जो छिपकर अपने पड़ोसी की चुगली करे, उसे मैं नाश करूँगा; जिसकी आँखें चढ़ी हों और जिसका मन घमंडी हो, उसे मैं न सहूँगा।
1 तीमुथियुस 3:11 - नवीन हिंदी बाइबल इसी प्रकार उनकी पत्नियाँ भी सम्माननीय हों; दोष लगानेवाली नहीं बल्कि संयमी और सब बातों में विश्वासयोग्य हों। पवित्र बाइबल इसी प्रकार स्त्रियों को भी सम्मान के योग्य होना चाहिए। वे निंदक नहीं होनी चाहिए बल्कि शालीन और हर बात में विश्वसनीय होनी चाहिए। Hindi Holy Bible इसी प्रकार से स्त्रियों को भी गम्भीर होना चाहिए; दोष लगाने वाली न हों, पर सचेत और सब बातों में विश्वास योग्य हों। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इसी प्रकार धर्मसेविकाएँ परनिन्दक नहीं, बल्कि गम्भीर, संयमी और सब बातों में विश्वसनीय हों। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इसी प्रकार से स्त्रियों को भी गम्भीर होना चाहिए; दोष लगानेवाली न हों, पर सचेत और सब बातों में विश्वासयोग्य हों। सरल हिन्दी बाइबल इसी प्रकार, उनकी पत्नी भी गंभीर हों, न कि गलत बातें करने में लीन रहनेवाली—वे हर एक क्षेत्र में व्यवस्थित तथा विश्वासयोग्य हों. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इसी प्रकार से स्त्रियों को भी गम्भीर होना चाहिए; दोष लगानेवाली न हों, पर सचेत और सब बातों में विश्वासयोग्य हों। |
जो छिपकर अपने पड़ोसी की चुगली करे, उसे मैं नाश करूँगा; जिसकी आँखें चढ़ी हों और जिसका मन घमंडी हो, उसे मैं न सहूँगा।
वह अपनी जीभ से निंदा नहीं करता और न अपने पड़ोसी की बुराई करता है, और न ही अपने मित्र को बदनाम करता है।
कटनी के समय की ठंडी-ठंडी हवा के समान ही विश्वासयोग्य दूत होता है, क्योंकि वह अपने भेजनेवालों अर्थात् अपने स्वामियों का जी ठंडा करता है।
वे किसी वेश्या या अशुद्ध स्त्री से विवाह न करें, और न ही अपने पति के द्वारा त्यागी हुई किसी स्त्री से विवाह करें, क्योंकि याजक अपने परमेश्वर के लिए पवित्र है।
इस पर यीशु ने उनसे कहा,“क्या मैंने तुम बारहों को नहीं चुना? फिर भी तुममें से एक व्यक्ति शैतान है।”
वे सब प्रकार की अधार्मिकता, दुष्टता, लोभ और बुराई से भरकर ईर्ष्या, हत्या, झगड़े, छल और दुर्भावना से भर गए। वे चुगलखोर,
मैं अपने प्रभु मसीह यीशु का जिसने मुझे सामर्थ्य दिया है धन्यवाद करता हूँ, क्योंकि उसने मुझे विश्वासयोग्य समझकर सेवा के लिए नियुक्त किया है।
इसलिए आवश्यक है कि अध्यक्ष निर्दोष, एक ही पत्नी का पति, संयमी, समझदार, सम्माननीय, अतिथि-सत्कार करनेवाला और सिखाने में निपुण हो;
जिन दासों के स्वामी विश्वासी हैं, उनका वे भाई होने के कारण अनादर न करें, बल्कि उनकी और भी सेवा करें; क्योंकि उनकी सेवाओं से जिन्हें लाभ मिलता है वे विश्वासी और प्रिय जन हैं। इन बातों को सिखाता और समझाता रह।
परंतु तू सब बातों में संयमी रह, दुःख उठा, सुसमाचार प्रचार का कार्य कर और अपनी सेवा पूरी कर।
इसी प्रकार वृद्ध स्त्रियों का आचरण भी पवित्र हो। वे न तो दोष लगानेवाली और न ही पियक्कड़ हों, बल्कि अच्छी बातें सिखानेवाली हों,
वे किसी की निंदा न करें, लड़ाई-झगड़ा न करें, शालीन हों और सब मनुष्यों के साथ नम्रतापूर्वक व्यवहार करें।
सचेत और जागते रहो। तुम्हारा विरोधी शैतान, गरजनेवाले सिंह के समान इस ताक में रहता है कि किसको फाड़ खाए।