? परंतु यदि तुम भले कार्य करके दुःख उठाते और उसे सह लेते हो, तो यह परमेश्वर की दृष्टि में प्रशंसनीय है।
परंतु यदि तुम्हें धार्मिकता के कारण दुःख उठाना भी पड़े, तो तुम धन्य हो। लोगों के डराने से न तो डरो और न ही घबराओ,
तुममें से कोई हत्यारा या चोर या किसी प्रकार का बुरा कार्य करनेवाला या दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप करनेवाला होने के कारण दुःख न उठाए;
इसलिए जो भी परमेश्वर की इच्छा के अनुसार दुःख उठाते हैं, वे भलाई करते हुए अपने आपको विश्वासयोग्य सृष्टिकर्ता के हाथों में सौंप दें।