1 थिस्सलुनीकियों 2:6 - नवीन हिंदी बाइबल हमने मनुष्यों से प्रशंसा न चाही, न तुमसे और न दूसरों से, पवित्र बाइबल हमने लोगों से कोई मान सम्मान भी नहीं चाहा। न तुमसे और न ही किसी और से। Hindi Holy Bible और यद्यपि हम मसीह के प्रेरित होने के कारण तुम पर बोझ डाल सकते थे, तौभी हम मनुष्यों से आदर नहीं चाहते थे, और न तुम से, न और किसी से। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) हमने मनुष्यों का सम्मान पाने की चेष्टा नहीं की- न आप लोगों का सम्मान और न दूसरों का- पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और यद्यपि हम मसीह के प्रेरित होने के कारण तुम पर बोझ डाल सकते थे, तौभी हम मनुष्यों से आदर नहीं चाहते थे, और न तुम से, न और किसी से। सरल हिन्दी बाइबल हमने मनुष्यों से सम्मान पाने की भी कोशिश नहीं की; न तुमसे और न किसी और से, मसीह के प्रेरित होने के कारण तुमसे सहायता पाना हमारा अधिकार था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और यद्यपि हम मसीह के प्रेरित होने के कारण तुम पर बोझ डाल सकते थे, फिर भी हम मनुष्यों से आदर नहीं चाहते थे, और न तुम से, न और किसी से। |
तुम जो एक दूसरे से आदर पाते हो और वह आदर नहीं चाहते जो एकमात्र परमेश्वर की ओर से है, तो कैसे विश्वास कर सकते हो?
जो अपनी ओर से बोलता है वह अपनी प्रशंसा चाहता है, परंतु जो अपने भेजनेवाले की प्रशंसा चाहता है वह सच्चा है, और उसमें कोई अधर्म नहीं।
इस कारण अनुपस्थित होते हुए भी मैं ये बातें लिख रहा हूँ, ताकि जब मैं तुम्हारे पास आऊँ तो मुझे उस अधिकार का प्रयोग कठोरता से न करना पड़े जिसे प्रभु ने मुझे तुम्हारे विनाश के लिए नहीं बल्कि उन्नति के लिए दिया है।
क्योंकि हम अपना नहीं बल्कि यीशु मसीह का प्रचार करते हैं कि वह प्रभु है; और हम स्वयं यीशु के कारण तुम्हारे दास हैं।
अब क्या मैं मनुष्यों की कृपा पाने का प्रयास कर रहा हूँ या परमेश्वर की? या फिर, क्या मैं मनुष्यों को प्रसन्न करना चाहता हूँ? यदि मैं अब तक मनुष्यों को प्रसन्न करता रहता तो मसीह का दास न होता।
क्योंकि ख़तनावाले स्वयं तो व्यवस्था का पालन नहीं करते, परंतु तुम्हारा ख़तना इसलिए कराना चाहते हैं कि तुम्हारी शारीरिक दशा पर घमंड करें।
हे भाइयो, तुम्हें हमारे परिश्रम और कष्टों का तो स्मरण होगा कि हमने रात और दिन काम करते हुए तुम्हारे बीच परमेश्वर का सुसमाचार प्रचार किया ताकि हम तुममें से किसी पर बोझ न बनें।
जो प्रवर अच्छा नेतृत्व करते हैं, वे दुगुने आदर के योग्य समझे जाएँ, विशेषकर वे जो वचन के प्रचार और शिक्षा के कार्य में परिश्रम करते हैं।