“जो अपने पिता या माता को मुझसे अधिक प्रिय जानता है, वह मेरे योग्य नहीं; और जो अपने बेटे या बेटी को मुझसे अधिक प्रिय जानता है, वह मेरे योग्य नहीं;
1 कुरिन्थियों 16:22 - नवीन हिंदी बाइबल यदि कोई प्रभु से प्रेम नहीं करता तो वह शापित हो। हे हमारे प्रभु, आ! पवित्र बाइबल यदि कोई प्रभु में प्रेम नहीं रखे तो उसे अभिशाप मिले! हे प्रभु, आओ! Hindi Holy Bible हमारा प्रभु आनेवाला है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यदि आप लोगों में कोई “प्रभु” से प्रेम नहीं करता, वह “शापित” हो। प्रभु!आइए! पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यदि कोई प्रभु से प्रेम न रखे तो वह शापित हो। हे हमारे प्रभु, आ! सरल हिन्दी बाइबल जो कोई प्रभु से प्रेम नहीं करता, वह शापित हो. हे हमारे प्रभु आ! इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यदि कोई प्रभु से प्रेम न रखे तो वह शापित हो। हे हमारे प्रभु, आ! |
“जो अपने पिता या माता को मुझसे अधिक प्रिय जानता है, वह मेरे योग्य नहीं; और जो अपने बेटे या बेटी को मुझसे अधिक प्रिय जानता है, वह मेरे योग्य नहीं;
जिसके पास मेरी आज्ञाएँ हैं और जो उनका पालन करता है, वही मुझसे प्रेम रखता है; और जो मुझसे प्रेम रखता है, उससे मेरा पिता प्रेम रखेगा, और मैं उससे प्रेम रखूँगा और अपने आपको उस पर प्रकट करूँगा।”
इस पर यीशु ने उससे कहा,“यदि कोई मुझसे प्रेम रखता है तो वह मेरे वचन का पालन करेगा, और मेरा पिता उससे प्रेम रखेगा, और हम उसके पास आएँगे और उसके साथ वास करेंगे।
यदि मैंने उनके बीच वे कार्य न किए होते जिन्हें किसी और ने नहीं किया, तो वे पापी न ठहरते; परंतु अब उन्होंने मुझे और मेरे पिता दोनों को देखा है और दोनों से घृणा की है।
यीशु ने उनसे कहा,“यदि परमेश्वर तुम्हारा पिता होता तो तुम मुझसे प्रेम रखते, क्योंकि मैं परमेश्वर की ओर से आया और यहाँ हूँ; मैं अपने आपसे नहीं आया बल्कि उसी ने मुझे भेजा है।
उन्होंने मुख्य याजकों और धर्मवृद्धों के पास जाकर कहा, “हमने आपस में शपथ खाकर यह ठाना है कि जब तक पौलुस को मार न डालें, तब तक कुछ न चखेंगे।
मैं यहाँ तक चाहता था कि अपने उन भाइयों के लिए स्वयं ही शापित होकर मसीह से अलग हो जाता जो शारीरिक रीति से मेरे कुटुंबी,
इसलिए मैं तुम्हें यह बता देता हूँ कि जो परमेश्वर के आत्मा के द्वारा बोलता है, यह नहीं कहता, “यीशु शापित है,” और न कोई पवित्र आत्मा के बिना यह कह सकता है, “यीशु प्रभु है।”
मसीह यीशु में न तो ख़तने का कुछ महत्त्व है और न ही बिना ख़तने का, परंतु केवल उस विश्वास का जो प्रेम के द्वारा कार्य करता है।
क्योंकि परमेश्वर ऐसा अन्यायी नहीं कि वह तुम्हारे कार्य और उस प्रेम को भूल जाए जो तुमने उसके नाम के लिए पवित्र लोगों की सेवा करने में दिखाया था, और जिनकी सेवा तुम अब भी कर रहे हो।
तुमने उसे नहीं देखा, फिर भी तुम उससे प्रेम रखते हो, और अब तो उस पर बिना देखे विश्वास करके ऐसे आनंद के साथ मगन होते हो, जो वर्णन से बाहर और महिमा से भरा हुआ है,
अतः तुम विश्वास करनेवालों के लिए यह बहुमूल्य है, परंतु जो विश्वास नहीं करते उनके लिए, “जिस पत्थर को राजमिस्त्रियों ने ठुकरा दिया, वही कोने का प्रमुख पत्थर बन गया,”
प्रत्येक जो यह विश्वास करता है कि यीशु ही मसीह है, वह परमेश्वर से उत्पन्न हुआ है और प्रत्येक जो अपने पिता से प्रेम रखता है वह उससे भी प्रेम रखता है जो पिता से उत्पन्न हुआ है।
जो इन बातों की साक्षी देता है वह यह कहता है,“हाँ, मैं शीघ्र आ रहा हूँ।” आमीन। हे प्रभु यीशु आ!