उसका महिमामय नाम सर्वदा धन्य रहे; और सारी पृथ्वी उसकी महिमा से परिपूर्ण हो। आमीन, फिर आमीन।
1 तीमुथियुस 2:1 - नवीन हिंदी बाइबल अब मैं सब से पहले यह आग्रह करता हूँ कि सब लोगों के लिए विनती, प्रार्थना, मध्यस्थता और धन्यवाद किए जाएँ, पवित्र बाइबल सबसे पहले मेरा विशेष रूप से यह निवेदन है कि सबके लिये आवेदन, प्रार्थनाएँ, अनुरोध और सब व्यक्तियों की ओर से धन्यवाद दिए जाएँ। Hindi Holy Bible अब मैं सब से पहिले यह उपदेश देता हूं, कि बिनती, और प्रार्थना, और निवेदन, और धन्यवाद, सब मनुष्यों के लिये किए जाएं। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं सब से पहले यह अनुरोध करता हूँ कि सभी मनुष्यों के लिए, विशेष रूप से पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) अब मैं सबसे पहले यह आग्रह करता हूँ कि विनती, और प्रार्थना, और निवेदन, और धन्यवाद सब मनुष्यों के लिये किए जाएँ। सरल हिन्दी बाइबल इसलिये सबसे पहली विनती यह है कि सभी के लिए विनती, प्रार्थनाएं, दूसरों के लिए प्रार्थनाएं और धन्यवाद प्रस्तुत किए जाएं, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 अब मैं सबसे पहले यह आग्रह करता हूँ, कि विनती, प्रार्थना, निवेदन, धन्यवाद, सब मनुष्यों के लिये किए जाएँ। |
उसका महिमामय नाम सर्वदा धन्य रहे; और सारी पृथ्वी उसकी महिमा से परिपूर्ण हो। आमीन, फिर आमीन।
इसलिए अब परमेश्वर अज्ञानता के समयों को अनदेखा करके हर स्थान पर सब मनुष्यों को पश्चात्ताप करने की आज्ञा देता है,
पहले तो मैं तुम सब के लिए यीशु मसीह के द्वारा अपने परमेश्वर का धन्यवाद करता हूँ, क्योंकि तुम्हारे विश्वास का प्रचार समस्त संसार में हो रहा है।
परंतु परमेश्वर का धन्यवाद हो कि यद्यपि तुम पाप के दास थे, फिर भी मन से उस शिक्षा के आज्ञाकारी हो गए जिसके साँचे में तुम ढाले गए थे,
मैंने वह सब से मुख्य बात तुम्हें पहुँचा दी जो मुझ तक भी पहुँची थी, कि पवित्रशास्त्र के अनुसार मसीह हमारे पापों के लिए मरा,
इसलिए हमने तीतुस से आग्रह किया कि जैसे उसने यह दान का कार्य आरंभ किया, वैसे ही तुम्हारे बीच उसे पूरा भी करे।
इसलिए मैं चाहता हूँ कि तुम उन क्लेशों के कारण निराश न हो जो मैं तुम्हारे लिए सहता हूँ, क्योंकि इसमें तुम्हारा गौरव है।
और सब बातों के लिए हमारे प्रभु यीशु मसीह के नाम से परमेश्वर पिता का सदा धन्यवाद करते रहो,
हर समय, प्रत्येक विनती और निवेदन सहित आत्मा में प्रार्थना करते रहो; और इसी लिए जागते रहकर पूरे धीरज के साथ सब पवित्र लोगों के लिए विनती किया करो,
किसी भी बात की चिंता मत करो, बल्कि प्रत्येक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और विनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सामने प्रस्तुत किए जाएँ।
और प्रभु ऐसा करे कि तुम एक दूसरे और सब लोगों के लिए प्रेम में वैसे ही बढ़ते और भरपूर होते जाओ, जैसे हम भी तुम्हारे लिए होते हैं,
हे भाइयो, तुम्हारे विषय में हमें परमेश्वर का सदैव धन्यवाद करना चाहिए, और यह उचित भी है, क्योंकि तुम्हारा विश्वास बढ़ रहा है, और एक दूसरे के प्रति तुम सब का प्रेम भी बढ़ता जा रहा है।
जो वास्तव में विधवा है और अकेली है, वह परमेश्वर पर ही आशा रखती है, तथा रात और दिन प्रार्थना और विनती में लगी रहती है;
परमेश्वर के दास को झगड़ालू नहीं होना चाहिए, बल्कि वह सब के साथ भला, शिक्षा देने में निपुण, सहनशील,
वे किसी की निंदा न करें, लड़ाई-झगड़ा न करें, शालीन हों और सब मनुष्यों के साथ नम्रतापूर्वक व्यवहार करें।
हम चाहते हैं कि तुममें से प्रत्येक अपनी आशा के पूर्ण निश्चय के लिए अंत तक ऐसा ही प्रयत्न करता रहे,
इसलिए आपस में अपने-अपने पापों को मान लो और एक दूसरे के लिए प्रार्थना करो कि तुम स्वस्थ किए जाओ। धर्मी जन की प्रार्थना के प्रभाव से बहुत कुछ हो सकता है।