कि मैं किसी प्रकार अपने लोगों में जलन उत्पन्न कर सकूँ और उनमें से कुछ का उद्धार करवा सकूँ।
1 कुरिन्थियों 10:33 - नवीन हिंदी बाइबल ठीक वैसे ही जैसे मैं भी सब बातों में सब मनुष्यों को प्रसन्न रखता हूँ, और अपना नहीं बल्कि बहुतों का लाभ ढूँढ़ता हूँ कि वे उद्धार पाएँ। पवित्र बाइबल जैसे स्वयं हर प्रकार से हर किसी को प्रसन्न रखने का जतन करता हूँ, और बिना यह सोचे कि मेरा स्वार्थ क्या है, परमार्थ की सोचता हूँ ताकि उनका उद्धार हो। Hindi Holy Bible जैसा मैं भी सब बातों में सब को प्रसन्न रखता हूं, और अपना नहीं, परन्तु बहुतों का लाभ ढूंढ़ता हूं, कि वे उद्धार पाएं। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं भी अपने हित का नहीं, बल्कि दूसरों के हित का ध्यान रख कर सब बातों में सब को प्रसन्न करने का प्रयत्न करता हूँ, जिससे वे मुक्ति प्राप्त कर सकें। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जैसा मैं भी सब बातों में सब को प्रसन्न रखता हूँ, और अपना नहीं परन्तु बहुतों का लाभ ढूँढ़ता हूँ कि वे उद्धार पाएँ। सरल हिन्दी बाइबल ठीक जिस प्रकार मैं भी सबको सब प्रकार से प्रसन्न रखता हूं और मैं अपने भले का नहीं परंतु दूसरों के भले का ध्यान रखता हूं कि उन्हें उद्धार प्राप्त हो. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जैसा मैं भी सब बातों में सब को प्रसन्न रखता हूँ, और अपना नहीं, परन्तु बहुतों का लाभ ढूँढ़ता हूँ, कि वे उद्धार पाएँ। |
कि मैं किसी प्रकार अपने लोगों में जलन उत्पन्न कर सकूँ और उनमें से कुछ का उद्धार करवा सकूँ।
वह अनुचित व्यवहार नहीं करता, अपनी भलाई नहीं चाहता, झुँझलाता नहीं, बुराई का लेखा नहीं रखता;
देखो, मैं तीसरी बार तुम्हारे पास आने को तैयार हूँ, और मैं तुम पर बोझ नहीं बनूँगा; क्योंकि मैं तुम्हारी वस्तुओं को नहीं बल्कि तुम्हें चाहता हूँ। बच्चों को माता-पिता के लिए नहीं बल्कि माता-पिता को बच्चों के लिए धन इकट्ठा करना चाहिए।
क्या तुम अब तक यही सोच रहे हो कि हम तुम्हारे सामने अपना बचाव कर रहे हैं? हम परमेश्वर को उपस्थित जानकर मसीह में बोलते हैं; और हे प्रियो, यह सब तुम्हारी ही उन्नति के लिए है।
अब क्या मैं मनुष्यों की कृपा पाने का प्रयास कर रहा हूँ या परमेश्वर की? या फिर, क्या मैं मनुष्यों को प्रसन्न करना चाहता हूँ? यदि मैं अब तक मनुष्यों को प्रसन्न करता रहता तो मसीह का दास न होता।
वे गैरयहूदियों से उनके उद्धार के लिए बात करने से हमें रोकते हैं। इसके परिणामस्वरूप उनके पापों का घड़ा सदा भरता जाता है; और अब अंततः उन पर प्रकोप आ ही पड़ा है।